3 मैं बिन्ती करता हूँ, स्मरण कर, कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जान कर चलता आया हूँ; और जो तुझे अच्छा तगता है वही मैं करता आया हूँ। तब हिजकिय्याह बिलक बिलक कर रोया।
3 ‘हे प्रभु, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और सम्पूर्ण हृदय से तेरे सम्मुख तेरे मार्ग पर चलता रहा। मैंने उन्हीं कार्यों को किया है, जो तेरी दृष्टि में उचित हैं।’ यह कहकर हिजकियाह फूट-फूटकर रोने लगा।
3 मैं विनती करता हूँ, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूँ, और जो तुझे अच्छा लगता है वही मैं करता आया हूँ।” तब हिजकिय्याह फूट–फूट कर रोया।
3 “याहवेह, कृपा कर याद करें कि मैं पूरे मन से कैसे सच्चाई में आपके सामने आचरण करता रहा हूं. और मैंने वही किया है, जो आपकी दृष्टि में सही है!” तब हिज़किय्याह फूट-फूटकर रोने लगा.
3 मैं विनती करता हूँ, स्मरण कर, कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूँ; और जो तुझे अच्छा लगता है वही मैं करता आया हूँ।” तब हिजकिय्याह फूट फूटकर रोया।
फिर मैंने लेवीवंशियों को आदेश दिया कि वे स्वयं को पवित्र करें। ऐसा कर चुकने के बाद ही उन्हें द्वारों के पहरे पर जाना था। यह इसलिये किया गया कि सब्त के दिन को एक पवित्र दिन के रुप में रखा गया है, इसे सुनिश्चित कर लिया जाये। हे परमेश्वर! इन कामों को करने के लिए तू मुझे याद रख। मेरे प्रति दयालु हो और मुझ पर अपना महान प्रेम प्रकट कर!
हे परमेश्वर, मेरे किये कामों के लिये तू मुझे याद रख और अपने परमेश्वर के मन्दिर तथा उसके सेवा कार्यों के लिये विश्वास के साथ मैंने जो कुछ किया है, उस सब कुछ को तू मत भुलाना।
ऐ लोगो, तुम्हें यहोवा, हमारे परमेश्वर का भक्त और उसके प्रति सच्चा होना चाहिये। तुम्हें उसके सभी नियमों और आदेशों का अनुसरण और पालन करना चाहिये। तुम्हें इस समय की तरह, भविष्य में भी उसकी आज्ञा का पालन करते रहना चाहिये।”
हमें इसका गर्व है कि हम यह बात साफ मन से कह सकते हैं कि हमने इस जगत के साथ और खासकर तुम लोगों के साथ परमेश्वर के अनुग्रह के अनुरूप व्यवहार किया है। हमने उस सरलता और सच्चाई के साथ व्यवहार किया है जो परमेश्वर से मिलती है न कि दुनियावी बुद्धि से।
यदि तुम वे काम करोगे तो प्रतिज्ञा करने के लिये मेरे नाम का उपयोग करने योग्य बनोगे, तुम यह कहने योग्य होगे, ‘जैसा कि यहोवा शाश्वत है।’ तुम इन शब्दों का उपयोग सच्चे, ईमानदारी भरे और सही तरीके से करने योग्य बनोगे। यदि तुम ऐसा करोगे तो राष्ट्र यहोवा द्वारा वरदान पाएगा और वे यहोवा द्वारा किये गए कामों को गर्व से बखान करेंगे।”
किन्तु यहोवा अब भी पहले का समय याद करता है। यहोवा मूसा के और उसके लोगों को याद करता हैं। यहोवा वही था जो लोगों को सागर के बीच से निकाल कर लाया। यहोवा ने अपनी भेंड़ों (लोगों) की अगुवाई के लिये अपने चरवाहों (नबियों) का प्रयोग किया। किन्तु अब वह यहोवा कहाँ है जिसने अपनी आत्मा को मूसा में रख दिया था
मैं कबूतर सा रोता रहा। मैं एक पक्षी जैसा रोता रहा। मेरी आँखें थक गयी तो भी मैं लगातर आकाश की तरफ निहारता रहा। मेरे स्वामी, मैं विपत्ति में हूँ मुझको उबारने का वचन दे।”
