1 शमूएल 12:21 - पवित्र बाइबल21 देवमूर्तियाँ मात्र मूर्तियाँ हैं, वे तुम्हारी सहायता नहीं करेंगी। इसलिए उनकी पूजा मत करो। देवमूर्तियाँ न तुम्हारी सहयता कर सकती हैं, न ही रक्षा कर सकती हैं। वे कुछ भी नहीं हैं! अध्याय देखेंHindi Holy Bible21 और मत मुड़ना; नहीं तो ऐसी व्यर्थ वस्तुओं के पीछे चलने लगोगे जिन से न कुछ लाभ पहुंचेगा, और न कुछ छुटकारा हो सकता है, क्योंकि वे सब व्यर्थ ही हैं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)21 निस्सार देवी-देवताओं की मूर्तियों का अनुसरण मत करना। वे किसी को लाभ नहीं पहुँचा सकतीं और न बचा सकती हैं; क्योंकि वे निस्सार मूर्तियाँ हैं! अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)21 और मत मुड़ना; नहीं तो ऐसी व्यर्थ वस्तुओं के पीछे चलने लगोगे जिनसे न कुछ लाभ पहुँचेगा, और न कुछ छुटकारा हो सकता है, क्योंकि वे सब व्यर्थ ही हैं। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल21 बेकार की वस्तुओं की ओर कभी न फिरना. वे न तो लाभकर होती है, न ही उनमें तुम्हें छुड़ाने की ही क्षमता है, क्योंकि वे खोखली हैं. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201921 और मत मुड़ना; नहीं तो ऐसी व्यर्थ वस्तुओं के पीछे चलने लगोगे जिनसे न कुछ लाभ पहुँचेगा, और न कुछ छुटकारा हो सकता है, क्योंकि वे सब व्यर्थ ही हैं। अध्याय देखें |
वे लोग झूठे देवता को अपने कन्धों पर रख कर ले चलते हैं। वह झूठा देवता तो बेकार है। लोगों को उसे ढोना पड़ता है। लोग उस झूठे देवता को धरती पर स्थापित करते हैं। किन्तु वह झूठा देवता हिल—डुल भी नहीं पाता। वह झूठा देवता अपने स्थान से चल कर कहीं नहीं जाता। लोग उसके सामने चिल्लाते हैं किन्तु वह कभी उत्तर नहीं देगा। वह झूठा देवता तो बस मूर्ति है। वह लोगों को उनके कष्टों से नहीं उबार सकता।
मूर्तियों की पूजा करके उन्होंने मुझमें ईर्ष्या उत्पन्न की वे मूर्तियाँ ईश्वर नहीं हैं। तुच्छ मूर्तियों को पूज कर उन्होंने मुझे क्रुद्ध किया है! अब मैं इस्राएल को बनाऊँगा ईर्ष्यालु। मैं उन लोगों का उपयोग करूँगा, जो गठित नहीं हुये हैं राष्ट्र में। मैं करूगाँ प्रयोग मूर्ख राष्ट्र का और लोगों से उन पर क्रोध बरसाऊँगा।
लोगों ने, अपने पूर्वजों द्वारा यहोवा के साथ की गई वाचा और यहोवा के नियमों को मानने से इन्कार किया। उन्होंने यहोवा की चेतावनियों को सुनने से इन्कार किया। उन्होंने निकम्मे देवमूर्तियों का अनुसरण किया और स्वयं निकम्में बन गये। उन्होंने अपने चारों ओर के राष्ट्रों का अनुसरण किया। ये राष्ट्र वह करते थे जिसे न करने की चेतावनी इस्राएल के लोगों को यहोवा ने दी थी।