आसा ने यहूदा के लोगों से कहा, “हम लोग इन नगरों को बनाऐं और इनके चारों ओर चारदीवारी बनाऐं। हम गुम्बद, द्वार और द्वारों में छड़ें लगायें। जब तक हम लोग देश में हैं, यह करें। यह देश हमारा है क्योंकि हम लोगों ने अपने यहोवा परमेश्वर का अनुसरण किया है। उसने हम लोगों को सब ओर से शान्ति दी है।” इसलिये उन्होंने यह सब बनाया और वे सफल हुए।
योताम अम्मोनी लोगों के राजा और उसके सेना के विरुद्ध लड़ा और उन्हें हराया। इसलिये हर वर्ष तीन वर्ष तक अम्मोनी लोग योताम को पौने चार टन चाँदी, बासठ हज़ार बुशल गेहूँ और बासठ बुशल जौ देते रहे।