किन्तु बाद में अश्शूर के राजा को पता चला कि होशे ने उसके विरुद्ध षडयन्त्र रचा है। होशे ने मिस्र के राजा के पास सहायता माँगने के लिये राजदूत भेजे। मिस्र के राजा का नाम “सो” था। उस वर्ष होशे ने अश्शूर के राजा को अधीनस्थ कर उसी प्रकार नहीं भेजा जैसे वह हर वर्ष भेजता था। अतः अश्शूर के राजा ने होशे को बन्दी बनाया और उसे जेल में डाल दिया।
अश्शूर का राजा शल्मनेसेर शोमरोन के विरुद्ध युद्ध करने गया। उसकी सेना ने नगर को घेर लिया। यह हिजकिय्याह के यहूदा पर राज्यकाल के चौथे वर्ष में हुआ। (यह इस्राएल के राजा एला के पुत्र होशे का भी सातवाँ वर्ष था।)
शोमरोन को दण्ड दिया जायेगा क्योंकि उसने अपने परमेश्वर से मुख फेरा था। इस्राएली तलवारों से मार दिये जायेंगे उनकी संतानों के चिथड़े उड़ा दिये जायेंगे। उनकी गर्भवती स्त्रियाँ चीर कर खोल दी जायेंगी।”