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रोमियों 3:28 - नवीन हिंदी बाइबल

28 इसलिए हम यह मानते हैं कि मनुष्य व्यवस्था के कार्यों से अलग, विश्‍वास से धर्मी ठहराया जाता है।

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पवित्र बाइबल

28 कोई व्यक्ति व्यवस्था के कामों के अनुसार चल कर नहीं बल्कि विश्वास के द्वारा ही धर्मी बन सकता है।

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Hindi Holy Bible

28 इसलिये हम इस परिणाम पर पहुंचते हैं, कि मनुष्य व्यवस्था के कामों के बिना विश्वास के द्वारा धर्मी ठहरता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

28 क्‍योंकि हम मानते हैं कि मनुष्‍य व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड से पृथक ही, विश्‍वास के द्वारा धार्मिक ठहरता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

28 इसलिये हम इस परिणाम पर पहुँचते हैं कि मनुष्य व्यवस्था के कामों से अलग ही, विश्‍वास के द्वारा धर्मी ठहरता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

28 हमारी मान्यता यह है: मनुष्य व्यवस्था का सिर्फ पालन करने के द्वारा नहीं परंतु अपने विश्वास द्वारा धर्मी घोषित किया जाता है.

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रोमियों 3:28
20 क्रॉस रेफरेंस  

ताकि हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहराए जाकर, अनंत जीवन की आशा के अनुसार उत्तराधिकारी बन जाएँ।


फिर भी यह जानकर कि मनुष्य व्यवस्था के कार्यों से नहीं परंतु केवल यीशु मसीह पर विश्‍वास करने के द्वारा धर्मी ठहराया जाता है, हमने भी मसीह यीशु पर विश्‍वास किया है, ताकि हम व्यवस्था के कार्यों से नहीं परंतु मसीह पर विश्‍वास करने से धर्मी ठहराए जाएँ, क्योंकि व्यवस्था के कार्यों से कोई भी मनुष्य धर्मी नहीं ठहराया जाएगा।


इस प्रकार मसीह तक पहुँचाने के लिए व्यवस्था हमारी शिक्षक बनी, ताकि हम विश्‍वास के द्वारा धर्मी ठहराए जाएँ।


पवित्रशास्‍त्र ने पहले ही से यह जानकर कि परमेश्‍वर विश्‍वास के द्वारा गैरयहूदियों को धर्मी ठहराएगा, पहले से ही अब्राहम को यह सुसमाचार सुना दिया, सब जातियाँ तुझमें आशिष पाएँगी।


तुम देखते हो कि मनुष्य कार्यों से धर्मी ठहराया जाता है, अकेले विश्‍वास से नहीं।


इस वर्तमान समय में उसने उसे इसलिए प्रस्तुत किया कि अपनी धार्मिकता को प्रकट करे, जिससे वह स्वयं धर्मी ठहरे और जो यीशु पर विश्‍वास करता है उसका धर्मी ठहरानेवाला हो।


और उसी में पाया जाऊँ—यह अपनी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था से प्राप्‍त होती है, बल्कि उस धार्मिकता के कारण है जो मसीह पर विश्‍वास करने से है, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्‍वास के आधार पर परमेश्‍वर से प्राप्‍त होती है—


जो कार्य शरीर के दुर्बल होने के कारण व्यवस्था से असंभव था, उसे परमेश्‍वर ने किया अर्थात् अपने पुत्र को पापमय शरीर की समानता में और पापबलि होने के लिए भेजकर शरीर में पाप को दोषी ठहराया,


परंतु वह जो कार्य न करने पर भी भक्‍तिहीन को धर्मी ठहरानेवाले परमेश्‍वर पर विश्‍वास करता है, उसका विश्‍वास उसके लिए धार्मिकता गिना जाता है।


और न ही कर्मों के द्वारा, ऐसा न हो कि कोई घमंड करे।


तुममें से कुछ ऐसे ही थे, परंतु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम में और हमारे परमेश्‍वर के आत्मा के द्वारा धोए गए, पवित्र किए गए और धर्मी ठहराए गए हो।


अतः विश्‍वास से धर्मी ठहराए जाकर हमारा मेल परमेश्‍वर से अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हुआ है,


क्योंकि मेरे पिताकी इच्छा यह है कि जो कोई पुत्र को देखे और उस पर विश्‍वास करे, वह अनंत जीवन पाए, और मैं उसे अंतिम दिन में जिला उठाऊँगा।”


“मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि जो मेरे वचन को सुनता और मेरे भेजनेवाले पर विश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, बल्कि वह मृत्यु में से निकलकर जीवन में प्रवेश कर चुका है।


परंतु कोई कह सकता है, “तेरे पास विश्‍वास है और मेरे पास कार्य हैं।” तू मुझे अपना विश्‍वास बिना कार्यों के तो दिखा, और मैं तुझे अपना विश्‍वास अपने कार्यों के द्वारा दिखाऊँगा।


परंतु हे निकम्मे मनुष्य, क्या तू जानना चाहता है कि कार्यों के बिना विश्‍वास व्यर्थ है?


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