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रोमियों 7:8 - नवीन हिंदी बाइबल

8 परंतु पाप ने आज्ञा के द्वारा अवसर पाकर मुझमें हर प्रकार का लालच उत्पन्‍न‍ किया; क्योंकि व्यवस्था के बिना पाप मृत है।

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पवित्र बाइबल

8 किन्तु पाप ने मौका मिलते ही व्यवस्था का लाभ उठाते हुए मुझमें हर तरह की ऐसी इच्छाएँ भर दीं जो अनुचित के लिए थीं। व्यवस्था के अभाव में पाप तो मर गया।

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Hindi Holy Bible

8 परन्तु पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझ में सब प्रकार का लालच उत्पन्न किया, क्योंकि बिना व्यवस्था पाप मुर्दा है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 इस आज्ञा से लाभ उठा कर पाप ने मुझ में हर प्रकार का लालच उत्‍पन्न किया। व्‍यवस्‍था के अभाव में पाप निर्जीव है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 परन्तु पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझ में सब प्रकार का लालच उत्पन्न किया, क्योंकि बिना व्यवस्था पाप मुर्दा है।

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सरल हिन्दी बाइबल

8 पाप ने ही आज्ञा के माध्यम से अच्छा अवसर मिलने पर मुझमें हर एक प्रकार का लालच उत्पन्‍न कर दिया. यही कारण है कि व्यवस्था के बिना पाप मृत है.

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रोमियों 7:8
12 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि आज्ञा के द्वारा अवसर पाकर पाप ने मुझे बहकाया और उसी के द्वारा मुझे मार भी डाला।


मृत्यु का डंक तो पाप है, और पाप की शक्‍ति व्यवस्था है;


क्योंकि व्यवस्था तो प्रकोप उत्पन्‍न‍ करती है, परंतु जहाँ व्यवस्था नहीं, वहाँ उसका उल्‍लंघन भी नहीं होता।


तो क्या वह जो भली है, मेरे लिए मृत्यु का कारण बनी? कदापि नहीं! बल्कि पाप उस भली बात के द्वारा मुझमें मृत्यु उत्पन्‍न‍ करनेवाला हुआ जिससे कि वह पाप के रूप में प्रकट हो जाए और आज्ञा के द्वारा और भी अधिक पापमय ठहरे।


इसी बीच व्यवस्था आई कि अपराध बढ़े, परंतु जहाँ पाप बढ़ा वहाँ अनुग्रह उससे कहीं अधिक हुआ,


यदि मैं आकर उन्हें न बताता तो वे पापी न ठहरते; परंतु अब अपने पाप के लिए उनके पास कोई बहाना नहीं है।


अतः वह कार्य करनेवाला मैं नहीं बल्कि पाप है जो मुझमें वास करता है।


यदि मैंने उनके बीच वे कार्य न किए होते जिन्हें किसी और ने नहीं किया, तो वे पापी न ठहरते; परंतु अब उन्होंने मुझे और मेरे पिता दोनों को देखा है और दोनों से घृणा की है।


परस्‍त्रीगमन, लोभ, दुष्‍टता, छल, कामुकता, कुदृष्‍टि, निंदा, अहंकार और मूर्खता निकलती हैं।


क्योंकि व्यवस्था के कार्यों के द्वारा कोई प्राणी उसके सामने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिए कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहचान होती है।


पहले मैं व्यवस्था के बिना जीवित था, परंतु जब आज्ञा आई तो पाप जीवित हो उठा और मैं मर गया,


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