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नीतिवचन 20:3 - नवीन हिंदी बाइबल

3 लडा़ई-झगडे़ से दूर रहना मनुष्य के लिए आदर की बात है, परंतु सब मूर्ख झगड़ने को तैयार रहते हैं।

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पवित्र बाइबल

3 झगड़ो से दूर रहना मनुष्य का आदर है; किन्तु मूर्ख जन तो सदा झगड़े को तत्पर रहते।

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Hindi Holy Bible

3 मुकद्दमे से हाथ उठाना, पुरूष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 लड़ाई-झगड़ों में हाथ न डालना मनुष्‍य के लिए गौरव की बात है; मूर्ख मनुष्‍य ही झगड़े के लिए सदा तैयार रहता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 मुक़द्दमे से हाथ उठाना, पुरुष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

3 आदरणीय है वह व्यक्ति, जो कलह और विवादों से दूर रहता है, झगड़ालू, वस्तुतः मूर्ख ही होता है.

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नीतिवचन 20:3
17 क्रॉस रेफरेंस  

अब्राम के पशुओं के चरवाहों और लूत के पशुओं के चरवाहों के बीच झगड़ा हुआ। उस समय कनानी और परिज्‍जी लोग उस देश में रहते थे।


तब अब्राम ने लूत से कहा, “मेरे और तेरे बीच, तथा मेरे चरवाहों और तेरे चरवाहों के बीच झगड़ा नहीं होना चाहिए, क्योंकि हम तो भाई-बंधु हैं।


शीघ्र क्रोध करनेवाला मनुष्य मूर्खतापूर्ण कार्य करता है, और जो बुरी युक्‍तियाँ रचता है उससे लोग बैर रखते हैं।


जो क्रोध करने में धीमा होता है, वह बहुत समझवाला है; परंतु जो क्रोध करने में उतावली करता है, वह मूर्खता को बढ़ाता है।


जो क्रोध करने में धीमा है वह वीर योद्धा से, और जो अपने मन को वश में रखता है वह नगर जीतनेवाले से भी उत्तम है।


झगड़े का आरंभ बाँध में पड़ी दरार के समान है, अत: झगड़ा बढ़ने से पहले ही उसे रोक दो।


मूर्ख का बोलना झगड़ा उत्पन्‍न करता है, और उसके मुँह की बातें मार खाने के योग्य ठहरती हैं।


जो मनुष्य बुद्धि से चलता है, वह क्रोध करने में धीमा होता है; और अपराध पर ध्यान न देना उसे शोभा देता है।


“अभिमानी,” “अहंकारी,” और “ठट्ठा करनेवाला,” उसी मनुष्य के नाम हैं जो बड़े घमंड के साथ कार्य करता है।


जो दूसरों के झगड़े में दख़ल देता है, वह उसके समान है जो आवारा कुत्ते को कानों से पकड़ता है।


एक दूसरे के प्रति कृपालु और दयालु बनो, और जैसे परमेश्‍वर ने मसीह में तुम्हें क्षमा किया है, वैसे तुम भी एक दूसरे को क्षमा करो।


परंतु यदि तुम्हारे मन में कटु ईर्ष्या और स्वार्थ भरा है, तो घमंड न करो और न ही सत्य के विरोध में झूठ बोलो।


तुम्हारे बीच में लड़ाइयाँ और झगड़े कहाँ से आए? क्या यह उन लालसाओं के कारण नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ती रहती हैं?


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