13 हिजकिय्याह ने बाबेल के लोगों का स्वागत किया और अपने महल की सभी कीमती चीज़ों को उन्हें दिखाया। उसने उन्हें चाँदी, सोना, मसाले, कीमती इत्र, अस्त्र—शस्त्र और अपने खजाने की हर एक चीज़ दिखायी। हिजकिय्याह के पूरे महल और राज्य में ऐसा कुछ नहीं था जिसे उसने उन्हें न दिखाया हो।
13 उनके लाने वालों की मान कर हिजकिय्याह ने उन को अपने अनमोल पदार्थों का सब भण्डार, और चान्दी और सोना और सुगन्ध द्रव्य और उत्तम तेल और अपने हथियारों का पूरा घर और अपने भण्डारों में जो जो वस्तुएं थीं, वे सब दिखाई; हिजकिय्याह के भवन और राज्य भर में कोई ऐसी वस्तु न रही, जो उसने उन्हें न दिखाई हो।
13 हिजकियाह दूतों को देखकर आनन्दित हुआ। उसने उनको अपना सब कोष दिखाया : चांदी, सोना, मसाले, कीमती तेल, और अस्त्र-शस्त्र। वस्तुत: उसने अपने भण्डार-गृहों में उपलब्ध सब-कुछ दूतों को दिखाया। उसके महल और राज्य में ऐसा कुछ न रहा, जिसको हिजकियाह ने उन्हें न दिखाया हो।
13 उनके लानेवालों की मानकर हिजकिय्याह ने उनको अपने अनमोल पदार्थों का सब भण्डार, और चाँदी और सोना और सुगन्ध द्रव्य और उत्तम तेल और अपने हथियारों का पूरा घर और अपने भण्डारों में जो जो वस्तुएँ थीं, वे सब दिखाईं; हिजकिय्याह के भवन और राज्य भर में कोई ऐसी वस्तु न रही, जो उसने उन्हें न दिखाई हो।
13 हिज़किय्याह उनकी बातें ध्यान से सुनता रहा, फिर उनका स्वागत करते हुए उसने उन्हें अपना सारा खजाना, सोना-चांदी और सभी मसाले, कीमती तेल, अपना हथियार घर और अपने भंडार घर की सारी वस्तुएं दिखा दीं; यानी सभी कुछ, जो उसके खजानों में जमा था. उसके घर में या उसके सारी राज्य में ऐसा कुछ न था, जो उसने उन्हें न दिखाया हो.
13 उनके लानेवालों की मानकर हिजकिय्याह ने उनको अपने अनमोल पदार्थों का सब भण्डार, और चाँदी और सोना और सुगन्ध-द्रव्य और उत्तम तेल और अपने हथियारों का पूरा घर और अपने भण्डारों में जो-जो वस्तुएँ थीं, वे सब दिखाईं; हिजकिय्याह के भवन और राज्य भर में कोई ऐसी वस्तु न रही, जो उसने उन्हें न दिखाई हो।
तब शीबा की रानी ने राजा को लगभग नौ हजार पौंड सोना दिया। उसने उसे अनेक मसाले और रत्न भी दिये। जितनी मात्रा में शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को मसाले उपहार में दिये, उतनी मात्रा में मसाले फिर कभी इस्राएल देश में नहीं आए। शीबा की रानी ने उससे अधिक मसाले सुलैमान को दिये जितने पहले कभी किसी ने इस्राएल को लाकर दिये थे।
उसने सेवकों की विशाल संख्या के साथ यरूशलेम की यात्रा की। अनेक ऊँट मसाले, रत्न, और बहुत सा सोना ढो रहे थे। वह सुलैमान से मिली और उसने उन सब प्रश्नों को पूछा जिन्हें वह सोच सकती थी।
प्रत्येक वर्ष लोग राजा का दर्शन करने आते थे और प्रत्येक व्यक्ति भेंट लाता था। वे सोने—चाँदी के बने बर्तन, कपड़े, अस्त्र—शस्त्र, मसाले, घोड़े और खच्चर लाते थे।
यशायाह ने पूछा, “उन्होंने तुम्हारे महल में क्या देखा है” हिजकिय्याह ने उत्तर दिया, “उन्होंने मेरे महल की सबी चीज़ें देखी हैं। मेरे खजानों में ऐसा कुछ नहीं है जिसे मैंने उन्हें न दिखाया हो।”
इन उपहारों को पाकर हिजकिय्याह बहुत प्रसन्न हुआ। इसलिये हिजकिय्याह ने मरोदक के लोगों को अपने खज़ाने की मूल्यवान वस्तुएँ दिखाई। हिजकिय्याह ने उन लोगों को अपनी सारी सम्पत्ति दिखाई। चाँदी, सोना, मूल्यवान तेल और इत्र उन्हें दिखाये। हिजकिय्याह ने उन्हें युद्ध में काम आने वाली तलवारें और ढालें भी दिखाई। हिजकिय्याह ने उन्हें वे सभी वस्तुएँ दिखाई जो उसने जमा कर रखी थीं। हिजकिय्याह ने अपने घर की और अपने राज्य की हर वस्तु उन्हें दिखायी।
यिर्मयाह कहो, “जो यहोवा कहता है, ‘वह यह है: मनुष्यों के शव खेतों में गोबर से पड़े रहेंगे। उनके शव जमीन पर उस फसल से पड़े रहेंगे जिन्हें किसान ने काट डाला है। किन्तु उनको इकट्ठा करने वाला कोई नहीं होगा।’”