तब दाऊद ने इस्राएल के सभी लोगों को एक साथ बुलाया। उसने उनसे कहाः “यदि तुम लोग इसे अच्छा विचार समझते हो और यदि यह वही है जिसे यहोवा चाहता है, तो हम लोग अपने भाईयों को इस्राएल के सभी क्षेत्रों में सन्देश भेजें। हम लोग उन याजकों और लेवीवंशियों को भी सनेदश भेंजें। जो हम लोगों के भाईयों के साथ नगरों और उनके निकट के खेतों में रहते हैं। सन्देश में उनसे आने और हमारा साथ देने को कहा जाये।
पिछली बार हम लोगों ने यहोवा परमेश्वर से नहीं पूछा कि साक्षीपत्र के सन्दूक को हम कैसे ले चलें। लेवीवंशियों, तुम इसे नहीं ले चले, यही कारण था कि यहोवा ने हमें दण्ड दिया।”
शाऊल ने कहा, “हम लोग आज रात को पलिश्तियों का पीछा करें। हम लोग हर वस्तु ले लेंगे। हम उन सभी को मार डालेंगे।” सेना ने उत्तर दिया, “वैसे ही करो जैसे तुम ठीक समझते हो।” किन्तु याजक ने कहा, “हमें परमेश्वर से पूछने दो।”
वह पहली बार नहीं था, कि मैंने दाऊद के लिये परमेश्वर से प्रार्थना की। ऐसी बात बिल्कुल नहीं है। मुझे या मेरे किसी सम्बन्धी को दोष मत लगाओ। हम तुम्हारे सेवक हैं। मुझे कुछ भी ज्ञात नहीं है कि यह सब हो क्या रहा है?”