30 येहू यिज्रएल नगर में आया। ईजेबेल ने यह समाचार सुना। उसने अपनी आंखों में काजल लगाया और अपने सिर के बालों को संवारा। तत्पश्चात् उसने खिड़की से नीचे झांका।
हे यहूदा, तुम नष्ट कर दिये गये हो, तुम क्या कर रहे हो तुम अपने सुन्दरतम लाल वस्त्र क्यों पहनते हो तुम अपने सोने के आभूषण क्यों पहने हो तुम अपनी आँखों में अन्जन क्यों लगाते हो। तुम अपने को सुन्दर बनाते हो, किन्तु यह सब व्यर्थ है। तुम्हारे प्रेमी तुमसे घृणा करते हैं, वे मार डालने का प्रयत्न कर रहे हैं।
“उन्होंने बहुत दूर के स्थानों से मनुष्यों को बुलाया है। इन व्यक्तियों को तुमने एक दूत भेजा और वे लोग तुम्हें देखने आए। तुम उनके लिये नहाई, अपनी आँखों को सजाया और अपने आभूषणों को पहना।
किन्तु तुम्हें अपना शोक—रूदन बहुत मन्द रखना चाहिए। अपनी मृत पत्नी के लिये जोर से न रोओ। तुम्हें सामान्य नित्य के वस्त्र पहनने चाहिए। अपनी पगड़ी और अपने जूते पहनो। अपने शोक को प्रकट करने के लिये अपनी मूँछे न ढको और वह भोजन न करो जो प्राय: किसी के मरने पर लोग करते हैं।”
राजा एला के अधिकारियों में से जिम्री एक था। जिम्री एला के आधे रथों को आदेश देता था। किन्तु जिम्री ने एला के विरुद्ध योजना बनाई। राजा एला तिर्सा में था। वह अर्सा के घर में दाखमधु पी रहा था और मत्त हो रहा था। अर्सा, तिर्सा के महल का अधिकारी था।