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प्रेरितों के काम 3:2 - नवीन हिंदी बाइबल

2 लोग जन्म से लंगड़े एक मनुष्य को लाकर प्रतिदिन मंदिर-परिसर के सुंदर नामक द्वार के पास बैठा देते थे कि वह मंदिर-परिसर में प्रवेश करनेवालों से भीख माँगे।

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पवित्र बाइबल

2 तभी एक ऐसे व्यक्ति को जो जन्म से ही लँगड़ा था, ले जाया जा रहा था। वे हर दिन उसे मन्दिर के सुन्दर नामक द्वार पर बैठा दिया करते थे। ताकि वह मन्दिर में जाने वाले लोगों से भीख के पैसे माँग लिया करे।

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Hindi Holy Bible

2 और लोग एक जन्म के लंगड़े को ला रहे थे, जिस को वे प्रति दिन मन्दिर के उस द्वार पर जो सुन्दर कहलाता है, बैठा देते थे, कि वह मन्दिर में जाने वालों से भीख मांगे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 लोग एक मनुष्‍य को ले जा रहे थे, जो जन्‍म से लँगड़ा था। वे उसे प्रतिदिन ला कर मन्‍दिर के ‘सुन्‍दर’ नामक फाटक के पास छोड़ देते थे, जिससे वह मन्‍दिर के अन्‍दर जाने वालों से भीख माँग सके।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 और लोग एक जन्म के लंगड़े को ला रहे थे, जिसको वे प्रतिदिन मन्दिर के उस द्वार पर जो ‘सुन्दर’ कहलाता है, बैठा देते थे कि वह मन्दिर में जानेवालों से भीख माँगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 उसी समय जन्म से अपंग एक व्यक्ति को भी वहां ले जाया जा रहा था, जिसे प्रतिदिन मंदिर के ओरियन अर्थात् सुंदर नामक द्वार पर छोड़ दिया जाता था कि वह वहां प्रवेश करते व्यक्तियों से भिक्षा विनती कर सके.

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प्रेरितों के काम 3:2
9 क्रॉस रेफरेंस  

उसके फाटक पर लाज़र नामक एक कंगाल को छोड़ दिया जाता था, जो घावों से भरा हुआ था,


फिर ऐसा हुआ कि जब यीशु यरीहो के निकट पहुँचा, तो एक अंधा व्यक्‍ति मार्ग के किनारे बैठा भीख माँग रहा था।


तब उसके पड़ोसी और वे, जिन्होंने उसे पहले एक भिखारी के रूप में देखा था, कहने लगे, “क्या यह वही नहीं, जो बैठकर भीख माँगा करता था?”


और कहा, ‘हे कुरनेलियुस, तेरी प्रार्थना सुनी गई है और तेरे दान परमेश्‍वर के सामने स्मरण किए गए हैं।


उसने उसे ध्यान से देखा और भयभीत होकर कहा, “हे प्रभु, क्या है?” उसने उससे कहा, “तेरी प्रार्थनाएँ और तेरे दान परमेश्‍वर के सामने स्मृति के रूप में पहुँचे हैं।


लुस्‍त्रा में एक व्यक्‍ति था। उसके पैर निर्बल थे और वह बैठा रहता था। वह जन्म से ही लंगड़ा था, और कभी नहीं चला था।


और पहचान लिया कि यह वही है जो मंदिर-परिसर के सुंदर-फाटक के पास भीख माँगने के लिए बैठता था; और जो उसके साथ हुआ उससे वे आश्‍चर्य और घबराहट से भर गए।


जिस मनुष्य पर स्वस्थ होने का यह चिह्‍न दिखाया गया था, वह चालीस वर्ष से अधिक का था।


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