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प्रेरितों के काम 13:48 - नवीन हिंदी बाइबल

48 यह सुनकर गैरयहूदी आनंदित हुए और प्रभु के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनंत जीवन के लिए ठहराए गए थे, उन्होंने विश्‍वास किया;

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पवित्र बाइबल

48 ग़ैर यहूदियों ने जब यह सुना तो वे बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने प्रभु के वचन का सम्मान किया। फिर उन्होंने जिन्हें अनन्त जीवन पाने के लिये निश्चित किया था, विश्वास ग्रहण कर लिया।

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Hindi Holy Bible

48 यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे: और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

48 ग़ैर-यहूदी यह सुन कर आनन्‍दित हो गये और प्रभु के वचन की स्‍तुति करने लगे। जितने लोग शाश्‍वत जीवन के लिए ठहराए गये थे, उन्‍होंने विश्‍वास किया

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

48 यह सुनकर अन्यजातीय आनन्दित हुए, और परमेश्‍वर के वचन की बड़ाई करने लगे; और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्‍वास किया।

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सरल हिन्दी बाइबल

48 यह सुनकर गैर-यहूदी आनंद में प्रभु के वचन की प्रशंसा करने लगे तथा अनंत जीवन के लिए पहले से ठहराए गए सुननेवालों ने इस पर विश्वास किया.

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प्रेरितों के काम 13:48
31 क्रॉस रेफरेंस  

उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसके सामने प्रेम में पवित्र और निर्दोष रहें,


इससे क्या हुआ? इस्राएली जिसकी खोज में थे, वह उन्हें प्राप्‍त नहीं हुआ, केवल चुने हुओं को प्राप्‍त हुआ; और बाकी लोग कठोर कर दिए गए,


मेरी और भी भेड़ें हैं जो इस भेड़शाला की नहीं हैं। मुझे उनको भी लाना आवश्यक है और वे मेरी आवाज़ सुनेंगी, तब एक ही झुंड होगा और एक ही चरवाहा।


और न केवल उस जाति के लिए बल्कि इसलिए भी कि परमेश्‍वर की तितर-बितर हुई संतानों को एक कर दे।


और उसकी शक्‍ति के प्रभाव के कार्य के अनुसार विश्‍वास करनेवाले हम लोगों के लिए उसके सामर्थ्य की महानता कितनी अपार है।


अतः जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया, और उसी दिन लगभग तीन हज़ार लोग उनमें जुड़ गए।


तब मैंने कहा, ‘हे प्रभु, मैं क्या करूँ?’ और प्रभु ने मुझसे कहा,‘उठ और दमिश्क में जा, और वहाँ तुझे उन सब बातों के विषय में बता दिया जाएगा जिन्हें करने के लिए तुझे ठहराया गया है।’


क्योंकि मैं भी अधिकार के अधीन एक मनुष्य हूँ, मेरे अधीन सैनिक हैं और जब मैं एक से कहता हूँ, ‘जा,’ तो वह जाता है, और दूसरे से ‘आ,’ तो वह आता है, और अपने दास से, ‘यह कर,’ तो वह करता है।”


प्रत्येक व्यक्‍ति शासकीय अधिकारियों के अधीन रहे, क्योंकि कोई अधिकार ऐसा नहीं जो परमेश्‍वर की ओर से न हो, और जो अधिकारी हैं वे परमेश्‍वर के द्वारा नियुक्‍त हैं।


तब उन्होंने उसके लिए एक दिन ठहरा दिया, और बहुत लोग उसके रहने के स्थान पर आए। वह भोर से संध्या तक उन्हें परमेश्‍वर के राज्य की साक्षी देता और मूसा की व्यवस्था तथा भविष्यवक्‍ताओं की पुस्तकों से यीशु के विषय में बताता हुआ समझाता रहा।


और परमेश्‍वर की स्तुति किया करते थे और सब लोग उनसे प्रसन्‍न थे। प्रभु प्रतिदिन उद्धार पानेवालों को उनमें जोड़ दिया करता था।


हम जहाज़ पर पहले जाकर अस्सुस के लिए रवाना हुए कि वहाँ से पौलुस को चढ़ा लें, क्योंकि उसने स्वयं ही पैदल जाने की इच्छा से ऐसा प्रबंध किया था।


फिर ग्यारह शिष्य गलील के उस पहाड़ पर गए जहाँ आने के लिए यीशु ने उन्हें कहा था,


मैं तेरे पवित्र मंदिर की ओर दंडवत् करूँगा, और तेरी करुणा और सच्‍चाई के कारण तेरे नाम का धन्यवाद करूँगा; क्योंकि तूने सब बातों से बढ़कर अपने नाम और अपने वचन को महत्त्व दिया है।


अंततः हे भाइयो, हमारे लिए प्रार्थना करो कि प्रभु का वचन शीघ्रता से फैले और महिमा पाए, जैसा तुम्हारे बीच हुआ


हे भाइयो, तुम स्तिफनास के घराने को जानते हो कि वे अखाया के पहले फल हैं और उन्होंने अपने आपको पवित्र लोगों की सेवा के लिए समर्पित किया है। अतः मैं तुमसे आग्रह करता हूँ


पत्र पढ़कर उन्हें प्रोत्साहन मिला और वे आनंदित हुए।


इस पर पौलुस और बरनाबास का उनके साथ बड़ा मतभेद तथा वाद-विवाद हुआ। तब पौलुस और बरनाबास तथा उनमें से कुछ अन्य लोगों को नियुक्‍त किया गया कि वे इस विवाद को लेकर प्रेरितों और प्रवरों के पास यरूशलेम जाएँ।


जब वे आराधनालय से बाहर निकल रहे थे तो लोग उनसे विनती करने लगे कि अगले सब्त के दिन भी ये बातें उन्हें सुनाई जाएँ।


इस प्रकार उस नगर में बड़ा आनंद छा गया।


ये लोग अनंत दंड भोगेंगे, परंतु धर्मी अनंत जीवन में प्रवेश करेंगे।”


तब राज्यपाल ने जो हुआ उसे देखकर, और प्रभु के उपदेश से आश्‍चर्यचकित होकर विश्‍वास किया।


हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्‍वर से प्रेम रखते हैं अर्थात् जो उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाए गए हैं, उनके लिए वह सब बातों को मिलाकर भलाई ही उत्पन्‍न‍ करता है।


और उसने अपनी इच्छा के भले उद्देश्य के अनुसार अपने लिए पहले से ठहराया कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों,


उसी में जिसमें हम भी उसके उद्देश्य के अनुसार, जो अपनी इच्छा के निर्णय के अनुसार सब कुछ करता है, पहले से ही उत्तराधिकारी ठहराए गए हैं,


हमारे पर का पालन करें:

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