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2 इतिहास 18:26 - पवित्र बाइबल

26 आमोन और योआश से कहो, ‘राजा यह कहते हैं: मीकायाह को बन्दीगृह में डाल दो। उसे रोटी और पानी के अतिरिक्त तब तक कुछ खाने को न दो जब तक मैं युद्ध से न लौटूँ।’”

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Hindi Holy Bible

26 उन से कहो, राजा यों कहता है, कि इस को बन्दीगृह में डालो, और जब तक मैं कुशल से न आऊं, तब तक इसे दु:ख की रोटी और पानी दिया करो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

26 तुम उनसे कहना, “महाराज ने यों कहा है : तुम इस आदमी को कारागार में बन्‍द रखो। जब तक मैं युद्ध से सकुशल न लौट आऊं तब तक तुम इसे बस इतना भोजन देना कि यह जीवित रह सके।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

26 उनसे कहो, ‘राजा यों कहता है कि इसको बन्दीगृह में डालो, और जब तक मैं कुशल से न आऊँ, तब तक इसे दु:ख की रोटी और पानी दिया करो।’ ”

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सरल हिन्दी बाइबल

26 उनसे कहना, ‘यह राजा का आदेश है: “इस व्यक्ति को जेल में डाल दो और इसे उस समय तक ज़रा सा ही भोजन और पानी देना, जब तक मैं सुरक्षित न लौट आऊं.” ’ ”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

26 उनसे कहो, ‘राजा यह कहता है, कि इसको बन्दीगृह में डालो, और जब तक मैं कुशल से न आऊँ, तब तक इसे दुःख की रोटी और पानी दिया करो।’” (2 इति. 16:10)

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2 इतिहास 18:26
23 क्रॉस रेफरेंस  

आसा हनानी पर उस बात से क्रोधित हुआ जो उसने कहा। आसा इतना क्रोध से पागल हो उठा कि उसने हनानी को बन्दीगृह में डाल दिया। आसा उस समय कुछ लोगों के साथ नीचता और कठोरता का व्यवहार करता था।


राजा अहोब ने मीकायाह से कहा, “कई बार मैंने तुमसे प्रतिज्ञा करवायी थी कि तुम यहोवा के नाम पर मुझे केवल सत्य बताओ!”


दुष्ट जन सदा ही कुटिल कर्म करते हैं। वे परमेश्वर की विवेकपूर्ण व्यवस्था और शिक्षाओं पर ध्यान नहीं देते। हे परमेश्वर, तेरे सभी शत्रु तेरे उपदेशों की उपेक्षा करते हैं।


मेरा गहरा दु:ख बस मेरा भोजन है। मेरे पेयों में मेरे आँसू गिर रहे हैं।


अपने भक्तों को तूने बस खाने को आँसू दिये है। तूने अपने भक्तों को पीने के लिये आँसुओं से लबालब प्याले दिये।


बुद्धिमान मनुष्य यहोवा से डरता है और पाप से दूर रहता है। किन्तु मूर्ख मनुष्य बिना विचार किये उतावला होता है— वह सावधान नहीं रहता।


यद्यपि मेरा यहोवा परमेश्वर तुम्हें दु:ख और कष्ट दे सकता है ऐसे ही जैसे मानों वह ऐसा रोटी—पानी हो, जिसे तुम हर दिन खाते—पीते हो। किन्तु वास्तव में परमेश्वर तो तुम्हारा शिक्षक है, और वह तुमसे छिपा नहीं रहेगा। तुम स्वयं अपनी आँखों से अपने उस शिक्षक को देखोगे।


और राजा यहोयाकीम ने कुछ व्यक्तियों को आदेश दिया कि वे शास्त्री बारुक और यिर्मयाह नबी को बन्दी बनायें। ये व्यक्ति राजा का एक पुत्र अज्राएल का पुत्र सरायाह और अब्देल का पुत्र शेलेम्याह थे। किन्तु वे व्यक्ति बारुक और यिर्मयाह को न ढूँढ सके क्योंकि यहोवा ने उन्हें छिपा दिया था।


वे अधिकारी यिर्मयाह पर बहुत क्रोधित थे। उन्होंने यिर्मयाह को पीटने का आदेश दिया। तब उन्होंने यिर्मयाह को बन्दीगृह में डाल दिया। बन्दीगृह योनातान नामक व्यक्ति के घर में था। योनातान यहूदा के राजा का शास्त्री था। योनातान का घर बन्दीगृह बना दिया गया था।


जब फरीसियों ने यह सुना तो वे बोले, “यह दुष्टात्माओं को उनके शासक बैल्जा़बुल के सहारे निकालता है।”


तब तुम प्रसन्न रहना, आनन्द से रहना, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें इसका प्रतिफल मिलेगा। यह वैसा ही है जैसे तुमसे पहले के भविष्यवक्ताओं को लोगों ने सताया था।


वे उस पर अभियोग लगाने लगे। उन्होंने कहा, “हमने हमारे लोगों को बहकाते हुए इस व्यक्ति को पकड़ा है। यह कैसर को कर चुकाने का विरोध करता है और कहता है यह स्वयं मसीह है, एक राजा।”


इस बात तक वे उसे सुनते रहे पर फिर ऊँचे स्वर में पुकार कर चिल्ला उठे, “ऐसे मनुष्य से धरती को मुक्त करो। यह जीवित रहने योग्य नहीं है।”


सो उन्होंने प्रेरितों को बंदी बना लिया और उन्हें सार्वजनिक बंदीगृह में डाल दिया।


क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? (एक सनकी की तरह मैं यह कहता हूँ) कि मैं तो उससे भी बड़ा मसीह का दास हूँ। मैंने बहुत कठोर परिश्रम किया है। मैं बार बार जेल गया हूँ। मुझे बार बार पीटा गया है। अनेक अवसरों पर मेरा मौत से सामना हुआ है।


“कोई व्यक्ति इन अभिशापों को सुन सकता है और अपने को संतोष देता हुआ कह सकता है, ‘मैं जो चाहता हूँ करता रहूँगा। मेरा कुछ भी बुरा नहीं होगा।’ वह व्यक्ति अपने ऊपर ही आपत्ति नहीं बुलाएगा अपितु वह सबके ऊपर अच्छे लोगों पर भी बुलाएगा।


कुछ को उपहासों और कोड़ों का सामना करना पड़ा जबकि कुछ को ज़ंजीरों से जकड़ कर बंदीगृह में डाल दिया गया।


धरती के वासी उन पर आनन्द मनायेंगे। वे उत्सव करेंगे तथा परस्पर उपहार भेजेंगे। क्योंकि इन दोनों नबियों ने धरती के निवासियों को बहुत दुःख पहुँचाया था।


अबीगैल से मिलने के पहले दाऊद कह रहा था, “मैंने नाबाल की सम्पत्ति की रक्षा मरुभूमि में की। मैंने यह व्यवस्था की कि उसकी कोई भेड़ खोए नहीं। मैंने यह सब कुछ बिना लिये किया। मैंने उसके लिये अच्छा किया। किन्तु मेरे प्रति वह बुरा रहा।


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