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भजन संहिता 35:27 - नवीन हिंदी बाइबल

27 जो मेरी दोषमुक्‍ति की कामना करते हैं वे आनंदित हों और जय जयकार करें, और निरंतर कहते रहें, “यहोवा की प्रशंसा हो, जो अपने सेवक के कल्याण से प्रसन्‍न होता है।”

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पवित्र बाइबल

27 कुछ लोग मेरा नेक चाहते हैं। मैं आशा करता हूँ कि वे बहुत आनन्दित होंगे! वे हमेशा कहते हैं, “यहोवा महान है! वह अपने सेवक की अच्छाई चाहता है।”

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Hindi Holy Bible

27 जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वह जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है!

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 जो लोग मेरे दोष-मुक्‍त होने की कामना करते हैं, वे जयजयकार करें, वे हर्षित हो। वे निरन्‍तर यह कहते रहें, “प्रभु महान है; वह अपने सेवक के कल्‍याण से सुखी होता है।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वे जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है!

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सरल हिन्दी बाइबल

27 वे सभी, जो मुझे दोष मुक्त हुआ देखने की कामना करते रहे, आनंद में उल्‍लसित हो जय जयकार करें; उनका स्थायी नारा यह हो जाए, “ऊंची हो याहवेह की महिमा, वह अपने सेवक के कल्याण में उल्‍लसित होते हैं.”

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भजन संहिता 35:27
20 क्रॉस रेफरेंस  

मैं इसके याजकों को उद्धार का वस्‍त्र पहनाऊँगा; और यहाँ के भक्‍त आनंद से जय जयकार करेंगे।


तेरे याजक धार्मिकता के वस्‍त्र पहने रहें, और तेरे भक्‍त जय जयकार करते रहें।


मुझे बंदीगृह से निकाल कि मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूँ। धर्मी लोग मेरे चारों ओर होंगे, क्योंकि तू मुझ पर उपकार करेगा।


यहोवा अपने भय माननेवालों से प्रसन्‍न होता है, अर्थात् उनसे जो उसकी करुणा की आशा लगाए रहते हैं।


क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्‍न‍ रहता है; वह नम्र लोगों को उद्धार से सुशोभित करेगा।


हे धर्मियो, यहोवा में आनंदित और मगन रहो! हे सब सीधे मनवालो, आनंद से जय जयकार करो!


मैंने यहोवा से विनती की, और उसने मुझे उत्तर दिया तथा मेरे सारे भय से मुझे मुक्‍त किया।


जितने तुझे खोजते हैं वे सब तुझमें आनंदित और मगन हों; जितने तेरे उद्धार को प्रिय जानते हैं, वे सब निरंतर कहें, “यहोवा की बड़ाई हो!”


मैं तो दीन और दरिद्र हूँ, फिर भी प्रभु का ध्यान मुझ पर लगा रहता है। तू मेरा सहायक और मेरा छुड़ानेवाला है; हे मेरे परमेश्‍वर, विलंब न कर।


परंतु धर्मी आनंदित हों, वे परमेश्‍वर के सामने प्रफुल्लित हों; वे आनंदित और मगन हों!


तेरे सब खोजी तेरे कारण हर्षित और आनंदित हों; और तेरे उद्धार से प्रेम रखनेवाले निरंतर कहते रहें, “परमेश्‍वर की बड़ाई हो!”


तूने मेरे पक्ष में निर्णय दिया है; तूने सिंहासन पर विराजमान होकर धार्मिकता से न्याय किया है।


धन और सम्मान मेरे पास हैं, बल्कि चिरस्थायी संपत्ति और धार्मिकता भी।


इसी प्रकार अभी तो तुम्हें शोक है; परंतु मैं तुमसे फिर मिलूँगा, तब तुम्हारा हृदय आनंदित होगा और तुम्हारे उस आनंद को तुमसे कोई भी नहीं छीनेगा।


आनंद मनानेवालों के साथ आनंद मनाओ, रोनेवालों के साथ रोओ।


इसलिए यदि एक अंग दुःख उठाता है तो उसके साथ सब अंग दुःख उठाते हैं; यदि एक अंग का सम्मान होता है तो उसके साथ सब अंग आनंद मनाते हैं।


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