2 राजाओं 8:5 - पवित्र बाइबल5 गेहजी राजा को एलीशा के बारे में एक मृत व्यक्ति को जीवित करने की बात बता रहा था। उसी समय वह स्त्री राजा के पास गई जिसके पुत्र को एलीशा ने जिलाया था। वह चाहती थी कि वह अपने घर और अपनी भूमि को वापस दिलाने में उससे सहायता माँगे। गेहजी ने कहा, “मेरे प्रभु राजा, यह वही स्त्री है और यह वही पुत्र है जिसे एलीशा ने जिलाया था।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible5 जब वह राजा से यह वर्णन कर ही रहा था कि एलीशा ने एक मुर्दे को जिलाया, तब जिस स्त्री के बेटे को उसने जिलाया था वही आकर अपने घर और भूमि के लिये दोहाई देने लगी। तब गेहजी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा! यह वही स्त्री है और यही उसका बेटा है जिसे एलीशा ने जिलाया था। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)5 जब गेहजी राजा को बता रहा था कि एलीशा ने किस प्रकार मृत बालक को पुनर्जीवित किया था तब ही शूनेमवासी महिला ने, जिसके मृत पुत्र को एलीशा ने पुनर्जीवित किया था, अपने घर और भूमि के लिए राजा की दुहाई दी। गेहजी ने कहा, ‘महाराज, मेरे स्वामी, यही वह महिला है! यही है वह बालक, जिसको एलीशा ने पुनर्जीवित किया था।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)5 जब वह राजा से यह वर्णन कर ही रहा था कि एलीशा ने एक मुर्दे को जिलाया, तब जिस स्त्री के बेटे को उसने जिलाया था वही आकर अपने घर और भूमि के लिये दोहाई देने लगी। तब गेहजी ने कहा, “हे मेरे प्रभु! हे राजा! यह वही स्त्री है और यही उसका बेटा है जिसे एलीशा ने जिलाया था।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल5 जब गेहज़ी, एलीशा द्वारा मृतक को जीवित किए जाने की घटना को बता रहा था, ठीक उसी समय पर यह स्त्री अपनी संपत्ति के वापस मिलने का आग्रह लेकर आ उपस्थित हुई. उसे देख गेहज़ी कह उठा, “महाराज, मेरे स्वामी, यही तो है, वह स्त्री और यही है उसका वह पुत्र, जिसे एलीशा ने जीवित किया है.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20195 जब वह राजा से यह वर्णन कर ही रहा था कि एलीशा ने एक मुर्दे को जिलाया, तब जिस स्त्री के बेटे को उसने जिलाया था वही आकर अपने घर और भूमि के लिये दुहाई देने लगी। तब गेहजी ने कहा, “हे मेरे प्रभु! हे राजा! यह वही स्त्री है और यही उसका बेटा है जिसे एलीशा ने जिलाया था।” अध्याय देखें |
इस पर हामान की पत्नी जेरेश और उसके मित्रों ने उसे एक सुझाव दिया। वे बोले, “किसी से कह कर पचहत्तर फुट ऊँचा फाँसी देने का एक खम्भा बनवाओं! जिस पर उसे लटकाया जाये! फिर प्रातःकाल राजा से कहो कि वह मोर्दकै को उस पर लटका दे। फिर राजा के साथ तुम भोज पर जाना और आनन्द से रहना।” हामान को यह सुझाव अच्छा लगा। सो उसने फाँसी का खम्भा बनवाने के लिए किसी को आदेश दे दिया।
मैंने इस जीवन में कुछ और बातें भी देखी हैं जो न्याय संगत नहीं हैं। सबसे अधिक तेज दौड़ने वाला सदा ही दौड़ में नहीं जीतता, शक्तिशाली सेना ही युद्ध में सदा नहीं जीतती। सबसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति ही सदा अर्जित किये को नहीं खाता। सबसे अधिक चुस्त व्यक्ति ही सदा धन दौलत हासिल नहीं करता है और एक पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सदा वैसी प्रशंसा प्राप्त नहीं करता जैसी प्रशंसा के वह योग्य है। जब समय आता है तो हर किसी के साथ बुरी बातें घट जाती हैं!