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प्रकाशितवाक्य 7:14 - नवीन हिंदी बाइबल

14 मैंने उससे कहा, “हे मेरे स्वामी, तू ही जानता है।” उसने मुझसे कहा, “ये वे हैं जो उस बड़े क्लेश में से निकलकर आए हैं। इन्होंने अपने वस्‍त्रों को मेमने के लहू में धोकर श्‍वेत किया है।

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पवित्र बाइबल

14 मैंने उसे उत्तर दिया, “मेरे प्रभु तू तो जानता ही है।” इस पर उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग हैं जो कठोर यातनाओं के बीच से होकर आ रहे हैं उन्होंने अपने वस्त्रों को मेमने के लहू से धोकर स्वच्छ एवं उजला किया है।

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Hindi Holy Bible

14 मैं ने उस से कहा; हे स्वामी, तू ही जानता है: उस ने मुझ से कहा; ये वे हैं, जो उस बड़े क्लेश में से निकल कर आए हैं; इन्होंने अपने अपने वस्त्र मेम्ने के लोहू में धो कर श्वेत किए हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 मैंने उत्तर दिया, “महोदय, आप ही जानते हैं”, और उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग हैं, जो महासंकट में से निकल कर आये हैं। इन्‍होंने मेमने के रक्‍त में अपने वस्‍त्र धो कर उजले कर लिये हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 मैं ने उससे कहा, “हे स्वामी, तू ही जानता है।” उसने मुझ से कहा, “ये वे हैं, जो उस महाक्लेश में से निकलकर आए हैं; इन्होंने अपने–अपने वस्त्र मेम्ने के लहू में धोकर श्‍वेत किए हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

14 मैंने उत्तर दिया, “श्रीमान, यह तो आपको ही मालूम है.” इस पर उन्होंने कहा, “ये ही हैं वे, जो उस महाक्लेश में से सुरक्षित निकलकर आए हैं. इन्होंने अपने वस्त्र मेमने के लहू में धोकर सफ़ेद किए हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

14 मैंने उससे कहा, “हे स्वामी, तू ही जानता है।” उसने मुझसे कहा, “ये वे हैं, जो उस महाक्लेश में से निकलकर आए हैं; इन्होंने अपने-अपने वस्त्र मेम्ने के लहू में धोकर श्वेत किए हैं। (प्रका. 22:14)

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प्रकाशितवाक्य 7:14
30 क्रॉस रेफरेंस  

उसने उसके चारों पायों के लिए सोने के चार कड़े ढाले : उसके एक ओर दो कड़े और दूसरी ओर दो कड़े।


क्योंकि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा जैसा जगत के आरंभ से लेकर अब तक न तो हुआ है और न कभी होगा।


क्योंकि वे ऐसे क्लेश के दिन होंगे जैसे सृष्‍टि के आरंभ से लेकर—जिसे परमेश्‍वर ने सृजा—अब तक न तो हुए और न कभी होंगे।


मैंने ये बातें तुमसे इसलिए कही हैं कि तुम मुझमें शांति पाओ। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परंतु साहस रखो! मैंने संसार को जीत लिया है।”


और शिष्यों के मनों को दृढ़ करते और यह कहकर विश्‍वास में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहे, “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।”


इतना ही नहीं, बल्कि हम क्लेशों में भी प्रफुल्‍लित होते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि क्लेश से धीरज उत्पन्‍न‍ होता है,


तुममें से कुछ ऐसे ही थे, परंतु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम में और हमारे परमेश्‍वर के आत्मा के द्वारा धोए गए, पवित्र किए गए और धर्मी ठहराए गए हो।


इसलिए परमेश्‍वर की कलीसियाओं में हम स्वयं तुम्हारे विषय में गर्व करते हैं कि जितने सताव और क्लेश तुम सहते हो, उन सब में तुम्हारा धीरज और विश्‍वास प्रकट होता है।


इसी कारण यीशु ने भी लोगों को अपने लहू के द्वारा पवित्र करने के लिए फाटक के बाहर दुःख उठाया।


तो मसीह, जिसने अपने आपको अनंत आत्मा के द्वारा परमेश्‍वर के सामने निर्दोष चढ़ा दिया, उसका लहू हमारे विवेक को मरे हुए कार्यों से कितना अधिक शुद्ध करेगा ताकि हम जीवित परमेश्‍वर की सेवा कर सकें।


बल्कि निर्दोष और निष्कलंक मेमने अर्थात् मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ है।


परंतु यदि हम ज्योति में चलें जैसे वह ज्योति में है, तो हमारी एक दूसरे के साथ सहभागिता है और उसके पुत्र यीशु का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।


और यीशु मसीह की ओर से जो विश्‍वासयोग्य साक्षी, मृतकों में से जी उठनेवालों में पहलौठा और पृथ्वी के राजाओं का शासक है। वह हमसे प्रेम रखता है, और उसने अपने लहू के द्वारा हमें हमारे पापों से छुड़ाया है,


उन्होंने मेमने के लहू के द्वारा और अपनी साक्षी के वचन के द्वारा उस पर जय प्राप्‍त की, और अपने प्राणों को प्रिय नहीं जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली।


फिर मैंने अग्‍नि-मिश्रित काँच के समुद्र जैसा कुछ देखा, और जो लोग उस पशु पर और उसकी मूर्ति पर तथा उसके नाम की संख्या पर जयवंत हुए थे, वे उस काँच के समुद्र पर परमेश्‍वर की वीणाएँ लिए हुए खड़े थे।


फिर मैंने उस स्‍त्री को पवित्र लोगों के लहू और यीशु के गवाहों के लहू को पीकर मतवाली होते देखा। उसे देखकर मैं अत्यंत आश्‍चर्यचकित हो गया।


मैंतेरे क्लेश और तेरी निर्धनता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है), और मैं उनकी निंदा को भी जानता हूँ जो अपने आपको यहूदी कहते हैं परंतु हैं नहीं, बल्कि शैतान की मंडली हैं।


“धन्य हैं वे जो अपने वस्‍त्र धोते हैं , ताकि वे जीवन के वृक्ष के अधिकारी हों, और वे फाटकों से नगर में प्रवेश कर सकें।


तब वे यह नया गीत गाने लगे : तू ही इस पुस्तक को लेने और इसकी मुहरों को खोलने के योग्य है, क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से परमेश्‍वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, राष्‍‍ट्र और जाति में से लोगों को खरीद लिया,


इन बातों के बाद मैंने दृष्‍टि की, और देखो, प्रत्येक जाति, कुल, राष्‍‍ट्र और भाषा बोलनेवालों की एक बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था, श्‍वेत वस्‍त्र पहने और अपने हाथों में खजूर की डालियाँ लिए हुए सिंहासन और मेमने के सामने खड़ी थी।


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