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नीतिवचन 19:16 - नवीन हिंदी बाइबल

16 जो आज्ञा का पालन करता है, वह अपने प्राण की रक्षा करता है; परंतु जो अपने चाल-चलन पर ध्यान नहीं देता, वह मर जाएगा।

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पवित्र बाइबल

16 ऐसा मनुष्य जो निर्देशों पर चलता वह अपने जीवन की रखवाली करता है। किन्तु जो सदुपदेशों उपेक्षा करता है वह मृत्यु अपनाता है।

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Hindi Holy Bible

16 जो आज्ञा को मानता, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, परन्तु जो अपने चाल चलन के विषय में निश्चिन्त रहता है, वह मर जाता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 जो मनुष्‍य परमेश्‍वर की आज्ञा का पालन करता है; वह अपने प्राण की रक्षा करता है; प्रभु के वचन की उपेक्षा करनेवाला निस्‍सन्‍देह मर जाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 जो आज्ञा को मानता, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, परन्तु जो अपने चालचलन के विषय में निश्‍चिन्त रहता है, वह मर जाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 वह, जो आदेशों को मानता है, अपने ही जीवन की रक्षा करता है, किंतु जो अपने चालचलन के विषय में असावधान रहता है, मृत्यु अपना लेता है.

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नीतिवचन 19:16
25 क्रॉस रेफरेंस  

अर्थात् उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं।


जो शिक्षा को तुच्छ जानता है, वह नष्‍ट हो जाता है; परंतु आज्ञा का आदर करनेवाले को अच्छा फल मिलता है।


जो शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है; परंतु जो ताड़ना पर ध्यान देता है, वह समझ प्राप्‍त करता है।


सीधे लोगों का राजमार्ग बुराई से हटना है; जो अपने चाल-चलन की चौकसी करता है, वह अपने जीवन की भी रक्षा करता है।


जो मनुष्य बुद्धि के मार्ग से भटक जाए, वह मरे हुओं के बीच ठिकाना पाएगा।


जो अपने मुँह और जीभ पर नियंत्रण रखता है, वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है।


कुटिल मनुष्य के मार्ग में काँटे और फंदे होते हैं; जो अपने प्राण की रक्षा करता है, वह उनसे दूर रहता है।


दर्शन के अभाव में लोग निरंकुश हो जाते हैं, पर जो व्यवस्था का पालन करता है वह धन्य होता है।


हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा को न भूलना, पर मेरी आज्ञाओं को अपने हृदय में बसाए रखना,


जब सब कुछ सुन लिया गया है तो निष्कर्ष यह है : परमेश्‍वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर, क्योंकि यही मनुष्य का संपूर्ण कर्त्तव्य है।


जो उसकी आज्ञा का पालन करता है वह विपत्ति में नहीं पड़ता, क्योंकि बुद्धिमान मनुष्य उचित समय और नियम को जानता है।


यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्‍त कर ले परंतु अपने प्राण की हानि उठाए तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले क्या देगा?


अतः यीशु ने उससे कहा,“तूने ठीक उत्तर दिया; यही कर तो तू जीवित रहेगा।”


उसने कहा,“हाँ, बल्कि अधिक धन्य वे हैं जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”


“यदि तुम मुझसे प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे;


न तो ख़तना कुछ है, और न ही ख़तनारहित, बल्कि परमेश्‍वर की आज्ञाओं को मानना ही सब कुछ है।


और जो कुछ हम माँगते हैं, वह उससे पाते हैं, क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं और वही कार्य करते हैं जिससे वह प्रसन्‍न होता है।


क्योंकि परमेश्‍वर से प्रेम रखना यह है कि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करें, और उसकी आज्ञाएँ कठिन नहीं हैं।


“धन्य हैं वे जो अपने वस्‍त्र धोते हैं , ताकि वे जीवन के वृक्ष के अधिकारी हों, और वे फाटकों से नगर में प्रवेश कर सकें।


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