अय्यूब 42:11 - पवित्र बाइबल11 अय्यूब के सभी भाई और बहनें अय्यूब के घर वापस आ गये और हर कोई जो अय्यूब को पहले जानता था, उसके घर आया। अय्यूब के साथ उन सब ने एक बड़ी दावत में खाना खाया। क्योंकि यहोवा ने अय्यूब को बहुत कष्ट दिये थे, इसलिये उन्होंने अय्यूब को सान्त्वना दी। हर किसी व्यक्ति ने अय्यूब को चाँदी का एक सिक्का और सोने की एक अंगूठी भेंट में दीं। अध्याय देखेंHindi Holy Bible11 तब उसके सब भाई, और सब बहिनें, और जितने पहिले उसको जानते पहिचानते थे, उन सभों ने आकर उसके यहां उसके संग भोजन किया; और जितनी विपत्ति यहोवा ने उस पर डाली थी, उस सब के विषय उन्होंने विलाप किया, और उसे शान्ति दी; और उसे एक एक सिक्का ओर सोने की एक एक बाली दी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)11 तब अय्यूब के सब भाई-बहिन और सब पूर्व-परिचित लोग उसके पास आए; और उन्होंने उसके घर में उसके साथ भोजन किया। जो विपत्ति प्रभु ने अय्यूब पर डाली थी, उसके लिए उन्होंने अय्यूब के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित की, और उसको सांत्वना दी। भेंट के रूप में उन्होंने अय्यूब को एक-एक अशर्फी और सोने की एक-एक अंगूठी दी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)11 तब उसके सब भाई, और सब बहिनें, और जितने पहले उसको जानते पहिचानते थे, उन सभों ने आकर उसके यहाँ उसके संग भोजन किया; और जितनी विपत्ति यहोवा ने उस पर डाली थी, उस सब के विषय उन्होंने विलाप किया, और उसे शान्ति दी; और उसे एक एक सिक्का और सोने की एक एक बाली दी। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल11 कालांतर उनके समस्त भाई बहनों तथा पूर्व परिचितों ने उनके घर पर आकर भोज में उनके साथ संगति की. उन्होंने उन पर याहवेह द्वारा समस्त विपत्तियों के संबंध में सहानुभूति एवं सांत्वना दी. उनमें से हर एक ने अय्योब को धनराशि एवं सोने के सिक्के भेंट में दिये. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201911 तब उसके सब भाई, और सब बहनें, और जितने पहले उसको जानते-पहचानते थे, उन सभी ने आकर उसके यहाँ उसके संग भोजन किया; और जितनी विपत्ति यहोवा ने उस पर डाली थी, उन सब के विषय उन्होंने विलाप किया, और उसे शान्ति दी; और उसे एक-एक चाँदी का सिक्का और सोने की एक-एक बाली दी। अध्याय देखें |
अय्यूब के तीन मित्र थे:तेमानी का एलीपज, शूही का बिलदद और नामाती का सोपर। इन तीनों मित्रों ने अय्यूब के साथ जो बुरी घटनाएँ घटी थीं, उन सब के बारे में सुना। ये तीनों मित्र अपना—अपना घर छोड़कर आपस में एक दूसरे से मिले। उन्होंने निश्चय किया कि वे अय्यूब के पास जा कर उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करें और उसे ढाढस बँधायें।
जब इस्राएल के लोगों ने मिस्र छोड़ा तब वे यूसुफ के शरीर की हड्डियाँ अपने साथ लाए थे। इसलिए लोगों ने यूसुफ की हड्डियाँ शकेम में दफनाईं। उन्होंने हड्डियों को उस प्रदेश के क्षेत्र में दफनाया जिसे याकूब ने शकेम के पिता हमोर के पुत्रों से खरीदा था। याकूब ने उस भूमि को चाँदी के सौ सिक्कों से खरीदा था। यह प्रदेश यूसुफ की सन्तानों का था।
किन्तु कुछ उत्पातियों ने कहा, “यह व्यक्ति हम लोगों की रक्षा कैसे कर सकता है।?” उन्होंने शाऊल की निन्दा की और उसे उपहार देने से इन्कार किया। किन्तु शाऊल ने कुछ नहीं कहा। अम्मोनियों का राजा नाहाश गिलाद और याबेश के परिवार समूह को कष्ट दे रहा था। नाहाश ने उनके हर एक पुरुष की दायीं आँख निकलवा डाली थी। नाहाश किसी को उनकी सहायता नहीं करने देता था। अम्मोनियों के राजा नाहाश ने यरदन नदी के पूर्व रहने वाले हर एक इस्राएली पुरुष की दायीं आँख निकलवा ली थी। किन्तु सत्तर हजार इस्राएली पुरुष अम्मोनियों के यहाँ से भाग निकले और याबेश गिलाद में आ गये।