तब शीबा की रानी ने राजा को लगभग नौ हजार पौंड सोना दिया। उसने उसे अनेक मसाले और रत्न भी दिये। जितनी मात्रा में शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को मसाले उपहार में दिये, उतनी मात्रा में मसाले फिर कभी इस्राएल देश में नहीं आए। शीबा की रानी ने उससे अधिक मसाले सुलैमान को दिये जितने पहले कभी किसी ने इस्राएल को लाकर दिये थे।
प्रत्येक वर्ष लोग राजा का दर्शन करने आते थे और प्रत्येक व्यक्ति भेंट लाता था। वे सोने—चाँदी के बने बर्तन, कपड़े, अस्त्र—शस्त्र, मसाले, घोड़े और खच्चर लाते थे।
कुछ पलिश्ती लोग यहोशापात के पास भेंट लाए। वे यहोशापात के पास चाँदी भी लाए क्योंकि वे जानते थे कि वह बहुत शक्तिशाली राजा है। कुछ अरब के लोग यहोशापात के पास रेवड़े लाये। वे उसके पास सात हज़ार सात सौ भेड़ें और सात हज़ार सात सौ बकरियाँ लाए।
तब शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को साढ़े चार टन सोना, बहुत से मसाले और बहुमूल्य रत्न दिये। किसी ने इतने अच्छे मसाले राजा सुलैमान को नहीं दिये जितने अच्छे रानी शीबा ने दिये।
अय्यूब के सभी भाई और बहनें अय्यूब के घर वापस आ गये और हर कोई जो अय्यूब को पहले जानता था, उसके घर आया। अय्यूब के साथ उन सब ने एक बड़ी दावत में खाना खाया। क्योंकि यहोवा ने अय्यूब को बहुत कष्ट दिये थे, इसलिये उन्होंने अय्यूब को सान्त्वना दी। हर किसी व्यक्ति ने अय्यूब को चाँदी का एक सिक्का और सोने की एक अंगूठी भेंट में दीं।
उन “पशुओं” से काम वांछित कराने के लिये निज छड़ी का प्रयोग कर। उन जातियों के “बैलो” और “गायों” को आज्ञा मानने वालें बना। तूने जिन राष्ट्रों को युद्ध में हराया अब तू उनसे चाँदी मंगवा ले।
तब लोगों ने यहोवा से प्रार्थना की और रोकर उसे पुकारा। यहोवा ने इस्राएल के लोगों की रक्षा के लिए एक व्यक्ति को भेजा। उस व्यक्ति का नाम एहूद था। एहूद वामहस्त व्यक्ति था। एहूद बिन्यामीन के परिवार समूह के गेरा नामक व्यक्ति का पुत्र था। इस्राएल के लोगों ने एहूद को मोआब के राजा एग्लोन के लिये कर के रूप में कुछ धन देने को भेजा।
किन्तु कुछ उत्पातियों ने कहा, “यह व्यक्ति हम लोगों की रक्षा कैसे कर सकता है।?” उन्होंने शाऊल की निन्दा की और उसे उपहार देने से इन्कार किया। किन्तु शाऊल ने कुछ नहीं कहा। अम्मोनियों का राजा नाहाश गिलाद और याबेश के परिवार समूह को कष्ट दे रहा था। नाहाश ने उनके हर एक पुरुष की दायीं आँख निकलवा डाली थी। नाहाश किसी को उनकी सहायता नहीं करने देता था। अम्मोनियों के राजा नाहाश ने यरदन नदी के पूर्व रहने वाले हर एक इस्राएली पुरुष की दायीं आँख निकलवा ली थी। किन्तु सत्तर हजार इस्राएली पुरुष अम्मोनियों के यहाँ से भाग निकले और याबेश गिलाद में आ गये।