Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




सभोपदेशक 2:1 - नवीन हिंदी बाइबल

1 मैंने अपने मन से कहा, “चल, मैं सुख-विलास देकर तुझे जाँचूँगा; इसलिए तू आनंद मना।” परंतु देखो, यह भी व्यर्थ है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

1 मैंने अपने मन में कहा, “मुझे मनो विनोद करना चाहिए। मुझे हर वस्तु का जितना रस मैं ले सकूँ, उतना लेना चाहिय।” किन्तु मैंने जाना कि यह भी व्यर्थ है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

1 मैं ने अपने मन से कहा, चल, मैं तुझ को आनन्द के द्वारा जांचूंगा; इसलिये आनन्दित और मगन हो। परन्तु देखो, यह भी व्यर्थ है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 मैंने अपने हृदय में कहा, “चल, अब मैं भोग-विलास को जांचूंगा, इसलिए मौज कर।” पर मुझे अनुभव हुआ कि भोग-विलास भी निस्‍सार है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 मैं ने अपने मन से कहा, “चल, मैं तुझ को आनन्द के द्वारा जाँचूँगा; इसलिये आनन्दित और मगन हो।” परन्तु देखो, यह भी व्यर्थ है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

1 मैंने अपने आपसे कहा, “चलो, मैं आनंद के द्वारा तुम्हें परखूंगा.” इसलिये आनंदित और मगन हो जाओ. मगर मैंने यही पाया कि यह भी बेकार ही है.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




सभोपदेशक 2:1
27 क्रॉस रेफरेंस  

आओ, हम उतरकर उनकी भाषा में गड़बड़ी डालें कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ पाएँ।”


वह अपने मन में कहता है, “मैं कभी न टलूँगा : पीढ़ी से पीढ़ी तक मुझ पर कोई विपत्ति न पड़ेगी।”


मूर्ख अपने मन में कहता है, “परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे भ्रष्‍ट हैं और घृणित कार्य करते हैं। ऐसा कोई नहीं जो भलाई करता हो।


तूने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।” तब मेरे मन ने तुझसे कहा, “हे यहोवा, मैं तेरे दर्शन का खोजी रहूँगा।”


हँसी के समय मन उदास हो सकता है, और आनंद का अंत शोक भी हो सकता है।


हे जवान, अपनी जवानी में आनंद कर, और तेरी जवानी के दिनों में तेरा हृदय तुझे प्रसन्‍न रखे; अपने मन और अपनी आँखों की अभिलाषा के अनुसार चल। परंतु स्मरण रख कि इन सब बातों के विषय परमेश्‍वर तेरा न्याय करेगा।


मेरी आँखों ने जो कुछ चाहा उन सब को प्राप्‍त करने से मैं न रुका; मैंने अपने मन को किसी प्रकार के सुख-विलास से वंचित नहीं रखा। मेरा मन मेरे सब परिश्रम के कारण आनंदित हुआ, और यही मेरे सारे परिश्रम का फल था।


तब मैंने अपने मन में कहा, “जैसा मूर्ख का अंत होगा, वैसा मेरा भी होगा; फिर मेरे बुद्धिमान होने का क्या लाभ?” अतः मैंने अपने मन में कहा, “यह भी व्यर्थ है।”


क्योंकि उसकी सहायता के बिना कौन खा-पी और आनंद मना सकता है?


बुद्धिमानों का मन शोक करनेवालों के घर की ओर लगा रहता है, परंतु मूर्खों का मन सुख-विलास करनेवालों के घर की ओर लगा रहता है।


तब मैंने सुख-विलास को सराहा, क्योंकि संसार में मनुष्य के लिए खाने-पीने और आनंद मनाने को छोड़ और कुछ भी अच्छा नहीं, क्योंकि परमेश्‍वर ने उसे इस संसार में जितने दिन दिए हैं, उतने दिन उसके परिश्रम में यह आनंद उसके साथ रहेगा।


और मैं अपने प्राण से कहूँगा, “हे प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिए बहुत सी अच्छी वस्तुएँ रखी हैं; विश्राम कर, खा, पी, और आनंद मना।” ’


“अब एक धनी मनुष्य था। वह बैंजनी वस्‍त्र और मलमल पहना करता था और प्रतिदिन विलासिता में पड़ा आनंद मनाता रहता था।


अधोलोक में उसने पीड़ा में पड़े हुए जब अपनी आँखें उठाईं तो दूर से अब्राहम और उसकी गोद में लाज़र को देखा।


हम भी पहले निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, भ्रम में पड़े हुए, तथा विभिन्‍न‍ प्रकार की लालसाओं और भोग-विलास के दासत्व में थे, तथा बुराई और ईर्ष्या में जीवन व्यतीत करते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से घृणा करते थे।


अब सुनो, तुम जो यह कहते हो, “हम आज या कल अमुक नगर में जाकर वहाँ एक वर्ष बिताएँगे और व्यापार करके धन कमाएँगे।”


अब हे धनवानो, सुनो, अपने ऊपर आने वाली विपत्तियों पर चिल्‍ला चिल्‍लाकर रोओ।


तुमने इस पृथ्वी पर विलासिता का जीवन व्यतीत किया और भोग-विलास में रहे; तुमने अपने हृदयों को वध के दिन के लिए मोटा-ताज़ा किया है।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों