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अय्यूब 7:6 - पवित्र बाइबल

6 “मेरे दिन जुलाहे की फिरकी से भी अधिक तीव्र गति से बीत रहें हैं। मेरे जीवन का अन्त बिना किसी आशा के हो रहा है।

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Hindi Holy Bible

6 मेरे दिन जुलाहे की धड़की से अधिक फुतीं से चलने वाले हैं और निराशा में बीते जाते हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

6 मेरे जीवन का हर दिन जुलाहे की ढरकी से अधिक तेजी से गुजरता है; वह बिना किसी आशा के यों ही बीत जाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

6 मेरे दिन जुलाहे की ढरकी से अधिक फुर्ती से चलनेवाले हैं और निराशा में बीते जाते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

6 “मेरे दिनों की गति तो बुनकर की धड़की की गति से भी अधिक है, जब वे समाप्‍त होते हैं, आशा शेष नहीं रह जाती.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

6 मेरे दिन जुलाहे की ढरकी से अधिक फुर्ती से चलनेवाले हैं और निराशा में बीते जाते हैं।

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अय्यूब 7:6
23 क्रॉस रेफरेंस  

चाहे परमेश्वर मुझे मार दे। मुझे कुछ आशा नहीं है, तो भी मैं अपना मुकदमा उसके सामने लड़ूँगा।


जल पत्थरों के ऊपर से बहता है और उन को घिस डालता है तथा धरती की मिट्टी को जल बहाकर ले जाती है। हे परमेश्वर, उसी तरह व्यक्ति की आशा को तू बहा ले जाता है।


“कुछ ही वर्ष बाद मैं वहाँ चला जाऊँगा जहाँ से फिर मैं कभी वापस न आऊँगा (मृत्यु)।


“मेरा मन टूट चुका है। मेरा मन निराश है। मेरा प्राण लगभग जा चुका है। कब्र मेरी बाट जोह रही है।


मेरा जीवन यूँ ही बात रहा है। मेरी याजनाऐं टूट गई है और आशा चली गई है।


किन्तु यदि वह मेरी एकमात्र आशा है तब तो कोई आशा मुझे नहीं हैं और कोई भी व्यक्ति मेरे लिये कोई आशा नहीं देख सकता है।


क्या मेरी आशा भी मेरे साथ मृत्यु के द्वार तक जायेगी? क्या मैं और मेरी आशा एक साथ धूल में मिलेंगे?”


जब तक मेरा प्राण नहीं निकल जाता, परमेश्वर मुझ को करवट दर करवट पटकियाँ देता है। वह मेरी आशा को ऐसे उखाड़ता है जैसे कोई जड़ से वृक्ष को उखाड़ दे।


“मेरी शक्ति क्षीण हो चुकी है अत: जीते रहने की आशा मुझे नहीं है। मुझ को पता नहीं कि अंत में मेरे साथ क्या होगा इसलिये धीरज धरने का मेरे पास कोई कारण नहीं है।


“किसी तेज धावक से तेज मेरे दिन भाग रहे हैं। मेरे दिन उड़ कर बीत रहे हैं और उनमें कोई प्रसन्नता नहीं है।


मेरे जीवन का लगभग अंत हो चुका है। वैसे ही जैसे शाम को लम्बी छायाएँ खो जाती है। मैं वैसा ही हूँ जैसे सूखी और मुरझाती घास।


मनुष्य का जीवन एक फूँक के समान होता है। मनुष्य का जीवन ढलती हुई छाया सा होता है।


जब दुष्ट जन पर विपदा पड़ती है तब वह हार जाते हैं किन्तु धर्मी जन तो मृत्यु में भी विजय हासिल करते हैं।


यहूदा, देवमूर्तियों के पीछे दौड़ना बन्द करो। उन अन्य देवताओं के लिये प्यास को बुझ जाने दो। किन्तु तुम कहते हो, ‘यह व्यर्थ है! मैं छोड़ नहीं सकता! मैं उन अन्य देवताओं से प्रेम करता हूँ। मैं उनकी पूजा करना चाहता हूँ।’


उस समय तुम बिना मसीह के थे, तुम इस्राएल की बिरादरी से बाहर थे। परमेश्वर ने अपने भक्तों को जो वचन दिए थे उन पर आधारित वाचा से अनजाने थे। तथा इस संसार में बिना परमेश्वर के निराश जीवन जीते थे।


सूरज कड़कड़ाती धूप लिए उगता है और पौधों को सुखा डालता है। उनकी फूल पत्तियाँ झड़ जाती हैं और सुन्दरता समाप्त हो जाती है। इसी प्रकार धनी व्यक्ति भी अपनी भाग दौड़ के साथ समाप्त हो जाता है।


किन्तु तुम तो इतना भी नहीं जानते कि कल तुम्हारे जीवन का क्या बनेगा! देखो, तुम तो उस धुंध के समान हो जो थोड़ी सी देर को उठती है और फिर खो जाती है।


इसलिए मानसिक रूप से सचेत रहो और अपने पर नियन्त्रण रखो। उस वरदान पर पूरी आशा रखो जो यीशु मसीह के प्रकट होने पर तुम्हें दिया जाने को है।


क्योंकि शास्त्र कहता है: “सभी प्राणी घास की तरह हैं, और उनकी सज-धज जंगली फूल की तरह है। घास मर जाती है और फूल गिर जाते हैं।


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