2 राजाओं 19:23 - पवित्र बाइबल23 तुमने अपने सन्देशवाहकों को यहोवा का अपमान करने को भेजा। तुमने कहा, ‘मैं अपने अनेक रथों सहित ऊँचे पर्वतों तक आया। मैं लबानोन में भीतर तक आया। मैंने लबानोन के उच्चतम देवदारू के पेंड़ों, और लबानोन के उत्तम चीड़ के पेड़ों को काटा। मैं लबानोन के उच्चतम और सघनतम वन में घुसा। अध्याय देखेंHindi Holy Bible23 अपने दूतों के द्वारा तू ने प्रभु की निन्दा कर के कहा है, कि बहुत से रथ ले कर मैं पर्वतों की चोटियों पर, वरन लबानोन के बीच तक चढ़ आया हूँ, और मैं उसके ऊंचे ऊंचे देवदारुओं और अच्छे अच्छे सनोवरों को काट डालूंगा; और उस में जो सब से ऊंचा टिकने का स्थान होगा उस में और उसके वन की फलदाई बारियों में प्रवेश करूंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)23 तूने सन्देशवाहकों के द्वारा मुझ-स्वामी का उपहास किया। तूने यह कहा, ‘मैंने अपने अनेक रथों पर पहाड़ों की ऊंचाई नाप ली है; मैं लबानोन की चोटी को चूम चुका हूं। मैं लबानोन के जंगलों के ऊंचे-से-ऊंचे देवदार वृक्षों को, उसके सुन्दर-से-सुन्दर सनोवर वृक्षों को काट चुका हूं! मैं लबानोन के दूरस्थ कोनों में उसके वन-प्रान्तर में प्रवेश कर चुका हूं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)23 अपने दूतों के द्वारा तू ने प्रभु की निन्दा करके कहा है, कि बहुत से रथ लेकर मैं पर्वतों की चोटियों पर, वरन् लबानोन के बीच तक चढ़ आया हूँ, और मैं उसके ऊँचे ऊँचे देवदारुओं और अच्छे अच्छे सनोवरों को काट डालूँगा; और उसमें जो सबसे ऊँचा टिकने का स्थान होगा उसमें और उसके वन की फलदाई बारियों में प्रवेश करूँगा। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल23 तुमने अपने दूतों के द्वारा याहवेह की निंदा की है. तुमने कहा, “अपने रथों की बड़ी संख्या लेकर मैं पहाड़ों की ऊंचाइयों पर चढ़ आया हूं, हां, लबानोन के दुर्गम, दूर के स्थानों तक; मैंने सबसे ऊंचे देवदार के पेड़ काट गिराए हैं, इसके सबसे उत्तम सनोवरों को भी; मैंने इसके दूर-दूर के घरों में प्रवेश किया, हां, इसके घने वनों में भी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201923 अपने दूतों के द्वारा तूने प्रभु की निन्दा करके कहा है, कि बहुत से रथ लेकर मैं पर्वतों की चोटियों पर, वरन् लबानोन के बीच तक चढ़ आया हूँ, और मैं उसके ऊँचे-ऊँचे देवदारुओं और अच्छे-अच्छे सनोवर को काट डालूँगा; और उसमें जो सबसे ऊँचा टिकने का स्थान होगा उसमें और उसके वन की फलदाई बारियों में प्रवेश करूँगा। अध्याय देखें |
उज्जिय्याह ने मीनारों को मरुभूमि में बनाया। उसने बहुत से कुँए भी खुदवाए। उसके पास पहाड़ी और मैदानी प्रदेशों में बहुत से पशु थे। उज्जिय्याह के पास पर्वतों में और जहाँ अच्छी उपज होती थी, उस भूमि में किसान थे। वह ऐसे व्यक्तियों को भी रखे हुए था जो उन खेतों की रखवाली करते थे जिनमें अँगूर होते थे। उसे कृषि से प्रेम था।
मैंने स्वयं अपने हाथों से उन सब लोगों की धन दौलत ऐसे ले ली है जैसे कोई व्यक्ति चिड़ियाँ के घोंसले से अण्डे उठा लेता है। चिड़ियाँ जो प्राय: अपने घोंसले और अण्डों को छोड जाती है और उस घोंसले की रखवाली करने के लिये कोई भी नहीं रह जाता। वहाँ अपने पंखों और अपनी चोंच से शोर मचाने और लड़ाई करने के लिये कोई पक्षी नहीं होता। इसीलिए लोग अण्डों को उठा लेते हैं। इसी प्रकार धरती के सभी लोगों को उठा ले जाने से रोकने के लिए कोई भी व्यक्ति वहाँ नहीं था।”