19 किन्तु तू कहता है: ‘परमेश्वर एक बच्चे को उसके पिता के पापों का दण्ड देता है।’ नहीं, परमेश्वर को चाहिये कि बुरे जन को दण्डित करें। तब वह बुरा व्यक्ति जानेगा कि उसे उसके निज पापों के लिये दण्ड मिल रहा है।
19 तुम यह कहते हो, कि परमेश्वर दुर्जनों के अधर्म का बदला उनकी सन्तान से लेता है। अच्छा हो कि परमेश्वर उनके अधर्म का बदला उनसे ही ले, ताकि उनको अनुभव हो!
19 तुम दावा करते हो, ‘परमेश्वर किसी भी व्यक्ति के पाप को उसकी संतान के लिए जमा कर रखते हैं.’ तो उपयुक्त हैं कि वह इसका दंड प्रभावी कर दें, कि उसे स्थिति बोध हो जाए.
किसी भी प्रकार की मूर्ति की पूजा मत करो, उसके आगे मत झुको। क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मेरे लोग जो दूसरे देवताओं की पूजा करते हैं मैं उनसे घृणा करता हूँ। यदि कोई व्यक्ति मेरे विरुद्ध पाप करता है तो मैं उसका शत्रु हो जाता हूँ। मैं उस व्यक्ति की सन्तानों की तीसरी और चौथी पीढ़ी तक को दण्ड दूँगा।
“तुम लोग इस कहावत को दुहराते रहते हो। क्यों तुम कहते हो: ‘पूर्वजों ने खट्टे अंगूर खाये, किन्तु बच्चों को खट्टा स्वाद मिला। तुम सोचते हो कि तुम पाप कर सकते हो और भविष्य में कुछ व्यक्ति इसके लिये दण्डित होंगे।’”
उसकी सन्तानों के वध की तैयारी करो। तुम उन्हें मृत्यु के घाट उतारो क्योंकि उनका पिता अपराधी है। अब कभी उसके पुत्र नहीं होंगे। उसकी सन्तानें अब कभी भी संसार को अपने नगरों से नहीं भरेंगी। तेरी संतानें वैसा करती नहीं रहेगी। तेरी संतानों को वैसा करने से रोक दिया जायेगा।
हे! तुम भी तो उससे ठीक वैसा व्यवहार करो जैसा तुम्हारे साथ उसने किया था। जो उसने तुम्हारे साथ किया उससे दुगुना उसके साथ करो। दूसरों के हेतु उसने जिस कटोरे में मदिरा मिलाई वही मदिरा तुम उसके हेतु दुगनी मिलाओ।
किन्तु अपनी कठोरता और कभी पछतावा नहीं करने वाले मन के कारण उसके क्रोध को अपने लिए उस दिन के वास्ते इकट्ठा कर रहा है जब परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रकट होगा।
“संभवत: उस पापी पुत्र का भी एक पुत्र हो। किन्तु यह पुत्र अपने पिता द्वारा किये गए पाप—कर्मों को देख सकता है और वह अपने पिता की तरह रहने से इन्कार कर सकता है। वह भला व्यक्ति लोगों के साथ भला व्यवहार करता है।
अगर तुम अच्छे काम करोगे तो तुम मेरी दृष्टि में ठीक रहोगे। तब मैं तुम्हें अपनाऊँगा। लेकिन अगर तुम बुरे काम करोगे तो वह पाप तुम्हारे जीवन में रहेगा। तुम्हारे पाप तुम्हें अपने वश में रखना चाहेंगे लेकिन तुम को अपने पाप को अपने बस में रखना होगा।”
तूने कहा था, ‘यहोवा क्रोधित होने में सहनशील है। यहोवा प्रेम से परिपूर्ण है। यहोवा पाप को क्षमा करता है और उन लोगों को क्षमा करता है जो उसके विरुद्ध भी हो जाते हैं। किन्तु यहोवा उन लोगों को अवश्य दण्ड देगा जो अपराधी हैं। यहोवा तो बच्चों को, उनके पितामह और प्रपितामह के पापों के लिए भी दण्ड देता है!’