24 किन्तु येहू ने अपनी पूरी शक्ति से अपने धनुष को खींचा और योराम की पीठ में बाण चला दिया। बाण योराम के हृदय को बेधता हुआ पार हो गया। योराम अपने रथ में मर गया।
24 येहू ने पूरी शक्ति से धनुष की प्रत्यंचा कान तक खींची, और यहोराम के कन्धों के मध्य में तीर मारा। तीर उसके हृदय में घुस गया। यहोराम रथ पर लुढ़क गया।
24 येहू ने पूरी शक्ति लगाकर धनुष ताना और यहोराम के दोनों कंधों के बीच निशाना साध कर बाण छोड़ दिया. बाण ने योराम के हृदय को बेध दिया और वह अपने रथ में ही ढेर हो गया.
किन्तु एक सैनिक ने हवा में बाण छोड़ा, वह किसी विशेष व्यक्ति को अपना लक्ष्य नहीं बना रहा था। किन्तु उसका बाण इस्राएल के राजा अहाब को जा लगा। बाण ने राजा को उस छोटी जगह में बेधा, जो शरीर का भाग उसके कवच से ढका नहीं था। अत: राजा अहाब ने अपने सारथी से कहा, “मुझे एक बाण ने बेध दिया है! इस क्षेत्र से रथ को बाहर ले चलो। हमें युद्ध से दूर निकल जाना चाहिये।”
जब लोग कह रहे होंगे कि “सब कुछ शांत और सुरक्षित है” तभी जैसे एक गर्भवती स्त्री को अचानक प्रसव वेदना आ घेरती है वैसे ही उन पर विनाश उतर आयेगा और वे कहीं बच कर भाग नहीं पायेंगे।
“मैं देखता हूँ कि अहाब मेरे सामने विनम्र हो गया है। अत: उसके जीवन काल में मैं उस पर विपत्ति नहीं आने दूँगा। मैं तब तक प्रतीक्षा करूँगा जब तक उसका पुत्र राजा नहीं बन जाता। तब मैं अहाब के परिवार पर विपत्ति आने दूँगा।”
सेनायें युद्ध में लड़ती रहीं। राजा अहाब अपने रथ में ठहरा रहा। वह रथ के सहारे एक ओर झुका हुआ था। वह अराम की सेना को देख रहा था। उसका खून नीचे बहता रहा और उसने रथ के तले को ढक लिया। बाद में, शाम को राजा मर गया।
सुबह को येहू बाहर निकला और लोगों के सामने खड़ा हुआ। उसने लोगों से कहा, “तुम लोग निरपराध लोग हो। देखो, मैंने अपने स्वामी के विरुद्ध योजनाएं बनाई। मैंने उसे मार डाला। किन्तु अहाब के इन सब पुत्रों को किसने मारा तुमने उन्हें मारा!