20 तब मैं इस्राएल के लोगों को अपने उस देश से बाहर करूँगा जिसे मैंने उन्हें दिया है। मैं इस मन्दिर को अपनी आँखों से दूर कर दूँगा। जिसे मैंने अपने नाम के लिये पवित्र बनाया है। मैं इस मन्दिर को ऐसा कुछ बनाऊँगा कि सभी राष्ट्र इसकी बुराई करेंगे।
20 तो मैं उन को अपने देश में से जो मैं ने उन को दिया है, जड़ से उखाडूंगा; और इस भवन को जो मैं ने अपने नाम के लिये पवित्र किया है, अपनी दृष्टि से दूर करूंगा; और ऐसा करूंगा कि देश देश के लोगों के बीच उसकी उपमा और नामधराई चलेगी।
20 तो मैं तुमको इस देश से, जो मैंने तुम्हें प्रदान किया है, निकाल दूंगा। जिस भवन को मैंने अपने नाम के लिए पवित्र किया है, उसको अपनी आंखों से दूर कर दूंगा। तुम विश्व की जातियों के मध्य निन्दा और उपहास के पात्र बन जाओगे।
20 तो मैं उनको अपने देश में से जो मैं ने उनको दिया है, जड़ से उखाड़ूँगा; और इस भवन को जो मैं ने अपने नाम के लिये पवित्र किया है, अपनी दृष्टि से दूर करूँगा; और ऐसा करूँगा कि देश देश के लोगों के बीच उसकी उपमा और नामधराई चलेगी।
20 तब मैं तुम्हें अपने उस देश से, जो मैंने तुम्हें दिया है, निकाल दूंगा और इस भवन को जिसे मैंने अपनी महिमा के लिए पवित्र किया है, अपनी दृष्टि से दूर कर दूंगा और इसे सभी लोगों के सामने उपमा देने और मज़ाक का विषय बना छोड़ूंगा.
20 तो मैं उनको अपने देश में से जो मैंने उनको दिया है, जड़ से उखाड़ूँगा; और इस भवन को जो मैंने अपने नाम के लिये पवित्र किया है, अपनी दृष्टि से दूर करूँगा; और ऐसा करूँगा कि देश-देश के लोगों के बीच उसकी उपमा और नामधराई चलेगी।
तब यहोवा इस्राएल को चोट पहुँचायेगा। इस्राएल के लोग बहुत डर जायेंगे वे जल की लम्बी घास की तरह काँपेंगे। यहोवा इस्राएलियों को इस अच्छे प्रदेश से उखाड़ देगा। यह वही भूमि है जिसे उसने उनके पूर्वजों को दिया था। वह उनको फरात नदी की दूसरी ओर बिखेर देगा। यह होगा, क्योंकि यहोवा लोगों पर क्रोधित है। लोगों ने उसको तब क्रोधित किया जब उन्होंने अशेरा की पूजा के लिये विशेष स्तम्भ खड़े किये।
यहोवा ने इस्राएल के सभी लोगों को अस्वीकार किया। उसने उन पर बहुत विपत्तियाँ ढाईं। उसने लोगों को उन्हें नष्ट करने दिया और अन्त में उसने उन्हें उठा फेंका और अपनी दृष्टि से ओझल कर दिया।
नबूकदनेस्सर और उसकी सेना ने मन्दिर को आग लगा दी। उन्होंने यरूशलेम की चहारदीवारी गिरा दी और राजा तथा उसके अधिकारियों के सभी घरों को जला दिया। उन्होंने यरूशलेम से हर एक कीमती चीज़ ली या उसे नष्ट कर दिया।
किन्तु यदि कोई राष्ट्र मेरे सन्देश को अनसुना करता है तो मैं उसे पूरी तरह नष्ट कर दूँगा। मैं उसे सूखे पौधे की तरह उखाड़ डालूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।
