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लूका 16:19 - नवीन हिंदी बाइबल

19 “अब एक धनी मनुष्य था। वह बैंजनी वस्‍त्र और मलमल पहना करता था और प्रतिदिन विलासिता में पड़ा आनंद मनाता रहता था।

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पवित्र बाइबल

19 “अब देखो, एक व्यक्ति था जो बहुत धनी था। वह बैंगनी रंग के उत्तम मलमल के वस्त्र पहनता था और हर दिन विलासिता के जीवन का आनन्द लेता था।

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Hindi Holy Bible

19 एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रति दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

19 “एक धनवान मनुष्‍य था। वह राजसी बैंगनी वस्‍त्र और मलमल पहनता था, और प्रतिदिन दावत उड़ाया करता था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

19 “एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रतिदिन सुख–विलास और धूम–धाम के साथ रहता था।

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सरल हिन्दी बाइबल

19 प्रभु येशु ने आगे कहा, “एक धनवान व्यक्ति था, जो हमेशा कीमती तथा अच्छे वस्त्र ही पहनता था. उसकी जीवनशैली विलासिता से भरी थी.

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लूका 16:19
23 क्रॉस रेफरेंस  

बुद्धिमानों का धन उनका मुकुट है, परंतु मूर्खों के गले की माला मूर्खता है।


वह स्वयं चादरें बनाती है। उसके वस्‍त्र मलमल के और बैंजनी रंग के होते हैं।


तब उन्होंने उसे बैंजनी वस्‍त्र पहनाया और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा;


जब वे उसका उपहास कर चुके तो उन्होंने उसका बैंजनी वस्‍त्र उतारकर उसी के वस्‍त्र उसे पहना दिए। तब वे उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिए बाहर ले गए।


अभी बहुत दिन नहीं बीते थे कि छोटा पुत्र सब कुछ इकट्ठा करके दूर देश को चला गया, और वहाँ उसने भोग-विलास का जीवन बिताकर अपनी संपत्ति उड़ा दी।


फिर यीशु शिष्यों से भी कहने लगा :“किसी धनी मनुष्य का एक प्रबंधक था, और उस पर यह आरोप लगाया गया कि वह उसकी संपत्ति उड़ा रहा है।


“जो कोई अपनी पत्‍नी को तलाक देकर दूसरी से विवाह करता है, वह व्यभिचार करता है, और जो पति द्वारा त्यागी हुई स्‍त्री से विवाह करता है, वह भी व्यभिचार करता है।


उसके फाटक पर लाज़र नामक एक कंगाल को छोड़ दिया जाता था, जो घावों से भरा हुआ था,


वह स्‍त्री बैंजनी और गहरे लाल रंग के वस्‍त्र पहने थी, और सोने, बहुमूल्य पत्थरों और मोतियों से सजी थी। उसके हाथ में सोने का एक कटोरा था, जो घृणित वस्तुओं और उसके व्यभिचार की अशुद्धताओं से भरा हुआ था।


हाय! हाय! वह महानगरी, जो मलमल के बैंजनी और गहरे लाल रंग के वस्‍त्र पहनती थी, और सोने, बहुमूल्य पत्थरों और मोतियों से सुसज्‍जित थी,


जितनी उसने अपनी बड़ाई की और भोग-विलास किया, उतनी ही उसे पीड़ा और शोक दो। क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी बनकर बैठी हूँ, मैं विधवा नहीं हूँ; मैं कभी शोक नहीं देखूँगी।’


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