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इब्रानियों 2:10 - पवित्र बाइबल

10 अनेक पुत्रों को महिमा प्रदान करते हुए उस परमेश्वर के लिए जिसके द्वारा और जिसके लिए सब का अस्तित्व बना हुआ है, उसे यह शोभा देता है कि वह उनके छुटकारे के विधाता को यातनाओं के द्वारा सम्पूर्ण सिद्ध करे।

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Hindi Holy Bible

10 क्योंकि जिस के लिये सब कुछ है, और जिस के द्वारा सब कुछ है, उसे यही अच्छा लगा कि जब वह बहुत से पुत्रों को महिमा में पहुंचाए, तो उन के उद्धार के कर्ता को दुख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 परमेश्‍वर, जिसके कारण और जिसके द्वारा सब कुछ होता है, बहुत-से पुत्र-पुत्रियों को महिमा तक ले जाना चाहता था। इसलिए यह उचित था कि वह उन सब की मुक्‍ति के प्रवर्तक को, अर्थात् येशु को दु:खभोग द्वारा पूर्ण सिद्ध बनाए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 क्योंकि जिसके लिये सब कुछ है और जिसके द्वारा सब कुछ है, उसे यही अच्छा लगा कि जब वह बहुत से पुत्रों को महिमा में पहुँचाए, तो उनके उद्धार के कर्ता को दु:ख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।

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नवीन हिंदी बाइबल

10 परमेश्‍वर को, जिसके लिए और जिसके द्वारा सब कुछ है, यह उचित लगा कि वह अपने अनेक पुत्रों को महिमा में लाने के लिए उनके उद्धार के कर्ता को दुःख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 यह सही ही था कि परमेश्वर, जिनके लिए तथा जिनके द्वारा हर एक वस्तु का अस्तित्व है, अनेक संतानों को महिमा में प्रवेश कराने के द्वारा उनके उद्धारकर्ता को दुःख उठाने के द्वारा सिद्ध बनाएं.

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इब्रानियों 2:10
46 क्रॉस रेफरेंस  

निश्चय ही तू नगर को नष्ट नहीं करेगा। बुरे लोगों को मारने के लिए तू पचास अच्छे लोगों को नष्ट नहीं करेगा। अगर ऐसा हुआ तो अच्छे और बुरे लोग एक ही हो जाएँगे, दोनों को ही दण्ड मिलेगा। तू पूरी पृथ्वी को न्याय देने वाला है। मैं जानता हूँ कि तू न्याय करेगा।”


यहोवा ने अपने उद्देश्य से हर किसी वस्तु को रचा है यहाँ तक कि दुष्ट को भी नाश के दिन के लिये।


यें वे लोग हैं जिन्हें मैंने बनाया है और ये लोग मेरी प्रशंसा के गीत गाया करेंगे।


मैंने अपनी उस शक्ति का दाऊद को साक्षी बनाया था जो सभी राष्ट्रों के लिये थी। मैंने दाऊद का बहुत देशों का प्रशासक और उनका सेनापति बनाया था।”


इस्राएल अन्य जातियों के बीच निज प्रेमियों के पास गया किन्तु अब आपस में इस्राएल निवासियों को मैं इकट्ठा करूँगा। उस शक्तिशाली राजा से वे कुछ सताये जायेंगे।


उनमें से कोई मुक्तिदाता उभरेगा। प्राचीर तोड़ता वहाँ द्वार बनाता, वह अपने लोगों के सामने आयेगा। वे लोग मुक्त होकर उस नगर को छोड़ निकलेंगे। उनके सामने उनका राजा चलेगा। लोगों के सामने उनका यहोवा होगा।


तब उसने उनसे कहा, “जाओ और उस लोमड़ से कहो, ‘सुन मैं लोगों में से दुष्टात्माओं को निकालूँगा, मैं आज भी चंगा करूँगा और कल भी। फिर तीसरे दिन मैं अपना काम पूरा करूँगा।’


“स्वर्ग में परमेश्वर की जय हो और धरती पर उन लोगों को शांति मिले जिनसे वह प्रसन्न है।”


क्या मसीह के लिये यह आवश्यक नहीं था कि वह इन यातनाओं को भोगे और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करे?”


और उसने उनसे कहा, “यह वही है, जो लिखा है कि मसीह यातना भोगेगा और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।


न केवल यहूदियों के लिये बल्कि परमेश्वर की संतान जो तितर-बितर है, उन्हें एकत्र करने के लिये।


फिर जब यीशु ने सिरका ले लिया तो वह बोला, “पूरा हुआ।” तब उसने अपना सिर झुका दिया और प्राण त्याग दिये।


लोगों को जीवन की राह दिखाने वाले को तुमने मार डाला किन्तु परमेश्वर ने मरे हुओं में से उसे फिर से जिला दिया है। हम इसके साक्षी हैं।


उसे ही प्रमुख और उद्धारकर्ता के रूप में महत्त्व देते हुए परमेश्वर ने अपने दाहिने स्थित किया है ताकि इस्राएलियों को मन फिराव और पापों की क्षमा प्रदान की जा सके।


