22 तुम मुझे अग्नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हो, पर मैं उनको स्वीकार नहीं करूंगा। सहभागिता-बलि के रूप में चढ़ाए गए तुम्हारे मोटे-ताजे पशुओं की चर्बी पर मैं नजर भी नहीं डालूंगा।
22 भले ही तुम मुझे होमबलि और अन्नबलि चढ़ाओ, पर मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूंगा. भले ही तुम मुझे अपना मनपसंद मेल बलि चढ़ाओ, पर मेरे लिये उनका कोई मतलब नहीं होगा.
मुझे बलि के रूप में अर्पित करने को कुछ लोग बैल का वध किया करते हैं किन्तु वे लोगों से मारपीट भी करते हैं। मुझे अर्पित करने को ये भेड़ों को मारते हैं किन्तु ये कुत्तों की गर्दन भी तोड़ते हैं और सुअरों का लहू ये मुझ पर चढ़ाते हैं। ऐसे लोगों को धूप के जलाने की याद बनी रहा करती हैं किन्तु वे व्यर्थ की अपनी प्रतिमाओं से प्रेम करते हैं। ऐसे ये लोग अपनी मनचीती राहों पर चला करते हैं, मेरी राहों पर नहीं। वे पूरी तरह से अपने घिनौने मूर्ति के प्रेम में डूबे हैं।
यदि कोई व्यक्ति मेरी स्तुति और धन्यवादों की बलि चढ़ाये, तो वह सचमुच मेरा मान करेगा। यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन बदल डाले तो उसे मैं परमेश्वर की शक्ति दिखाऊँगा जो बचाती है।”
परमेश्वर कहता है, “मुझे यें सभी बलियाँ नहीं चाहिये। मैं तुम्हारे भेड़ों और पशुओं की चर्बी की पर्याप्त होमबलियाँ ले चुका हूँ। बैलों, मेमनों, बकरों के खून से मैं प्रसन्न नहीं हूँ।
यहोवा कहता है, “तुम शबा देश से मुझे सुगन्धि की भेंट क्यों लाते हो तुम भेंट के रूप में दूर देशों से सुगन्धि क्यों लाते हो तुम्हारी होमबलि मुझे प्रसन्न नहीं करती। तुम्हारी बलि मुझे खुश नहीं करती।”
यहूदा के लोगों के बारे में यहोवा जो कहता है, वह यह है: “यहूदा के लोग सचमुच मुझे छोड़ने में प्रसन्न हैं। वे लोग मुझे छोड़ना अब भी बन्द नहीं करते। अत: अब यहोवा उन्हें नहीं अपनायेगा। अब यहोवा उनके बुरे कामों को याद रखेगा जिन्हें वे करते हैं। यहोवा उन्हें उनके पापों के लिये दण्ड देगा।”
“याजकों, तुम्हें यहोवा से हमारे लिए अच्छा बने रहने की प्रार्थना करनी चाहिये। किन्तु वह तुम्हारी नहीं सुनेगा और यह सारा दोष तुम्हारा है।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
किन्तु शमूएल ने उत्तर दिया, “यहोवा को इन दो में से कौन अधिक प्रसन्न करता है: होमबलियाँ और बलियाँ या यहोवा की आज्ञा का पालन करना? यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया जाये इसकी अपेक्षा कि उसे बलि भेंट की जाये। यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की बातें सुनी जायें इसकी अपेक्षा कि मेढ़ों से चर्बी—भेंट की जाये।