हे स्वामी, कृपा करके याद कर कि लोगों ने तेरे सेवकों को कैसे अपमानित किया। हे यहोवा, मुझको सारे अपमान सुनने पड़े हैं। तेरे चुने हुए राजा को उन्होंने अपमानित किया।
हे यहोवा, सारी रात मैं तुझको पुकारता रहता हूँ। मेरा बिछौना मेरे आँसुओं से भीग गया है। मेरे बिछौने से आँसु टपक रहे हैं। तेरे लिये रोते हुए मैं क्षीण हो गया हूँ।
इस पर यहोवा ने शैतान से कहा, “क्या तूने मेरे सेवक अय्यूब को देखा? पृथ्वी पर उसके जैसा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है। अय्यूब एक खरा और विश्वासी व्यक्ति है। वह परमेश्वर की उपासना करता है और बुरी बातों से सदा दूर रहता है।”
ऊज नाम के प्रदेश में एक व्यक्ति रहा करता था। उसका नाम अय्यूब था। अय्यूब एक बहुत अच्छा और विश्वासी व्यक्ति था। अय्यूब परमेश्वर की उपासना किया करता था और अय्यूब बुरी बातों से दूर रहा करता था।
यहोवा की आँखें सारी पृथ्वी पर उन लोगों को देखती फिरती हैं जो उसके प्रति श्रद्धालु हैं जिससे वह उन लोगों को शक्तिशाली बना सके। आसा, तुमने मूर्खतापूर्ण काम किया। इसलिये अब से लेकर आगे तक तुमसे युद्ध होंगे।”
जब सुलैमान बूढ़ा हुआ तो उसकी पत्नियों ने उससे अन्य देवताओं का अनुसरण कराया। सुलैमान ने उसी प्रकार पूरी तरह यहोवा का अनुसरण नहीं किया जिस प्रकार उसके पिता दाऊद ने किया था।
सुलैमान ने उत्तर दिया, “तू अपने सेवक मेरे पिता दाऊद पर बहुत दयालु रहा। उसने तेरा अनुसरण किया। वह अच्छा था और सच्चाई से रहा और तूने उसके प्रति तब सबसे बड़ी कृपा की जब तूने उसके पुत्र को उसके सिंहासन पर शासन करने दिया।
और यदि तुम यहोवा की आज्ञा का पालन करते रहोगे तो यहोवा मेरे लिये की गई प्रतिज्ञाओं का पालन करेगा। मेरे लिये यहोवा ने जो प्रतिज्ञा की, वह यह है, ‘तुम्हारे पुत्रों को मेरी आज्ञा का पालन करना चाहिये और उन्हें वैसे रहना चाहिये जैसा रहने के लिये मैं कहूँ। तुम्हारे पुत्रों को पूरे हृदय और आत्मा से मुझमें विश्वास रखना चाहिये। यदि तुम्हारे पुत्र यह करेंगे तो तुम्हारे परिवार का एक व्यक्ति सदा इस्राएल के लोगों का शासक होगा।’”
जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, यहोवा ने उससे बात की। यहोवा ने कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। मेरे लिए ये काम करो। मेरी आज्ञा मानो और सही रास्ते पर चलो।
लेकिन परमेश्वर नूह को नहीं भूला। परमेश्वर ने नूह और जहाज़ में उसके साथ रहने वाले सभी पशुओं और जानवरों को याद रखा। परमेश्वर ने पृथ्वी पर आँधी चलाई और सारा जल गायब होने लगा।
यीशु ने इस धरती पर के जीवनकाल में जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, ऊँचे स्वर में पुकारते हुए और रोते हुए उससे प्रार्थनाएँ तथा विनतियाँ की थीं और आदरपूर्ण समर्पण के कारण उसकी सुनी गयी।
तुम्हें मेरी सेवा वैसे ही करनी चाहिये जैसी तुम्हारे पिता दाऊद ने की। वह निष्पक्ष और निष्कपट था और तुम्हें मेरे नियमों और उन आदेशों का पालन करना चाहिये जिन्हें मैंने तुम्हें दिया है।
उसने कहा, “हे यहोवा इस्राएल के परमेश्वर तेरे समान धरती पर या आकाश में कोई ईश्वर नहीं है। तूने अपने लोगों के साथ वाचा की क्योंकि तू उनसे प्रेम करता है और तूने अपनी वाचा को पूरा किया। तू उन लोगों के प्रति दयालू और स्नेहपूर्ण है जो तेरा अनुसरण करते हैं।