क्योंकि सब का रचने वाला वही है। उसी से सब स्थिर है और वह उसी के लिए है। उसकी सदा महिमा हो! आमीन।


उसने उनकी सही ताकि वह उन लोगों के लाभ के लिए जो दया के पात्र थे और जिन्हें उसने अपनी महिमा पाने के लिए बनाया था, उन पर अपनी महिमा प्रकट कर सके।


इसके स्थान पर हम तो परमेश्वर के उस रहस्यपूर्ण विवेक को देते हैं जो छिपा हुआ था और जिसे अनादि काल से परमेश्वर ने हमारी महिमा के लिये निश्चित किया था।


किन्तु हमारे लिये तो एक ही परमेश्वर है, हमारा पिता। उसी से सब कुछ आता है। और उसी के लिये हम जीते हैं। प्रभु केवल एक है, यीशु मसीह। उसी के द्वारा सब वस्तुओं का अस्तित्व है और उसी के द्वारा हमारा जीवन है।


सो हम सभी अपने खुले मुख के साथ दर्पण में प्रभु के तेज का जब ध्यान करते हैं तो हम भी वैसे ही होने लगते हैं और हमारा तेज अधिकाधिक बढ़ने लगता है। यह तेज उस प्रभु से ही प्राप्त होता है। यानी आत्मा से।


हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है।


और फिर ये सब बातें उस परमेश्वर की ओर से हुआ करती हैं, जिसने हमें मसीह के द्वारा अपने में मिला लिया है और लोगों को परमेश्वर से मिलाप का काम हमें सौंपा है।


“और मैं तुम्हारा पिता बनूँगा, तुम मेरे पुत्र और पुत्री होगे, सर्वशक्तिमान प्रभु यह कहता है।”


यीशु मसीह में विश्वास के कारण तुम सभी परमेश्वर की संतान हो।


ताकि वह आने वाले हर युग में अपने अनुग्रह के अनुपम धन को दिखाये जिसे उसने मसीह यीशु में अपनी दया के रूप में हम पर दर्शाया है।


ताकि वह स्वर्गिक क्षेत्र की शक्तियों और प्रशासकों को अब उस परमेश्वर के बहुविध ज्ञान को कलीसिया के द्वारा प्रकट कर सके।


जब मसीह, जो हमारा जीवन है, फिर से प्रकट होगा तो तुम भी उसके साथ उसकी महिमा में प्रकट होओगे।


इसी कारण परमेश्वर के चुने हुए लोगों के लिये मैं हर दुःख उठाता रहता हूँ ताकि वे भी मसीह यीशु में प्राप्त होने वाले उद्धार को अनन्त महिमा के साथ प्राप्त कर सकें।


हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया।


जहाँ यीशु ने हमारी ओर से हम से पहले प्रवेश किया। वह मिलिकिसिदक की परम्परा में सदा सर्वदा के लिए प्रमुख याजक बन गया।


ऐसा ही महायाजक हमारी आवश्यकता को पूरा कर सकता है, जो पवित्र हो, दोषरहित हो, शुद्ध हो, पापियों के प्रभाव से दूर रहता हो, स्वर्गों से भी जिसे ऊँचा उठाया गया हो।


किन्तु परमेश्वर ने शपथ के साथ एक वाचा दिया। यह वाचा व्यवस्था के विधान के बाद आया और इस वाचा ने प्रमुख याजक के रूप में पुत्र को नियुक्त किया जो सदा-सदा के लिए सम्पूर्ण बन गया।


उन्हें यह दर्शा दिया गया था कि उन बातों का प्रवचन करते हुए वे स्वयं अपनी सेवा नहीं कर रहे थे बल्कि तुम्हारी कर रहे थे। वे बातें स्वर्ग से भेजे गए पवित्र आत्मा के द्वारा तुम्हें सुसमाचार का उपदेश देने वालों के माध्यम से बता दी गई थीं। और उन बातों को जानने के लिए तो स्वर्गदूत तक तरसते हैं।


अब मैं तुम्हारे बीच जो बुज़ुर्ग हैं, उनसे निवेदन करता हूँ: मैं, जो स्वयं एक बुज़ुर्ग हूँ और मसीह ने जो यातनाएँ झेली हैं, उनका साक्षी हूँ तथा वह भावी महिमा जो प्रकट होने को है, उसका सहभागी हूँ।


किन्तु सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत परमेश्वर जिसने तुम्हें यीशु मसीह में अनन्त महिमा का सहभागी होने के लिए बुलाया है, तुम्हारे थोड़े समय यातनाएँ झेलने के बाद स्वयं ही तुम्हें फिर से स्थापित करेगा, समर्थ बनाएगा और स्थिरता प्रदान करेगा।


“हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।”


इसके बाद मैंने देखा कि मेरे सामने एक विशाल भीड़ खड़ी थी जिसकी गिनती कोई नहीं कर सकता था। इस भीड़ में हर जाति के हर वंश के, हर कुल के तथा हर भाषा के लोग थे। वे उस सिंहासन और उस मेमने के आगे खड़े थे। वे श्वेत वस्त्र पहने थे और उन्होंने अपने हाथों में खजूर की टहनियाँ ली हुई थीं।


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