अय्या की पुत्री रिस्पा ने शोक के वस्त्र लिये और उसे चट्टान पर रख दिया। वह वस्त्र फसल की कटाई आरम्भ होने से लेकर जब तक वर्षा हुई चट्टान पर पड़ा रहा। दिन में रिस्पा अपने पुत्रों के शव को आकाश के पक्षियों द्वारा स्पर्श नहीं होने देती थी। रात को रिस्पा खेतों के जानवरों को अपने पुत्रों के शवों को छूने नहीं देती थी।
अत: मैं उन लोगों को उनके शत्रुओं और उन व्यक्तियों को दूँगा जो उन्हें मार डालना चाहते हैं। उन व्यक्तियों के शव हवा में उड़ने वाले पक्षियों और पृथ्वी पर के जंगली जानवरों के भोजन बनेंगे।
यहोवा कहता है, “बुद्धिमान को अपनी बुद्धिमानी की डींग नहीं मारनी चाहिए। शक्तिशाली को अपने बल का बखान नहीं करना चाहिए। सम्पत्तिशाली को अपनी सम्पत्ति की हवा नहीं बांधनी चाहिए।
“मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा से कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘तुम बहुत घमण्डी हो! और तुम कहते हो, “मैं परमेश्वर हूँ! मैं समुद्रों के मध्य में देवताओं के आसन पर बैठता हूँ।” “‘किन्तु तुम व्यक्ति हो, परमेश्वर नहीं! तुम केवल सोचते हो कि तुम परमेश्वर हो।
इसके बाद मैंने देखा कि सूर्य के ऊपर एक स्वर्गदूत खड़ा है। उसने ऊँचे आकाश में उड़ने वाले सभी पक्षियों से ऊँचे स्वर में कहा, “आओ, परमेश्वर के महाभोज के लिए एकत्र हो जाओ,
किले के पलिश्ती योनातान और उसके सहायक के लिये चिल्लाये “हमारे पास आओ। हम तुम्हें अभी पाठ पढ़ाते हैं!” योनातान ने अपने सहायक से कहा, “पहाड़ी के ऊपर तक मेरा अनुसरण करो। यहोवा ने इस्राएल के लिये पलिश्तियों को दे दिया है!”
आज यहोवा तुमको मेरे द्वारा पराजित कराएगा। मैं तुमको मार डालूँगा। आज मैं तुम्हारा सिर काट डालूँगा और तुम्हारे शरीर को पक्षियों और जंगली जानवरों को खिला दूँगा। हम लोग अन्य पलिश्तियों के साथ भी यही करेंगे। तब सारा संसार जानेगा कि इस्राएल में परमेश्वर है!