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अय्यूब 3:5 - पवित्र बाइबल

5 काश! वह दिन अंधकारपूर्ण बना रहता जितना कि मृत्यु है। काश! बादल उस दिन को घेरे रहते। काश! जिस दिन मैं पैदा हुआ काले बादल प्रकाश को डरा कर भगा सकते।

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Hindi Holy Bible

5 अन्धियारा और मृत्यु की छाया उस पर रहे। बादल उस पर छाए रहें; और दिन को अन्धेरा कर देने वाली चीज़ें उसे डराएं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 अंधकार और मृत्‍यु की छाया उस पर अपना अधिकार जमायें; काली घटाएँ उस पर छा जाएँ, दिन की सघन रेतीली हवाएँ उसको डराएँ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 अन्धकार और मृत्यु की छाया उस पर रहे। बादल उस पर छाए रहें; और दिन को अन्धेरा कर देनेवाली चीजें उसे डराएँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

5 अंधकार तथा मृत्यु के बादल बने रहें; उस पर एक बादल आ जाए; दिन का अंधकार उसको डराने का कारण हो जाए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

5 अंधियारा और मृत्यु की छाया उस पर रहे। बादल उस पर छाए रहें; और दिन को अंधेरा कर देनेवाली चीजें उसे डराएँ।

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अय्यूब 3:5
25 क्रॉस रेफरेंस  

मेरा मुख रोते—बिलखते लाल हुआ। मेरी आँखों के नीचे काले घेरे हैं।


उन दुष्ट लोगों का अंधकार सुबह सा होता है, वे आतंक व अंधेरे के मित्र होते है।


लोग गुफाओं में प्रकाश को लाते हैं वे गुफाओं की गहराई में खोजा करते हैं, गहरे अन्धेरे में वे खनिज की चट्टानें खोजते हैं।


काश! वह दिन अंधकारमय होता, काश! परमेश्वर उस दिन को भूल जाता, काश! उस दिन प्रकाश न चमका होता।


उस रात को गहरा अंधकार जकड़ ले, उस रात की गिनती न हो। उस रात को किसी महीने में सम्मिलित न करो।


कोई जगह अंधेरे से भरी हुई नहीं है, और कोई जगह ऐसी नहीं है जहाँ इतना अंधेरा हो कि कोई भी दुष्ट व्यक्ति अपने को परमेश्वर से छिपा पाये।


अय्यूब, क्या तूने कभी उस फाटकों को देखा है, जो मृत्यु लोक को ले जाते हैं? क्या तूने कभी उस फाटकों को देखा जो उस मृत्यु के अन्धेरे स्थान को ले जाते हैं?


परमेश्वर के कुछ भक्त बन्दी बने ऐसे बन्दीगृह में, वे तालों में बंद थे, जिसमें घना अंधकार था।


परमेश्वर ने उनको उनके अंधेरे कारागारों से उबार लिया। परमेश्वर ने वे रस्से काटे जिनसे उनको बाँधा गया था।


मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा, क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है। तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।


किन्तु, हे यहोवा, तूने हमें इस स्थान पर ऐसे ठूँस दिया है जहाँ गीदड़ रहते हैं। तूने हमें इस स्थान में जो मृत्थु की तरह अंधेरा है मूँद दिया है।


यद्यपि आज ये लोग अन्धकार में निवास करते हैं, किन्तु इन्हें महान प्रकाश का दर्शन होगा। ये लोग एक ऐसे अन्धेरे स्थान में रहते हैं जो मृत्य़ु के देश के समान है। किन्तु वह “अद्भुत ज्योति” उन पर प्रकाशित होगा।


अपने परमेश्वर यहोवा का सम्मान करो, उसकी स्तुति करो नहीं तो वह अंधकार लाएगा। अंधेरी पहाड़ियों पर लड़खड़ाने और गिरने से पहले उसकी स्तुति करो। यहूदा के लोगों, तुम प्रकाश की आशा करते हो। किन्तु यहोवा प्रकाश को घोर अंधकार में बदलेगा। यहोवा प्रकाश को अति गहन अंधकार से बदल देगा।


तुम्हारे पूर्वजों ने यह नहीं कहा, ‘यहोवा ने हमें मिस्र से निकाला। यहोवा ने मरुभूमि में हमारा नेतृत्व किया। यहोवा हमे सूखे चट्टानी प्रदेश से लेकर आया, यहोवा ने हमें अन्धकारपूर्ण और भयपूर्ण देशों में राह दिखाई। कोई भी लोग वहाँ नहीं रहते कोई भी लोग उस देश से यात्रा नहीं करते। लेकिन यहोवा ने उस प्रदेश में हमारा नेतृत्व किया। अत: वह यहोवा अब कहाँ हैं?’


अत: इस देश के लोग मेरे लोगों के लिये रोयेंगे। आकाश अँधकारपूर्ण होगा। मैंने कह दिया है, और बदलूँगा नहीं। मैंने एक निर्णय किया है, और मैं अपना विचार नहीं बदलूँगा।”


वह दिन समीप है! हाँ, न्याय करने का यहोवा का दिन समीप है। यह एक दुर्दिन होगा। यह राष्ट्रों के साथ न्याय करने का समय होगा!


यदि कोई गड़ेरिया अपनी भेड़ों के साथ उस समय है जब उसकी भेड़ें दूर भटकने लगी हों तो वह उनको खोजने जाएगा। उसी प्रकार मैं अपनी भेड़ों की खोज करूँगा। मैं अपनी भेड़ों को बचाऊँगा। मैं उन्हें उन स्थानों से लौटाऊँगा जहाँ वे उस बदली तथा अंधेरे में भटक गई थीं।


वह दिन अंधकार भरा होगा, वह दिन उदासी का होगा, वह दिन काला होगा और वह दिन दुर्दिन होगा। भोर की पहली किरण के साथ तुम्हें पहाड़ पर सेना फैलती हुई दिखाई देगी। वह सेना विशाल और शक्तिशीली भी होगी। ऐसा पहले तो कभी भी घटा नहीं था और आगे भी कभी ऐसा नहीं घटेगा, न ही भूत काल में, न ही भविष्य में।


मैं तुम्हारे पवित्र दिनों को मृतकों के लिये शोक—दिवस में बदलूँगा। तुम्हारे सभी गीत मृतकों के लिये शोक गीत बनेंगे। मैं हर एक को शोक वस्त्र पहनाऊँगा। मैं हर एक सिर को मुँड़वा दूँगा। मैं ऐसा गहरा शोक भरा रोना बनाऊँगा मानो वह एक मात्र पुत्र के शोक का हो। यह एक अत्यन्त कटु अन्त होगा।”


जो लोग अँधेरे में जी रहे थे उन्होंने एक महान ज्योति देखी और जो मृत्यु की छाया के देश में रहते थे उन पर, ज्योति के प्रभात का एक प्रकाश फैला।”


उन पर चमकने के लिये जो मौत की गहन छाया में जी रहे हैं ताकि हमारे चरणों को शांति के मार्ग की दिशा मिले।”


तुम समीप आए और पर्वत के तले खड़े हुए। पर्वत में आग लग गई और वह आकाश छूने लगी। घने काले बादल और अंधकार उठे।


तुम अग्नि से जलते हुए इस पर्वत के पास नहीं आये जिसे छुआ जा सकता था और न ही अंधकार, विषाद और बवंडर के निकट आये हो।


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