अत: मैं तुम्हें इस देश से बाहर निकाल फेंकूँगा। मैं तुम्हें विदेश में जाने को विवश करुँगा। तुम ऐसे देश में जाओगे जिसे तुमने और तुम्हारे पूर्वजों ने कभी नहीं जाना। उस देश में तुम उन सभी असत्य देवताओं की पूजा कर सकते हो जिन्हें तुम चाहते हो। मैं न तो तुम्हारी सहायता करूँगा और न ही तुम्हारे प्रति कोई सहानुभूति दिखाऊँगा।’ यह सन्देश यहोवा का है।
“ऐसा समय आ सकता है, जब मैं एक राष्ट्र या राज्य के बारे में बाते करूँ। मैं यह कह सकता हूँ कि मैं उस राष्ट्र को उखाड़ फेंकूँगा या यह भी हो सकता है कि मैं यह कहूँ कि मैं उस राष्ट्र को उखाड़ गिराऊँगा और उस राष्ट्र या राज्य को नष्ट कर दूँगा।
“मैं उन लोगों को दण्ड दूँगा। वह दण्ड पृथ्वी के सभी लोगों का हृदय दहला देगा। लोग यहूदा के लोगों का मजाक उड़ायेंगे। लोग उनके विषय में हँसी उड़ाएंगे। लोग उन्हें उन सभी स्थानों पर अभिशाप देंगे जहाँ उन्हें मैं बिखेरुँगा।
अतीत में, मैंने इस्राएल और यहूदा पर ध्यान दिया, किन्तु मैंने उस समय उन्हें फटकारने की दृष्टि से ध्यान दिया। मैंने उन्हें उखाड़ फेंका। मैंने उन्हें नष्ट किया। मैंने उन पर अनेक विपत्तियाँ ढाई। किन्तु अब मैं उन पर उनको बनाने तथा उन्हें शक्तिशाली करने की दृष्टि से ध्यान दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।
लोगों देवमूर्तियाँ बनाकर तुम मुझे क्रोधित करना क्यों चाहते हो अब तुम मिस्र में रह रहे हो और अब मिस्र के असत्य देवताओं को भेंट चढ़ाकर तुम मुझे क्रोधित कर रहे हो। लोगों तुम अपने को नष्ट कर डालोगे। यह तुम्हारे अपने दोष के कारण होगा। तुम अपने को कुछ ऐसा बना लोगे कि अन्य राष्ट्रों के लोग, तुम्हारी बुराई करेंगे और पृथ्वी के अन्य राष्ट्रों के लोग तुम्हारा मजाक उड़ायेंगे।
यिर्मयाह, बारुक से यह कहो: “यहोवा जो कहता है, वह यह है: मैं उसे ध्वस्त कर दूँगा जिसे मैंने बनाया है। मैंने जिसे रोपा है उसे मैं उखाड़ फेंकूँगा। मैं यहूदा में सर्वत्र यही करूँगा।
मैं अन्य राष्ट्रों से बुरे लोगों को लाऊँगा और वे लोग इस्राएल के लोगों के सभी घरों को ले लेंगे। मैं तुम शक्तिशाली लोगों को गर्वीला होने से रोक दूँगा। दूसरे राष्ट्रों के वे लोग तुम्हारे पूजा—स्थानों को ले लेंगे।
जिन देशों में यहोवा तुम्हें भेजेगा उन देशों के लोग तुम लोगों पर आई विपत्तियों को सुनकर स्तब्ध रह जाएंगे। वे तुम्हारी हँसी उड़ायेंगे और तुम्हारी निन्दा करेंगे।
ये लोग तुम्हारे प्रीति-भोजों में उन छुपी हुई चट्टानों के समान हैं जो घातक हैं। ये लोग निर्भयता के साथ तुम्हारे संग खाते-पीते हैं किन्तु उन्हें केवल अपने स्वार्थ की ही चिंता रहती है। वे बिना जल के बादल हैं। वे पतझड़ के ऐसे पेड़ हैं जिन पर फल नहीं होता। वे दोहरे मरे हुए हैं। उन्हें उखाड़ा जा चुका है।