15 यहूदा से सभी लोग प्रसन्न थे क्योंकि उन्होंने पूरे हृदय से शपथ ली थी। उन्होंने पूरे हृदय से यहोवा का अनुसरण किया तथा येहोवा की खोज की और उसे पाया। इसलिये यहोवा ने उनके पूरे देश में शान्ति दी।
15 और यह शपथ खाकर सब यहूदी आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बडी अभिलाषा से उसको ढूंढ़ा और वह उन को मिला, और यहोवा ने चारों ओर से उन्हें विश्राम दिया।
15 इस शपथ से यहूदा प्रदेश का समस्त जनसमुदाय अत्यन्त प्रसन्न हुआ; क्योंकि लोगों ने मुक्त हृदय से यह शपथ खाई थी। उन्होंने सम्पूर्ण हृदय से प्रभु को ढूंढ़ा था और वह उनको प्राप्त हुआ था। प्रभु ने उनके चारों ओर के शत्रुओं से उन्हें विश्राम दिया।
15 यह शपथ खाकर सब यहूदी आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बड़ी अभिलाषा से उसको ढूँढ़ा और वह उनको मिला, और यहोवा ने चारों ओर से उन्हें विश्राम दिया।
15 यह शपथ सारे यहूदिया के लिए उल्लास का विषय थी, क्योंकि उन्होंने यह शपथ पूरे हृदय से ली थी और उन्होंने याहवेह की खोज पूरी सच्चाई में की थी. फलस्वरूप याहवेह ने खुद को उन्हें प्राप्त होने दिया था. यह होने पर याहवेह ने उन्हें हर एक ओर से शांति दी.
15 यह शपथ खाकर सब यहूदी आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बड़ी अभिलाषा से उसको ढूँढ़ा और वह उनको मिला, और यहोवा ने चारों ओर से उन्हें विश्राम दिया।
राजा स्तम्भ के पास खड़ा हुआ और उसने यहोवा के साथ वाचा की। उसने यहोवा का अनुसरण करना, उसकी आज्ञा, वाचा और नियमों का पालन करना स्वीकार किया। उसने पूरी आत्मा और हृदय से यह करना स्वीकार किया। उसने उस पुस्तक में लिखी वाचा को मानना स्वीकार किया। सभी लोग यह प्रकट करने के लिये खड़े हुए कि वे राजा की वाचा का समर्थन करते हैं।
जब लेवीवंशियों ने इस्राएल को छोड़ दिया तब इस्राएल के परिवार समूह के वे लोग जो इस्राएल के यहोवा परमेश्वर के प्रति विश्वास योग्य थे, यरूशलेम में यहोवा, अपने पूर्वजों के परमेश्वर को बलि चढ़ाने आए।
आसा ने यहूदा के लोगों से कहा, “हम लोग इन नगरों को बनाऐं और इनके चारों ओर चारदीवारी बनाऐं। हम गुम्बद, द्वार और द्वारों में छड़ें लगायें। जब तक हम लोग देश में हैं, यह करें। यह देश हमारा है क्योंकि हम लोगों ने अपने यहोवा परमेश्वर का अनुसरण किया है। उसने हम लोगों को सब ओर से शान्ति दी है।” इसलिये उन्होंने यह सब बनाया और वे सफल हुए।
अजर्याह आसा से मिलने गया। अजर्याह ने कहा, “आसा तथा यहूदा और बिन्यामीन के सभी लोगो मेरी सुनो! यहोवा तुम्हारे साथ तब है जब तुम उसके साथ हो। यदि तुम यहोवा को खोजोगे तो तुम उसे पाओगे। किन्तु यदि तुम उसे छोड़ोगे तो वह तुम्हें छोड़ देगा।
तब राजा अपने स्थान पर खड़ा हुआ। उसने यहोवा के साथ वाचा की। उसने यहोवा का अनुसरण करने की और यहोवा के आदेशों, विधियों और नियमों का पालन करने की वाचा की। योशिय्याह पूरे हृदय और आत्मा से आज्ञा पालन करने को सहमत हुआ। वह पुस्तक में लिखे वाचा के कथनों का पालन करने को सहमत हुआ।
इसके बाद राज्यपाल नहेमायाह याजक तथा शिक्षक एज्रा तथा लेवीवंश के लोग जो लोगों को शिक्षा दे रहे थे, बोले। उन्होंने कहा, “आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का विशेष दिन है दु:खी मत होओ, विलाप मत करो।” उन्होंने ऐसा इसलिये कहा था कि लोग व्यवस्था के विधान में परमेश्वर का सन्देश सुनते हुए रोने लगे थे।
किन्तु यदि परमेश्वर ने गरीब की सहायता न करने का निर्णय लिया तो कोई व्यक्ति परमेश्वर को दोषी नहीं ठहरा सकता है। यदि परमेश्वर उनसे मुख मोड़ता है तो कोई भी उस को नहीं पा सकता है। परमेश्वर जातियों और समूची मानवता पर शासन करता है।
मैंने अकेले ये बातें नहीं कीं। मैंने मुक्त भाव से कहा है। संसार के किसी भी अन्धेरे में मैं अपने वचन नहीं छुपाता। मैंने याकूब के लोगों से नहीं कहा कि वे मुझे विरान स्थानों पर ढूँढे। मैं परमेश्वर हूँ, और मैं सत्य बोलता हूँ। मैं वही बातें कहता हूँ जो सत्य हैं।
हमें इसका गर्व है कि हम यह बात साफ मन से कह सकते हैं कि हमने इस जगत के साथ और खासकर तुम लोगों के साथ परमेश्वर के अनुग्रह के अनुरूप व्यवहार किया है। हमने उस सरलता और सच्चाई के साथ व्यवहार किया है जो परमेश्वर से मिलती है न कि दुनियावी बुद्धि से।
तब तुम उन सभी चीज़ों का आनन्द से उपभोग कर सकते हो जिसे यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें और तुम्हारे परिवार को दिया है। लेवीवंशी और वे विदेशी जो तुम्हारे बीच रहते हैं तुम्हारे साथ इन चीजों का आनन्द ले सकते हैं।