6 उसने यहूदा प्रदेश के निवासियों में से उन युवकों को एकत्र किया था, जो बीस वर्ष और उससे ऊपर के थे। उसने देखा कि चुने हुए युवकों की संख्या तीन लाख है। वे युद्ध के लिए सर्वथा उपयुक्त हैं और भाले तथा ढाल को संभाल सकते हैं। उसने इस्राएल प्रदेश के राजा से साढ़े तीन हजार किलो चांदी के बदले में एक लाख सशक्त सैनिकों को मजदूरी पर बुलाया। ये शूरवीर योद्धा थे।
अमस्याह ने यहूदा के लोगों को इकट्ठा किया। उसने उनके परिवारों का वर्ग बनाया और उन वर्गों के अधिकारी सेनाध्यक्ष और नायक नियुक्त किये। वे प्रमुख यहूदा और बिन्यामीन के सभी सैनिकों के अधिकारी हुए। सभी लोग जो सैनिक होने के लिये चुने गए, बीस वर्ष के या उससे अधिक के थे। वे सब तीन लाख प्रशिक्षित सैनिक भाले और ढाल के साथ लड़ने वाले थे।
किन्तु परमेश्वर का एक व्यक्ति अमस्याह के पास आया। परमेश्वर के व्यक्ति ने कहा, “राजा, अपने साथ इस्राएल की सेना को न जाने दो। परमेश्वर इस्राएल के साथ नहीं है। परमेश्वर एप्रैम के लोगों के साथ नहीं है।
अम्मोनी लोगों ने देखा कि उन्होंने अपने आपको दाऊद का घृणित शत्रु बना दिया है। तब हानून और अम्मोनी लोगों ने पचहत्तर हजार पौंड चाँदी, रथ और सारथियों को मेसोपोटामियाँ से खरीदने में लगाया। उन्होंने अराम में अरम्माका और सोबा नगरों से भी रथ और सारथी प्राप्त किये।