17 फिर यदि यह मैं अपनी इच्छा से करता हूँ तो मैं इसका फल पाने योग्य हूँ, किन्तु यदि अपनी इच्छा से नहीं बल्कि किसी नियुक्ति के कारण यह काम मुझे सौंपा गया है
17 यदि मैं अपनी इच्छा से यह करता, तो मुझे पुरस्कार का अधिकार होता। किन्तु मैं अपनी इच्छा से यह नहीं करता। मुझे जो कार्य सौंपा गया है, मैं उसे पूरा करता हूँ।
17 यदि मैं अपनी इच्छा से प्रचार करता हूं तो मुझे उसका प्रतिफल प्राप्त होगा किंतु यदि मैं प्रचार बिना इच्छा के करता हूं तो यह मात्र ज़िम्मेदारी पूरी करना ही हुआ.
“और मेरे पुत्र सुलैमान, तुम, अपने पिता के परमेश्वर को जानते हो। शुद्ध हृदय से परमेश्वर की सेवा करो। परमेश्वर की सेवा करने में अपने हृदय (मस्तिष्क) में प्रसन्न रहो। क्यों? क्योंकि यहोवा जानता है कि हर एक के हृदय (मस्तिष्क) में क्या है। हर बात जो सोचते हो, यहोवा जानता है। यदि तुम यहोवा के पास सहायता के लिये जाओगे, तो तुम्हें वह मिलेगी। किन्तु यदि उसको छोड़ते हो, तो वह तुमको सदा के लिये छोड़ देगा।
मैंने सोना और चाँदी उन सब चीजों के लिये दी हैं जो सोने और चाँदी की बनी होती हैं। मैं ने सोना और चाँदी दिया है जिनसे कुशल कारीगर मन्दिर के लिये सभी विभिन्न प्रकार की चीज़ें बना सकेंगे। अब ईस्राएल के लोगो आप लोगों में से कितने आज यहोवा के लिये अपने को अर्पित करने के लिये तैयार हैं?”
लोग बहुत प्रसन्न थे क्योंकि उनके प्रमुख उतना अधिक देने में प्रसन्न थे। प्रमुख स्वतन्त्रता पूर्वक खुले दिल से देने में प्रसन्न थे। राजा दाऊद भी बहुत प्रसन्न था।
यरूशलेम में रहने के लिए कुछ लोगों ने स्वयं अपने आप को प्रस्तुत किया। अपने आप को स्वयं प्रस्तुत करने के लिए दूसरे व्यक्तियों ने उन्हें धन्यवाद देते हुए आशीर्वाद दिये।
कभी—कभी मैं अपने से कहता हूँ: “मैं यहोवा के बारे में भूल जाऊँगा। मैं अब आगे यहोवा के नाम पर नहीं बोलूँगा।” किन्तु यदि मैं ऐसा कहता हूँ तो यहोवा का सन्देश मेरे भीतर भड़कती ज्वाला सी हो जाती है। मुझे ऐसा लगता है कि यह अन्दर तक मेरी हड्डियों को जला रही है। मैं अपने भीतर यहोवा के सन्देश को रोकने के प्रयत्न में थक जाता हूँ और अन्तत: मैं इसे अपने भीतर रोकने में समर्थ नहीं हो पाता।
योना परमेश्वर की बातें नहीं मानना चाहता था, सो योना ने यहोवा से कहीं दूर भाग जाने का प्रयत्न किया। सो योना यापो की ओर चला गया। योना ने एक नौका ली जो सुदूर नगर तर्शीश को जा रही थी। योना ने अपनी यात्रा के लिये धन दिया और वह नाव पर जा चढ़ा। योना चाहता था कि इस नाव पर वह लोगों के साथ तर्शीश चला जाये और यहोवा से कहीं दूर भाग जाये।
“निश्चय ही, तुम लोगों में से कोई याजक तो मंदिर के द्वारों को बन्द करता और आग ठीक —ठीक जलाता। सो मैं तुम लोगों से प्रसन्न नहीं हूँ। मैं तुम्हारी भेंट स्वीकार नहीं करुँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
जो किसी नबी को इसलिये अपनाता है कि वह नबी है, उसे वही प्रतिफल मिलेगा जो कि नबी को मिलता है। और यदि तुम किसी भले आदमी का इसलिये स्वागत करते हो कि वह भला आदमी है, उसे सचमुच वही प्रतिफल मिलेगा जो किसी भले आदमी को मिलना चाहिए।
इस पर यीशु ने कहा, “तो फिर ऐसा विश्वास-पात्र, बुद्धिमान प्रबन्ध-अधिकारी कौन होगा जिसे प्रभु अपने सेवकों के ऊपर उचित समय पर, उन्हें भोजन सामग्री देने के लिये नियुक्त करेगा?
इसलिए यदि मैं सुसमाचार का प्रचार करता हूँ तो इसमें मुझे गर्व करने का कोई हेतु नहीं है क्योंकि मेरा तो यह कर्तव्य है। और यदि मैं सुसमाचार का प्रचार न करूँ तो मेरे लिए यह कितना बुरा होगा।
तो फिर मेरा प्रतिफल काहे का। इसलिए जब मैं सुसमाचार का प्रचार करूँ तो बिना कोई मूल्य लिये ही उसे करूँ। ताकि सुसमाचार के प्रचार में जो कुछ पाने का मेरा अधिकार है, मैं उसका पूरा उपयोग न करूँ।
किन्तु इन मुखियाओं ने देखा कि परमेश्वर ने मुझे वैसे ही एक विशेष काम सौंपा है जैसे पतरस को परमेश्वर ने यहूदियों को सुसमाचार सुनाने का काम दिया था। किन्तु परमेश्वर ने ग़ैर यहूदी लोगों को सुसमाचार सुनाने का काम मुझे दिया।
परमेश्वर ने तुम्हारे लाभ के लिये मुझे जो आदेश दिया था, उसी के अनुसार मैं उसका एक सेवक ठहराया गया हूँ। ताकि मैं परमेश्वर के समाचार का पूरी तरह प्रचार करूँ।