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इफिसियों 1:11 - पवित्र बाइबल

11 सब बातें योजना और परमेश्वर के निर्णय के अनुसार की जाती हैं। और परमेश्वर ने अपने निजी प्रयोजन के कारण ही हमें उसी मसीह में संत बनने के लिये चुना है। यह उसके अनुसार ही हुआ जिसे परमेश्वर ने अनादिकाल से सुनिश्चित कर रखा था।

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Hindi Holy Bible

11 उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जाकर मीरास बने।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11-12 परमेश्‍वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। अपने उद्देश्‍य के अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम मसीह में विरासत प्राप्‍त करें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्‍तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 उसी में जिसमें हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहले से ठहराए जाकर मीरास बने

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नवीन हिंदी बाइबल

11 उसी में जिसमें हम भी उसके उद्देश्य के अनुसार, जो अपनी इच्छा के निर्णय के अनुसार सब कुछ करता है, पहले से ही उत्तराधिकारी ठहराए गए हैं,

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सरल हिन्दी बाइबल

11 उन्हीं में उनके उद्देश्य के अनुरूप, जो अपनी इच्छा के अनुसार सभी कुछ संचालित करते हैं, हमने पहले से ठहराए जाकर एक मीरास प्राप्‍त की है,

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इफिसियों 1:11
40 क्रॉस रेफरेंस  

और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।


ताकि तुम तुम्हारे लिए स्वर्ग में सुरक्षित रूप से रखे हुए अजर-अमर दोष रहित अविनाशी उत्तराधिकार को पा लो।


वह आत्मा हमारे उत्तराधिकार के भाग की जमानत के रूप में उस समय तक के लिये हमें दिया गया है, जब तक कि वह हमें, जो उसके अपने है, पूरी तरह छुटकारा नहीं दे देता। इसके कारण लोग उसकी महिमा की प्रशंसा करेंगे।


यह उस सनातन प्रयोजन के अनुसार सम्पन्न हुआ जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में पूरा किया था।


क्योंकि यदि उत्तराधिकार व्यवस्था के विधान पर टिका है तो फिर वह वचन पर नहीं टिकेगा। किन्तु परमेश्वर ने उत्तराधिकार वचन के द्वारा मुक्त रूप से इब्राहीम को दिया था।


परमेश्वर इसे उन लोगों के लिए, पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता था, जिन्हें उसे पाना था, जिसे देने की उसने प्रतिज्ञा की थी कि वह अपने प्रयोजन को कभी नहीं बदलेगा। इसलिए अपने वचन के साथ उसने अपनी शपथ को जोड़ दिया।


अब परमेश्वर ने हमें अपनी अनुग्रह के द्वारा निर्दोष ठहराया है ताकि जिसकी हम आशा कर रहे थे उस अनन्त जीवन के उत्तराधिकार को पा सकें।


और क्योंकि हम उसकी संतान हैं, हम भी उत्तराधिकारी हैं, परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के साथ हम उत्तराधिकारी यदि वास्तव में उसके साथ दुःख उठाते हैं तो हमें उसके साथ महिमा मिलेगी ही।


उस परम पिता का धन्यवाद करो, जिसने तुम्हें इस योग्य बनाया कि परमेश्वर के उन संत जनों के साथ जो प्रकाश में जीवन जीते हैं, तुम उत्तराधिकार पाने में सहभागी बन सके।


याद रखो कि तुम्हें प्रभु से उत्तराधिकार का प्रतिफल प्राप्त होगा। अपने स्वामी मसीह की सेवा करते रहो


उनकी आँखें खोलने, उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर लाने और शैतान की ताकत से परमेश्वर की ओर मोड़ने के लिये, तुझे भेज रहा हूँ, उनसे तेरी रक्षा करता रहूँगा। इससे वे पापों की क्षमा प्राप्त करेंगे और उन लोगों के बीच स्थाऩ पायेंगे जो मुझ में विश्वास के कारण पवित्र हुए हैं।’”


“अब मैं तुम्हें परमेश्वर और उसके सुसंदेश के अनुग्रह के हाथों सौंपता हूँ। वही तुम्हारा निर्माण कर सकता है और तुम्हें उन लोगों के साथ जिन्हें पवित्र किया जा चुका है, तुम्हारा उत्तराधिकार दिला सकता है।


इस पुरूष को परमेश्वर की निश्चित योजना और निश्चित पूर्व ज्ञान के अनुसार तुम्हारे हवाले कर दिया गया, और तुमने नीच मनुष्यों की सहायता से उसे क्रूस पर चढ़ाया और कीलें ठुकवा कर मार डाला।


क्योंकि मैं परमेश्वर की सम्पूर्ण इच्छा को तुम्हें बताने में कभी नहीं हिचकिचाया हूँ।


वे इकट्ठे हुए ताकि तेरी शक्ति और इच्छा के अनुसार जो कुछ पहले ही निश्चित हो चुका था, वह पूरा हो।


