शल्लूम कोरे का पुत्र था। कोरे एब्यासाप का पुत्र था। एब्यासाप कोरह का पुत्र था। शल्लूम और उसके भाई द्वारपाल थे। वे कोरे परिवार से थे। उन्हें पवित्र तम्बू के द्वार की रक्षा करने का कार्य करना था। वे इसे वैसे ही करते थे जैसे इनके पूर्वजों ने इनके पहले किया था। उनेक पूर्वजों का यह कार्य था कि वे पवित्र तम्बू के द्वार की रक्षा करें।
सब मिलाकर दो सौ बारह व्यक्ति पवित्र तम्बू के द्वार की रक्षा के लिये चुने गए थे। उनके नाम उनेक परिवार इतिहास में उनके छोटे नगरों में लिखे हुए थे। दाऊद और समूएल नबी ने उन लोगों को चुना, क्यों कि उन पर विश्वास किया जा सकता था।
उत्तम महीन आटे में तेल मिलाना चाहिए और उसे कड़ाही में भूनना चाहिए। जब यह भुन जाए तब इसे अन्दर लाना चाहिए। तुम्हें अन्नबलि का चूरमा बना लेना चाहिए। इस की सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी।
किन्तु लूत अपने घर चलने के लिए बार—बार कहता रहा। इस तरह स्वर्गदूत लूत के घर जाने के लिए तैयार हो गए। जब वे घर पहुँचे तो लूत उनके पीने के लिए कुछ लाया। लूत ने उनके लिए रोटियाँ बनाईं। लूत का पकाया भोजन स्वर्गदूतों ने खाया।
मन्दिर में विशेष रोटी को मेज पर रखने का उत्तरदायित्व उनका ही था। वे आटा, अन्नबलि और अखमीरी रोटी के लिये भी उत्तरदायी थे। वे पकाने की कढ़ाईयों और मिश्रित भेंटों के लिये भी उत्तरदायी थे। वे सारा नाप तौल का काम करते थे।