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2 इतिहास 1:11 - पवित्र बाइबल

11 परमेश्वर ने सुलैमान से कहा, “तुम्हारी भावनायें बिल्कुल ठीक हैं। तुमने धन या सम्पत्ति या सम्मान नहीं माँगा है। तुमने यह भी नहीं माँगा है कि तुम्हारे शत्रु मर जायें। तुमने लम्बी उम्र भी नहीं माँगी है। किन्तु तुमने अपने लिये बुद्धि और ज्ञान माँगा है। जिससे तुम मेरी प्रजा के सम्बन्ध में बुद्धिमता से निर्णय ले सको, जिसका मैंने तुमको राजा बनाया है।

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Hindi Holy Bible

11 परमेश्वर ने सुलैमान से कहा, तेरी जो ऐसी ही मनसा हुई, अर्थात तू ने न तो धन सम्पत्ति मांगी है, न ऐश्वर्य और न अपने बैरियों का प्राण और न अपनी दीर्घायु मांगी, केवल बुद्धि और ज्ञान का वर मांगा है, जिस से तू मेरी प्रजा का जिसके ऊपर मैं ने तुझे राजा नियुक्त किया है, न्याय कर सके,

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 परमेश्‍वर ने सुलेमान को उत्तर दिया, ‘तेरे हृदय में यह सुन्‍दर विचार था। इसलिए तूने मुझसे धन-सम्‍पत्ति, वैभव, मान-सम्‍मान नहीं मांगा। तूने अपने शत्रुओं के प्राण नहीं मांगे। तूने अपने लिए दीर्घायु नहीं मांगी, वरन् तूने मेरे निज लोगों पर राज्‍य करने के लिए बुद्धि और समझ मांगी, जिन पर मैंने तुझको राजा नियुक्‍त किया है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 परमेश्‍वर ने सुलैमान से कहा, “तेरी जो ऐसी ही इच्छा हुई, अर्थात् तू ने न तो धन सम्पत्ति माँगी है, न ऐश्‍वर्य और न अपने बैरियों का प्राण और न अपनी दीर्घायु माँगी, केवल बुद्धि और ज्ञान का वर माँगा है, जिस से तू मेरी प्रजा का जिसके ऊपर मैं ने तुझे राजा नियुक्‍त किया है, न्याय कर सके,

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सरल हिन्दी बाइबल

11 परमेश्वर ने शलोमोन को उत्तर दिया, “इसलिये कि यही तुम्हारे मन इच्छा रही है और तुमने मुझसे न तो धन-संपत्ति, न वैभव, न कीर्ति न अपने शत्रुओं के प्राण और न अपने लिए लंबी उम्र की विनती की है, मगर तुमने अपने लिए बुद्धि और ज्ञान की विनती की है कि तुम मेरी प्रजा का शासन कर सको, जिस पर मैंने तुम्हें राजा बनाया है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

11 परमेश्वर ने सुलैमान से कहा, “तेरी जो ऐसी ही इच्छा हुई, अर्थात् तूने न तो धन-सम्पत्ति माँगी है, न ऐश्वर्य और न अपने बैरियों का प्राण और न अपनी दीर्घायु माँगी, केवल बुद्धि और ज्ञान का वर माँगा है, जिससे तू मेरी प्रजा का जिसके ऊपर मैंने तुझे राजा नियुक्त किया है, न्याय कर सके,

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2 इतिहास 1:11
15 क्रॉस रेफरेंस  

सर्वत्र लोग राजा सुलैमान को देखना चाहते थे। वे परमेश्वर द्वारा दी गई उसकी बुद्धिमत्ता की बात सुनना चाहते थे।


इस्राएल के लोगों ने राजा सुलैमान के निर्णय को सुना। उन्होंने उसका बहुत आदर और सम्मान किया क्योंकि वह बुद्धिमान था। उन्होंने देखा कि ठीक न्याय करने में उसके पास परमेश्वर की बुद्धि थी।


किन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, ‘मैं जानता हूँ कि तुम मेरे सम्मान के लिये मन्दिर बनाने की प्रबल इच्छा रखते हो और यह अच्छा है कि तुम मेरा मन्दिर बनाना चाहते हो।


राजा दाऊद खड़ा हुआ और कहा, “मेरे भाईयो और मेरे लोगो, मेरी बात सुनो। मैं अपने हृदय से यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दुक को रखने के लिये एक स्थान बनाना चाहता हूँ। मैं एक ऐसा स्थान बनाना चाहता हूँ जो परमेश्वर का पद पीठ बन सके और मैंने परमेश्वर के लिये एक मन्दिर बनाने की योजना बनाई।


इसलिये मैं तुम्हें बुद्धि और ज्ञान दूँगा। मैं तुम्हें धन, वैभव और सम्मान भी दूँगा। तुम्हारे पहले होने वाले राजाओं के पास इतना धन और इतना सम्मान कभी नहीं था और तुम्हारे बाद होने वाले राजाओं के पास भी इतना धन और सम्मान नहीं होगा।”


ज्ञानी जनों का ज्ञान इसी में है, कि वे अपनी राहों का चिंतन करें, मूर्खता मूर्ख की छल में बसती है।


क्योंकि वह ऐसा मनुष्य है जो मन में हरदम उसके मूल्य का हिसाब लगाता रहता है; तुझसे तो वह कहता, “तुम खाओ और पियो” किन्तु वह मन से तेरे साथ नहीं है।


मेरे ही साहारे राजा राज्य करते हैं, और शासक नियम रचते हैं, जो न्याय पूर्ण है।


उसे बेचने से पहले क्या वह तेरी ही नहीं थी? और जब तूने उसे बेच दिया तो वह धन क्या तेरे ही अधिकार में नहीं था? तूने इस बात की क्यों सोची? तूने मनुष्यों से नहीं, परमेश्वर से झूठ बोला है।”


परमेश्वर का वचन तो सजीव और क्रियाशील है, वह किसी दोधारी तलवार से भी अधिक पैना है। वह आत्मा और प्राण, सन्धियों और मज्जा तक में गहरा बेध जाता है। वह मन की वृत्तियों और विचारों को परख लेता है।


भला तुम में, ज्ञानी और समझदार कौन है? जो है, उसे अपने व्यवहार से यह दिखाना चाहिए कि उसके कर्म उस सज्जनता के साथ किए गए हैं जो ज्ञान से जुड़ी है।


किन्तु स्वर्ग से आने वाला ज्ञान सबसे पहले तो पवित्र होता है, फिर शांतिपूर्ण, सहनशील, सहज-प्रसन्न, करुणापूर्ण होता है। और उससे उत्तम कर्मों की फ़सल उपजती है। वह पक्षपात-रहित और सच्चा भी होता है।


किन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, “एलीआब लम्बा और सुन्दर है किन्तु उसके बारे में मत सोचो। एलीआब लम्बा है किन्तु उसके बारे में मत सोचो। परमेश्वर उस चीज़ को नहीं देखता जिसे साधारण व्यक्ति देखते हैं। लोग व्यक्ति के बाहरी रूप को देखते हैं, किन्तु यहोवा व्यक्ति के हृदय को देखता है। एलीआब उचित व्यक्ति नहीं है।”


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