45 यदि किसी व्यक्ति को भयानक चर्मरोग हो तो उस ब्यक्ति को अन्य लोगों को सावधान करना चाहिए। उस व्यक्ति को जोर से ‘अशुद्ध! अशुद्ध!’ कहना चाहिए, उस व्यक्ति के वस्त्रों को, सिलाई से फाड़ देना चाहिए उस व्यक्ति को, अपने बालों को सँवारना नहीं चाहिए और उस व्यक्ति को अपना मुख ढकना चाहिए।
45 “वह व्यक्ति, जो कोढ़ के रोग से संक्रमित हुआ है, उसके वस्त्र फाड़ दिए जाएं, उसका सिर उघाड़ दिया जाए और वह अपने मुख का निचला भाग ढक कर ऊंचे स्वर में कहे, ‘अशुद्ध! अशुद्ध!’
तब मूसा ने हारून तथा उसके पुत्रों अर्थात् एलीआज़ार और ईतामार से कहा, “तुम अपने सिर के बाल मत बिखराओ और न अपने वस्त्र फाड़ो, कहीं ऐसा न हो कि तुम भी मर जाओ, और सारी मंडली पर यहोवा का क्रोध भड़क उठे। जिन्हें यहोवा ने भस्म किया है उनके लिए केवल तुम्हारे संबंधी अर्थात् इस्राएल का संपूर्ण घराना ही विलाप करे।
“वह याजक, जो अपने भाइयों में प्रधान हो, जिसके सिर पर अभिषेक का तेल उंडेला गया हो, और जिसे पवित्र वस्त्रों को पहनने के लिए पवित्र किया गया हो, वह अपने सिर के बाल बिखरने न दे, और न अपने वस्त्र फाड़े।