हे यहोवा, तू महान कार्यों की योजना बनाता और उन्हें करता है। तू वह सब देखता है जिन्हें लोग करते हैं और उन्हें पुरस्कार देता है जो अच्छे काम करते हैं तथा उन्हें दण्ड देता है जो बुरे काम करते हैं, तू उन्हें वह देता है जिनके वे पात्र हैं।


शुद्ध सज्जनों को यहोवा उनके जीवन भर बचाता है। उनका प्रतिफल सदा बना रहेगा।


एक बुराई का बदला दूसरी बुराई से मत दो। अथवा अपमान के बदले अपमान मत करो बल्कि बदले में आशीर्वाद दो क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हें ऐसा ही करने को बुलाया है। इसी से तुम्हें परमेश्वर के आशीर्वाद का उत्तराधिकार मिलेगा।


शास्त्र कहता है: “प्रभु के मन को कौन जानता है? और उसे सलाह देने वाला कौन हो सकता हैं?”


वह यहोवा का मंदिर बनाएगा, और वह सम्मान पाएगा। वह अपने राजसिंहासन पर बैठेगा, और शासक होगा। उसके सिंहासन के बगल में एक याजक खङा होगा। और ये दोनों व्यक्ति शान्तिपूर्वक एक साथ काम करेंगे।’


किन्तु इन नबियों में से कोई भी स्वर्गीय परिषद में सम्मिलित नहीं हुआ है। उनमें से किसी ने भी यहोवा के सन्देश को न देखा है न ही सुना है। उनमें से किसी ने भी यहोवा के सन्देश पर गम्भीरता से ध्यान नहीं दिया है।


सर्वशक्तिमान यहोवा से यह पाठ मिलता है। यहोवा अद्भुत सलाह देता है। यहोवा सचमुच बहुत बुद्धिमान है।


वे लोग कहा करते हैं, “काश! परमेश्वर जो उसकी योजना है, उसे जल्दी ही पूरा कर दे। ताकि हम जान जायें कि क्या घटने वाला है। हम तो यह चाहते हैं कि परमेश्वर की योजनाएँ जल्दी ही घटित हो जायें ताकि हम यह जान लें कि उसकी योजना क्या है।”


किन्तु यहोवा तुम्हें मिस्र से बाहर लाया है जो तुम्हारे लिए लोहे की भट्टी थी। वह तुम्हें इसलिए लाया कि तुम उसके निज लोग वैसे ही बन सको जैसे तुम आज हो।


मेरे परामर्श और न्याय उचित होते हैं। मेरे पास समझ—बूझ और सामर्थ्य है।


हे मेरे प्यारे भाईयों, सुनो क्या परमेश्वर ने संसार की आँखों में उन निर्धनों को विश्वास में धनी और उस राज्य के उत्तराधिकारी के रूप में नहीं चुना, जिसका उसने, जो उसे प्रेम करते हैं, देने का वचन दिया है।


उसने हमें अपनी इच्छा के रहस्य को बताया है।


विवेक और सामर्थ्य परमेश्वर के साथ रहते है, सम्मत्ति और सूझ—बूझ उसी की ही होती है।


“परमेश्वर व्यक्ति के साथ ऐसा बार—बार करता है,


हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है। मैं तेरे नाम की स्तुति करता हूँ और मैं तुझे सम्मान देता हूँ। तूने अनेक अद्भुत कार्य किये हैं। जो भी शब्द तूने बहुत पहले कहे थे वे पूरी तरह से सत्य हैं। हर बात वैसी ही घटी जैसे तूने बतायी थी।


ग़ैर यहूदियों ने जब यह सुना तो वे बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने प्रभु के वचन का सम्मान किया। फिर उन्होंने जिन्हें अनन्त जीवन पाने के लिये निश्चित किया था, विश्वास ग्रहण कर लिया।


जिन्हें उसने पहले ही चुना उन्हें पहले ही अपने पुत्र के रूप में ठहराया ताकि बहुत से भाइयों में वह सबसे बड़ा भाई बन सके।


जिन्हें उसने पहले से निश्चित किया, उन्हें भी उसने बुलाया और जिन्हें उसने बुलाया, उन्हें उसने धर्मी ठहराया और जिन्हें उसने धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी प्रदान की।


तो बेटों के पैदा होने से पहले और उनके कुछ भी भला बुरा करने से पहले कहा गया था जिससे परमेश्वर का वह प्रयोजन सिद्ध हो जो चुनाव से सिद्ध होता है।


जैसा कि मसीह के द्वारा वह हमें दिखाना चाहता था।


मेरी विनती है कि तुम्हारे हृदय की आँखें खुल जायें और तुम प्रकाश का दर्शन कर सको ताकि तुम्हें पता चल जाये कि वह आशा क्या है जिसके लिये तुम्हें उसने बुलाया है। और जिस उत्तराधिकार को वह अपने सभी लोगों को देगा, वह कितना अद्भुत और सम्पन्न है।


उसने हमारे लिये अपने आपको दे डाला। ताकि वह सभी प्रकार की दुष्टताओं से हमें बचा सके और अपने चुने हुए लोगों के रूप में अपने लिये हमें शुद्ध कर ले—हमें, जो उत्तम कर्म करने को लालायित है।


हमारे पर का पालन करें:

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