21 किर्यत्यारीम में एक याजक था। बेतशेमेश के लोगों ने किर्यत्यारीम के लोगों के पास दूत भेजे। दूतों ने कहा, “पलिश्तियों ने यहोवा का पवित्र सन्दूक लौटा दिया है। आओ और इसे अपने नगर में ले जाओ।”
21 तब उन्होंने किर्यत्यारीम के निवासियों के पास यों कहने को दूत भेजे, कि पलिश्तियों ने यहोवा का सन्दूक लौटा दिया है; इसलिये तुम आकर उसे अपने यहां ले जाओ॥
21 अत: उन्होंने किर्यत-यआरीम नगर के निवासियों को दूतों के हाथ यह संदेश भेजा: ‘पलिश्तियों ने प्रभु की मंजूषा लौटा दी है। आओ, और उसको अपने नगर में ले जाओ।’
21 तब उन्होंने किर्यत्यारीम के निवासियों के पास यों कहने को दूत भेजे, “पलिश्तियों ने यहोवा का सन्दूक लौटा दिया है; इसलिये तुम आकर उसे अपने यहाँ ले जाओ।”
तब दाऊद और उसके सभी लोग यहूदा के बाले में गये और परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को यहूदा के बाले से लेकर उसे यरूशलेम में ले आए। लोग पवित्र सन्दूक के पास यहोवा की उपासना करने के लिये जाते हैं। पवित्र सन्दूक यहोवा के सिंहासन की तरह है। पवित्र सन्दूक के ऊपर करूब की मूर्तियाँ हैं, और यहोवा इन स्वर्गदूतों पर राजा की तरह बैठता है।
अतीत काल में एक दूसरा व्यक्ति था जो यहोवा के सन्देश का उपदेश देता था। उसका नाम ऊरिय्याह था। वह शमाय्याह नामक व्यक्ति का पुत्र था। ऊरिय्याह, किर्यत्यारीम नगर का था। ऊरिय्याह ने इस नगर और देश के विरुद्ध वही उपदेश दिया जो यिर्मयाह ने दिया है।
“‘यहूदा के लोगों, तुम अब शीलो नगर को जाओ। उस स्थान पर जाओ जहाँ मैंने प्रथम बार अपने नाम का मन्दिर बनाया। इस्राएल के लोगों ने भी पाप कर्म किये। जाओ और देखो कि उस स्थान का मैंने उन पाप कर्मों के लिये क्या किया जो उन्होंने किये।
इसलिये मैं अपने नाम से पुकारे जाने वाले यरूशलेम के इस मन्दिर को नष्ट करूँगा। मैं उस मन्दिर को वैसे ही नष्ट करूँगा जैसे मैंने शीलो को नष्ट किया और यरूशलेम में वह मन्दिर जो मेरे नाम पर हैं, वही मन्दिर है जिसमें तुम विश्वास करते हो। मैंने उस स्थान को तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को दिया।
उस स्थान से सीमा नेप्तोह के पानी के सोते के पास जाती थी। उसके बाद सीमा एप्रोन पर्वत के निकट के नगरों तक जाती थी। उस स्थान पर सीमा मुड़ती थी और बाला को जाती थी (बाला को किर्यत्यारीम भी कहते हैं।)
बेथोरोन दक्षिण में एक पहाड़ी है। यहाँ सीमा इस पहाड़ी पर मुड़ी और उस पहाड़ी की पश्चिमी ओर के निकट से दक्षिण को गई थी। यह सीमा किर्यतबाल (किर्यत्यारीम) को गई। यह एक नगर है, जहाँ यहूदा के लोग रहते थे। यह पश्चिमी सीमा थी।
लैश नगर की यात्रा करते समय वे यहूदा प्रदेश में किर्य्यत्यारीम नगर में रूके। उन्होंने वहाँ डेरा डाला। यही कारण है किर्य्यत्यारीम के पश्चिम का प्रदेश आज तक महनेदान कहा जाता है।