2 इतिहास 32:28 - पवित्र बाइबल28 हिजकिय्याह के पास लोगों द्वारा भेजे गये अन्न, नया दाखमधु और तेल के लिये भंडारण भवन थे। उसके पास पशुओं के लिये पशुशालायें और भेड़ों के लिये भेड़शालायें थीं। अध्याय देखेंHindi Holy Bible28 फिर उसने अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल के लिये भणडार, और सब भांति के पशुओं के लिये थान, और भेड़-बकरियों के लिये भेड़शालाएं बनवाई। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)28 अन्न, अंगूररस और तेल के भी भण्डारगृह थे। उसने गाय-बैल तथा भेड़-बकरियों के लिए पशुशालाएँ बनाई थीं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)28 फिर उसने अन्न, नया दाखमधु, और तेल के लिये भण्डार, और सब भाँति के पशुओं के लिये थान, और भेड़–बकरियों के लिये भेड़शालाएँ बनवाईं। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल28 उसने अनाज, अंगूर के रस और तेल रखने के लिए भंडार-घर बनाए और पशुओं और भेड़ों के लिए पशु-शालाएं और भेड़-शालाएं बनवाई. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201928 फिर उसने अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल के लिये भण्डार, और सब भाँति के पशुओं के लिये थान, और भेड़-बकरियों के लिये भेड़शालाएँ बनवाईं। अध्याय देखें |
उज्जिय्याह ने मीनारों को मरुभूमि में बनाया। उसने बहुत से कुँए भी खुदवाए। उसके पास पहाड़ी और मैदानी प्रदेशों में बहुत से पशु थे। उज्जिय्याह के पास पर्वतों में और जहाँ अच्छी उपज होती थी, उस भूमि में किसान थे। वह ऐसे व्यक्तियों को भी रखे हुए था जो उन खेतों की रखवाली करते थे जिनमें अँगूर होते थे। उसे कृषि से प्रेम था।