आसा ने यहूदा के लोगों से कहा, “हम लोग इन नगरों को बनाऐं और इनके चारों ओर चारदीवारी बनाऐं। हम गुम्बद, द्वार और द्वारों में छड़ें लगायें। जब तक हम लोग देश में हैं, यह करें। यह देश हमारा है क्योंकि हम लोगों ने अपने यहोवा परमेश्वर का अनुसरण किया है। उसने हम लोगों को सब ओर से शान्ति दी है।” इसलिये उन्होंने यह सब बनाया और वे सफल हुए।
जब यरीहो के नबियों के समूह ने एलीशा को देखा, उन्होंने कहा, “एलिय्याह की आत्मा अब एलीशा पर है।” वे एलीशा से मिलने आए। वे एलीशा के सामने नीचे भूमि तक प्रणाम करने झुके।
अपने सेवकों से पूछो और वे बता देंगे कि यह सब सच है। कृपया मेरे युवकों पर दया करो। इस प्रसन्नता के अवसर पर हम तुम्हारे पास पहुँच रहे हैं। कृपया इन युवकों को तुम जो कुछ चाहो, दो। कृपया यह मेरे लिये, अपने मित्र दाऊद के लिये करो।”
किन्तु नाबाल उनके प्रति नीचता से पेश आया। नाबाल ने कहा, “दाऊद है कौन? यह यिशै का पुत्र कौन होता है? इन दिनों बहुत से दास हैं जो अपने स्वामियों के यहाँ से भाग गये हैं!