11 फिर तो कभी कोई भी जन अपने पड़ोसी को एैसे न सिखाएगा अथवा कोई जन अपने बन्धु से न कभी कहेगा तुम प्रभु को पहचानो। क्योंकि तब तो वे सभी छोटे से लेकर बड़े से बड़े तक मुझे जानेंगे।
11 इसकी आवश्यकता नहीं रहेगी कि सहनागरिक एक-दूसरे को शिक्षा दें अथवा भाई-बहिन एक-दूसरे से कहें, ‘प्रभु का ज्ञान प्राप्त कीजिए’, क्योंकि छोटे और बड़े, सब-के-सब मुझे जानेंगे।
11 तब हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को शिक्षा नहीं देंगे, हर एक व्यक्ति अपने सजातीय को पुनः यह नहीं कहेगा, ‘प्रभु को जान लो,’ क्योंकि वे सभी मुझे जान जाएंगे, छोटे से बड़े तक, यह प्रभु की वाणी है.
“और मेरे पुत्र सुलैमान, तुम, अपने पिता के परमेश्वर को जानते हो। शुद्ध हृदय से परमेश्वर की सेवा करो। परमेश्वर की सेवा करने में अपने हृदय (मस्तिष्क) में प्रसन्न रहो। क्यों? क्योंकि यहोवा जानता है कि हर एक के हृदय (मस्तिष्क) में क्या है। हर बात जो सोचते हो, यहोवा जानता है। यदि तुम यहोवा के पास सहायता के लिये जाओगे, तो तुम्हें वह मिलेगी। किन्तु यदि उसको छोड़ते हो, तो वह तुमको सदा के लिये छोड़ देगा।
राजा हिजकिय्याह ने उन सभी लेवीवंशियों को उत्साहित किया जो अच्छी तरह समझ गये थे कि यहोवा की सेवा कैसे की जाती है। लोगों ने सात दिन तक पर्व मनाया और मेलबलि चढ़ाई। उन्होंने अपने पूर्वजों के यहोवा परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी स्तुति की।
एज्रा मैं तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्राप्त बुद्धि के उपयोग तथा सरकारी और धार्मिक न्यायाधीशों को चुनने का अधिकार देता हूँ। ये लोग फरात नदी के पश्चिम में रहने वाले सभी लोगों के लिये न्यायाधीश होंगे। वे उन सभी लोगों का न्याय करेंगे जो तुम्हारे परमेश्वर के नियमों को जानते हैं। यदि कोई व्यक्ति उन नियमों को नहीं जानता तो वे न्यायाधीश उसे उन नियमों को बताएंगे।
बहुत से लोग वहाँ जाया करेंगे। वे कहा करेंगे, “हमे यहोवा के पर्वत पर जाना चाहिये। हमें याकूब के परमेश्वर के मन्दिर में जाना चाहिये। तभी परमेश्वर हमें अपनी जीवन विधि की शिक्षा देगा और हम उसका अनुसरण करेंगे।” सिय्योन पर्वत पर यरूशलेम में, परमेश्वर यहोवा के उपदेशों का सन्देश का आरम्भ होगा और वहाँ से वह समूचे संसार में फैलेगा।
मैं उन्हें अपने को समझने की इच्छा रखने वाला बनाऊँगा। वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर। मैं यह करूँगा क्योंकि वे बाबुल के बन्दी पूरे हृदय से मेरी शरण में आएंगे।
लोगों को यहोवा को जानने के लिए अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को, शिक्षा देना नहीं पड़ेगी। क्यों क्योंकि सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक सभी मुझे जानेंगे।” यह सन्देश यहोवा का है। “जो बुरा काम उन्होंने कर दिया उसे मैं क्षमा कर दूँगा। मैं उनके पापों को याद नहीं रखूँगा।”
जब वे गेरथ किम्हाम में थे योहानान और होशायाह का पुत्र याजन्याह नामक एक व्यक्ति यिर्मयाह नबी के पास गए। योहानान और याजन्याह के साथ सभी सैनिक अधिकारी गए। बड़े से लेकर बहुत छोटे तक सभी व्यक्ति यिर्मयाह के पास गए।
तब यिर्मयाह ने कारेह के पुत्र योहानान और उसके साथ के सैनिक अधिकारियों को एक साथ बुलाया। यिर्मयाह ने बहुत छोटे व्यक्ति से लेकर बहुत बड़े व्यक्ति तक को भी एक साथ बुलाया।
यहूदा के थोड़े से लोग ही बचे थे। वे लोग यहाँ मिस्र में आए हैं। किन्तु मैं यहूदा के परिवार के उन कुछ बचे लोगों को नष्ट कर दूँगा। वे तलवार के घाट उतरेंगे या भूख से मरेंगे। वे कुछ ऐसे होंगे कि अन्य राष्ट्रों के लोग उनके बारे में बुरा कहेंगे। अन्य राष्ट्र उससे भयभीत होंगे जो उन लोगों के साथ घटित होगा। वे लोग अभिशाप वाणी बन जायेंगे। अन्य राष्ट्र यहूदा के उन लोगों का अपमान करेंगे।
तब वे समझेंगे कि मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ। तब वे समझेंगे कि मैं उनके साथ हूँ। इस्राएल का परिवार समझेगा कि वे मेरे लोग हैं! मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा था!
किन्तु जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुममें तो उस परम पवित्र से प्राप्त अभिषेक वर्तमान है, इसलिए तुम्हें तो आवश्यकता ही नहीं है कि कोई तुम्हें उपदेश दे, बल्कि तुम्हें तो वह आत्मा जिससे उस परम पवित्र ने तुम्हारा अभिषेक किया है, तुम्हें सब कुछ सिखाती है। (और याद रखो, वही सत्य है, वह मिथ्या नहीं है।) उसने तुम्हें जैसे सिखाया है, तुम मसीह में वैसे ही बने रहो।
किन्तु हमको पता है कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें वह ज्ञान दिया है ताकि हम उस परमेश्वर को जान लें जो सत्य है। और यह कि हम उसी में स्थित हैं, जो सत्य है, क्योंकि हम उसके पुत्र यीशु मसीह में स्थिर हैं। परम पिता ही सच्चा परमेश्वर है और वही अनन्त जीवन है।