31 दाऊद रब्बा नगर से भी लोगों को बाहर लाया। दाऊद ने उन्हें आरे, लोहे की गैती और कुल्हाड़ियों से काम करवाया। उसने उन्हें ईटों से निर्माण करने के लिये भी विवश किया। दाऊद ने वही व्यवहार सभी अम्मोनी नगरों के साथ किया। तब दाऊद और उसकी सारी सेना यरूशलेम लौट गई।
31 और उसने उसके रहने वालों को निकाल कर आरों से दो दो टुकड़े कराया, और लोहे के हेंगे उन पर फिरवाए, और लोहे की कुल्हाडिय़ों से उन्हें कटवाया, और ईट के पजावे में से चलवाया; और अम्मोनियों के सब नगरों से भी उसने ऐसा ही किया। तब दाऊद समस्त लोगों समेत यरूशलेम को लौट आया।
31 वह नगर के रहने वालों को भी ले गया, और उन्हें आरों, लोहे की गैतियों और कुल्हाड़ियों तथा ईंट के भट्ठों के काम पर नियुक्त किया। उसने ऐसा ही व्यवहार अम्मोनी जाति के अन्य नगरों के साथ भी किया। तत्पश्चात् दाऊद तथा समस्त सेना यरूशलेम लौट गई।
31 उसने उसके रहनेवालों को निकालकर आरों से दो दो टुकड़े कराया, और लोहे के हेंगे उन पर फिरवाए, और लोहे की कुल्हाड़ियों से उन्हें कटवाया, और ईंट के पजावे में से चलवाया; और अम्मोनियों के सब नगरों से भी उसने ऐसा ही किया। तब दाऊद समस्त लोगों समेत यरूशलेम को लौट गया।
31 इस नगर से दावीद-नगर निवासी भी अपने साथ ले गए, जिन्हें उन्होंने श्रमिक बनाकर उन्हें आरी, कुदाली, कुल्हाड़ी से संबंधित कार्यों में लगा दिया और उन्हें ईंट निर्माण की भट्ठियों में भी संलग्न कर दिया. यही उन्होंने अम्मोनियों के सारे नगरों के साथ किया. इसके बाद दावीद और सारे सैनिक येरूशलेम लौट गए.
31 उसने उसके रहनेवालों को निकालकर आरी से दो-दो टुकड़े कराया, और लोहे के हेंगे उन पर फिरवाए, और लोहे की कुल्हाड़ियों से उन्हें कटवाया, और ईंट के पजावे में से चलवाया; और अम्मोनियों के सब नगरों से भी उसने ऐसा ही किया। तब दाऊद समस्त लोगों समेत यरूशलेम को लौट गया।
दाऊद ने मोआब के लोगों को भी हराया। उसने उन्हें भूमि पर लेटने को विवश किया। तब उसने एक रस्सी का उपयोग उन्हें नापने के लिये किया। जब दो व्यक्ति नाप लिये तब दाऊद ने उनको आदेश दिया कि वे मारे जायेंगे। किन्तु हर एक तीसरा व्यक्ति जीवित रहने दिया गया। मोआब के लोग दाऊद के सेवक बन गए। उन्होंने उसे राजस्व दिया।
दाऊद ने उनके राजा का मुकुट उतार लिया। वह सोने का मुकुट तोल में लगभग पचहत्तर पौंड था। मुकुट में बहुमूल्य रत्न जड़े थे। मुकुट दाऊद के सिर पर रखा गया। तब दाऊद ने रब्बा नगर से बहुत सी मूल्यवान वस्तुएँ प्राप्त कीं।
दाऊद रब्बा के लोगों को साथ लाया और उन्हें आरों, लोहे की गैंती और कुल्हाड़ियों से काम करने को विवश किया। दाऊद ने अम्मोनी लोगों के सभी नगरों के साथ यही बर्ताव किया। तब दाऊद और सारी सेना यरूशलेम को वापस लौट गई।
“यिर्मयाह, कुछ बड़े पत्थर लो। उन्हें लो और उन्हें तहपन्हेस में फिरौन के राजमहल के प्रवेश द्वार के ईंटें के चबूतरे के पास मिट्टी में गाड़ो। यह तब करो जब यहूदा के लोग तुम्हें ऐसा करते देख रहे हो।
यहोवा यह सब कहता है: “मैं निश्चय ही अम्मोन के लोगों को उनके द्वारा किये गये अनेक अपराधों के लिये दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने गिलाद में गर्भवती स्त्रियों को मार डाला। अम्मोनी लोगों ने यह इसलिये किया कि वे उस देश को ले सकें और अपने देश को बड़ कर सकें।
अत: मैं रब्बा की दीवार पर आग लगाऊँगा। यह आग रब्बा के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी। युद्ध के दिन यह आग लगेगी। यह आग एक ऐसे दिन लगेगी जब तूफ़ानी दिन में आंधियाँ चल रही होंगी।
यह सब यहोवा कहता है: “मैं दमिश्क के लोगों को उनके द्वारा किये गये अनेक अपराधों का दण्ड अवश्य दूँगा। क्यों क्योकि उन्होंने गिलाद को, अन्न को भूसे से अलग करने वाले लोहे के औजारों से पीटा।
कुछ पर पथराव किया गया। उन्हें आरे से चीर कर दो फाँक कर दिया गया, उन्हें तलवार से मौत के घाट उतार दिया गया। वे ग़रीब थे, उन्हें यातनाएँ दी गई और उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया। वे भेड़-बकरियों की खालें ओढ़े इधर-उधर भटकते रहे।