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मरकुस 9:29 - नवीन हिंदी बाइबल

29 उसने उनसे कहा,“यह जाति प्रार्थना और उपवासको छोड़ और किसी भी रीति से निकल नहीं सकती।”

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पवित्र बाइबल

29 इस पर यीशु ने उनसे कहा, “ऐसी दुष्टात्मा प्रार्थना के बिना बाहर नहीं निकाली जा सकती थी।”

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Hindi Holy Bible

29 उस ने उन से कहा, कि यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकल नहीं सकती॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 उन्‍होंने उत्तर दिया, “प्रार्थना के अतिरिक्‍त और किसी उपाय से इस प्रकार की आत्‍मा नहीं निकाली जा सकती।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 उसने उनसे कहा, “यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती।”

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सरल हिन्दी बाइबल

29 येशु ने उत्तर दिया, “सिवाय प्रार्थना के इस वर्ग निकाला ही नहीं जा सकता.”

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मरकुस 9:29
17 क्रॉस रेफरेंस  

फिर वह जाकर अपने से भी बुरी सात और आत्माओं को अपने साथ ले आती है, और उसमें प्रवेश करके वहीं बस जाती है; तब उस मनुष्य की दशा पहले से भी बुरी हो जाती है। इस दुष्‍ट पीढ़ी के साथ भी ऐसा ही होगा।”


यीशु ने उनसे कहा,“तुम्हारे अविश्‍वास के कारण; क्योंकि मैं तुमसे सच कहता हूँ, यदि तुम्हारा विश्‍वास राई के दाने के बराबर भी हो, और तुम इस पहाड़ से कहो, ‘यहाँ से हटकर वहाँ जा’ तो वह हट जाएगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा।”


[यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के नहीं निकलती।]


जब यीशु ने घर में प्रवेश किया तो उसके शिष्य एकांत में उससे पूछने लगे, “हम उसे क्यों नहीं निकाल सके?”


फिर वे वहाँ से निकलकर गलील होते हुए जा रहे थे परंतु यीशु नहीं चाहता था कि कोई जाने।


फिर वह जाकर अपने से भी बुरी सात और आत्माओं को ले आती है, और प्रवेश करके वहीं बस जाती है, तब उस मनुष्य की दशा पहले से भी बुरी हो जाती है।”


फिर उन्होंने प्रत्येक कलीसिया में उनके लिए प्रवर नियुक्‍त किए, और उपवास के साथ प्रार्थना करके उन्हें प्रभु को सौंप दिया, जिस पर उन्होंने विश्‍वास किया था।


बल्कि मैं अपनी देह को ताड़ना देता और वश में लाता हूँ, कहीं ऐसा न हो कि दूसरों को तो प्रचार करूँ पर स्वयं अयोग्य ठहरूँ।


मैंने परिश्रम और कष्‍ट में, रात-रात भर जागने में, भूख और प्यास में, बार-बार निराहार रहने में, ठंड में और उघाड़े रहने में समय बिताया है।


इस विषय में मैंने प्रभु से तीन बार विनती की कि वह मुझसे दूर हो जाए;


मार खाने में, बंदी होने में, उपद्रवों में, परिश्रम में, जागते रहने में, भूखे रहने में,


हर समय, प्रत्येक विनती और निवेदन सहित आत्मा में प्रार्थना करते रहो; और इसी लिए जागते रहकर पूरे धीरज के साथ सब पवित्र लोगों के लिए विनती किया करो,


और विश्‍वास की प्रार्थना उस रोगी को स्वस्थ कर देगी, और प्रभु उसे उठाकर खड़ा करेगा। यदि उसने पाप किए हों, तो वे भी क्षमा कर दिए जाएँगे।


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