1 इतिहास 29:1 - पवित्र बाइबल1 राजा दाऊद ने वहाँ एक साथ इकट्ठे इस्राएल के सभी लोगों से कहा, “परमेश्वर ने मेरे पुत्र सुलैमान को चुना। सुलैमान बालक है और वह उन सब बातों को नहीं जानता जिनकी आवश्यकता उसे इस काम को करने के लिये है। किन्तु काम बुहत महत्वपूर्ण है। यह भवन लोगों के लिये नहीं है अपितु यहोवा परमेश्वर के लिये है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible1 फिर राजा दाऊद ने सारी सभा से कहा, मेरा पुत्र सुलैमान सुकुमार लड़का है, और केवल उसी को परमेश्वर ने चुना है; काम तो भारी है, क्योंकि यह भवन मनुष्य के लिये नहीं, यहोवा परमेश्वर के लिये बनेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)1 राजा दाऊद ने समस्त धर्मसभा से यह कहा, ‘मेरे पुत्र सुलेमान को ही परमेश्वर ने चुना है। परन्तु सुलेमान अभी किशोर है। उसे इस प्रकार के काम का अनुभव नहीं है। प्रभु-भवन का निर्माण-कार्य भारी है। यह भवन मनुष्य के लिए नहीं वरन् प्रभु परमेश्वर के लिए बनेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)1 फिर राजा दाऊद ने सारी सभा से कहा, “मेरा पुत्र सुलैमान सुकुमार लड़का है, और केवल उसी को परमेश्वर ने चुना है; काम तो भारी है, क्योंकि यह भवन मनुष्य के लिये नहीं, यहोवा परमेश्वर के लिये बनेगा। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल1 सारी सभा को राजा दावीद ने कहा: “मेरा पुत्र शलोमोन, जो सिर्फ परमेश्वर द्वारा ही चुना गया है, इस समय कम उम्र और कम अनुभव का है, जबकि यह एक बड़ा काम है, क्योंकि यह मंदिर किसी इंसान का नहीं, याहवेह परमेश्वर के आदर में बनाया जा रहा है. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20191 फिर राजा दाऊद ने सारी सभा से कहा, “मेरा पुत्र सुलैमान सुकुमार लड़का है, और केवल उसी को परमेश्वर ने चुना है; काम तो भारी है, क्योंकि यह भवन मनुष्य के लिये नहीं, यहोवा परमेश्वर के लिये बनेगा। अध्याय देखें |
दाऊद ने कहा, “हमें यहोवा के लिये एक विशाल मन्दिर बनाना चाहिए। किन्तु मेरा पुत्र सुलैमान बालक है और वह उन सब चीजों को नहीं सीख सका है जो उसे जानना चाहिये। यहोवा का मन्दिर बहुत विशाल होना चाहिये। इस अपनी विशालता और सुन्दरता के लिये सभी राष्ट्रों में प्रसिद्ध होना चाहिये। यही कारण है कि मैं यहोवा का मन्दिर बनाने की योजना बनाऊँगा।” इसलिये दाऊद ने मरने से पहले मन्दिर बनाने के लिये बहुत सी योजनायें बनाई।
दाऊद ने इस्राएल के सभी प्रमुखों को इकट्ठा किया। उसने सभी प्रमुखों को यरूशलेम आने का आदेश दिया। दाऊद ने परिवार समूहों के प्रमुखों, राजा की सेवा करने वाली सेना की टुकड़ियों के सेनापतियों, सेनाध्यक्षों, राजा और उनके पुत्रों के जानवरों तथा सम्पत्ति की देखभाल करने वाले अधिकारियों, राजा के महत्वपूर्ण अधिकारियों, शक्तिशाली वीरों और सभी वीर योद्धाओं को बुलाया।