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रोमियों 5:1 - नवीन हिंदी बाइबल

1 अतः विश्‍वास से धर्मी ठहराए जाकर हमारा मेल परमेश्‍वर से अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हुआ है,

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पवित्र बाइबल

1 क्योंकि हम अपने विश्वास के कारण परमेश्वर के लिए धर्मी हो गये है, सो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमारा परमेश्वर से मेल हो गया है।

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Hindi Holy Bible

1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 यदि हम विश्‍वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्‍वर में शान्‍ति प्राप्‍त होती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 अत: जब हम विश्‍वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर के साथ मेल रखें,

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सरल हिन्दी बाइबल

1 इसलिये जब हम अपने विश्वास के द्वारा धर्मी घोषित किए जा चुके हैं, परमेश्वर से हमारा मेल-मिलाप हमारे प्रभु येशु मसीह के द्वारा हो चुका है,

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रोमियों 5:1
53 क्रॉस रेफरेंस  

यरूशलेम की शांति के लिए प्रार्थना करो : “तुझसे प्रीति रखनेवाले कुशल से रहें।


धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शांति और सर्वोच्‍च स्थान में महिमा हो।


और कहा,“भला होता यदि तूने, हाँ तूने भी आज ही शांति की बातों को जाना होता, परंतु अभी तो यह तेरी आँखों से छिपी हुई है।


सर्वोच्‍च स्थान में परमेश्‍वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में शांति हो, जिनसे वह प्रसन्‍न है।


“मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़े जाता हूँ, अपनी शांति तुम्हें देता हूँ; जैसी संसार देता है, वैसी मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल न हो और न डरे।


मैंने ये बातें तुमसे इसलिए कही हैं कि तुम मुझमें शांति पाओ। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परंतु साहस रखो! मैंने संसार को जीत लिया है।”


परंतु ये इसलिए लिखे गए हैं, ताकि तुम विश्‍वास करो कि यीशु ही परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है, और विश्‍वास करके उसके नाम से जीवन पाओ।


“मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि जो मेरे वचन को सुनता और मेरे भेजनेवाले पर विश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, बल्कि वह मृत्यु में से निकलकर जीवन में प्रवेश कर चुका है।


जो संदेश परमेश्‍वर ने यीशु मसीह के द्वारा (जो सब का प्रभु है) शांति का सुसमाचार सुनाते हुए इस्राएल की संतानों के पास भेजा,


क्योंकि इसमें परमेश्‍वर की धार्मिकता प्रकट होती है जो विश्‍वास से है और विश्‍वास के लिए है, जैसा लिखा है : धर्मी जन विश्‍वास से जीवित रहेगा।


उन सब के नाम जो रोम में परमेश्‍वर के प्रिय हैं और पवित्र होने के लिए बुलाए गए हैं : हमारे परमेश्‍वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शांति मिले।


क्योंकि मन से विश्‍वास करने का परिणाम धार्मिकता होता है, और मुँह से अंगीकार करने का परिणाम उद्धार होता है।


और यदि उन्हें भेजा न जाए तो वे कैसे प्रचार करें? जैसा लिखा है : उनके पैर कितने सुहावने हैं जो भली बातों का सुसमाचार सुनाते हैं।


क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य खाना और पीना नहीं बल्कि धार्मिकता, मेल और पवित्र आत्मा में आनंद है।


अब जो आशा का परमेश्‍वर है, वह तुम्हारे विश्‍वास करने में तुम्हें संपूर्ण आनंद और शांति से भर दे, जिससे तुम पवित्र आत्मा के सामर्थ्य के द्वारा आशा से भरपूर हो जाओ।


अब शांति का परमेश्‍वर तुम सब के साथ रहे। आमीन।


अर्थात् परमेश्‍वर की वह धार्मिकता जो यीशु मसीह पर विश्‍वास करने के द्वारा सब विश्‍वास करनेवालों के लिए है। इसमें कोई भेदभाव नहीं है;


क्योंकि एक ही परमेश्‍वर है जो ख़तनावालों को विश्‍वास से और ख़तनारहितों को भी विश्‍वास के द्वारा धर्मी ठहराएगा।


परंतु वह जो कार्य न करने पर भी भक्‍तिहीन को धर्मी ठहरानेवाले परमेश्‍वर पर विश्‍वास करता है, उसका विश्‍वास उसके लिए धार्मिकता गिना जाता है।


इतना ही नहीं, बल्कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर में प्रफुल्‍लित भी होते हैं, जिसके द्वारा अब हमारा मेल-मिलाप हुआ है।


अतः जिस प्रकार एक अपराध का परिणाम सब मनुष्यों पर दंड की आज्ञा हुआ, उसी प्रकार धार्मिकता के एक कार्य का परिणाम भी सब मनुष्यों के लिए जीवन के निमित्त धर्मी ठहराया जाना हुआ;


क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्‍वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।


तो हम क्या कहें? यह कि धार्मिकता की खोज न करनेवाले गैरयहूदियों ने धार्मिकता प्राप्‍त कर ली, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्‍वास से है;


फिर भी यह जानकर कि मनुष्य व्यवस्था के कार्यों से नहीं परंतु केवल यीशु मसीह पर विश्‍वास करने के द्वारा धर्मी ठहराया जाता है, हमने भी मसीह यीशु पर विश्‍वास किया है, ताकि हम व्यवस्था के कार्यों से नहीं परंतु मसीह पर विश्‍वास करने से धर्मी ठहराए जाएँ, क्योंकि व्यवस्था के कार्यों से कोई भी मनुष्य धर्मी नहीं ठहराया जाएगा।


परंतु जब विश्‍वास आ गया है तो अब हम शिक्षक के अधीन नहीं रहे।


परंतु आत्मा का फल प्रेम, आनंद, शांति, धैर्य, कृपा, भलाई, विश्‍वासयोग्यता,


ताकि वह आने वाले युगों में उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, अपने अनुग्रह का अपार धन दिखाए।


और उसी में पाया जाऊँ—यह अपनी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था से प्राप्‍त होती है, बल्कि उस धार्मिकता के कारण है जो मसीह पर विश्‍वास करने से है, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्‍वास के आधार पर परमेश्‍वर से प्राप्‍त होती है—


और उसके क्रूस पर बहाए गए लहू के द्वारा शांति स्थापित करके उसी के द्वारा सब वस्तुओं का अपने साथ मेल-मिलाप कर ले, चाहे वे पृथ्वी पर हों या स्वर्ग में।


मसीह की शांति तुम्हारे मनों पर राज्य करे जिसके लिए तुम एक देह में बुलाए भी गए हो; और आभारी बने रहो।


अब शांति का परमेश्‍वर स्वयं तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे, और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आगमन तक पूर्ण रूप से निर्दोष और सुरक्षित रहें।


अब शांति का प्रभु स्वयं तुम्हें हर परिस्थिति में निरंतर शांति देता रहे। प्रभु तुम सब के साथ रहे।


अब शांति का परमेश्‍वर, जिसने अनंत वाचा के लहू के द्वारा भेड़ों के महान चरवाहे हमारे प्रभु यीशु को मृतकों में से जीवित कर दिया,


हमारे पर का पालन करें:

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