Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




नीतिवचन 16:32 - नवीन हिंदी बाइबल

32 जो क्रोध करने में धीमा है वह वीर योद्धा से, और जो अपने मन को वश में रखता है वह नगर जीतनेवाले से भी उत्तम है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

32 धीर जन किसी योद्धा से भी उत्तम हैं, और जो क्रोध पर नियंत्रण रखता है, वह ऐसे मनुष्य से उत्तम होता है जो पूरे नगर को जीत लेता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

32 विलम्ब से क्रोध करना वीरता से, और अपने मन को वश में रखना, नगर के जीत लेने से उत्तम है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

32 विलम्‍ब से क्रोध करनेवाला मनुष्‍य महा योद्धा से श्रेष्‍ठ है; अपने मन पर संयम रखनेवाला मनुष्‍य उस विजेता से श्रेष्‍ठ है जो नगर को जीतता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

32 विलम्ब से क्रोध करना वीरता से, और अपने मन को वश में रखना, नगर को जीत लेने से उत्तम है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

32 एक योद्धा से बेहतर वह है, जो विलंब से क्रोध करता है; जिसने एक नगर को अधीन कर लिया है, उससे भी उत्तम है जिसने अपनी अंतरात्मा पर नियंत्रण कर लिया है!

अध्याय देखें प्रतिलिपि




नीतिवचन 16:32
16 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी, क्रोध करने में धीमा और अति करुणामय है।


जो क्रोध करने में धीमा होता है, वह बहुत समझवाला है; परंतु जो क्रोध करने में उतावली करता है, वह मूर्खता को बढ़ाता है।


क्रोधी मनुष्य झगड़ा भड़काता है, परंतु जो क्रोध करने में धीमा है, वह झगड़े को शांत करता है।


दीन लोगों के साथ नम्रता से रहना, घमंडियों के साथ लूट बाँट लेने से उत्तम है।


पके बाल शोभायमान मुकुट ठहरते हैं, जो धार्मिकता के मार्ग पर चलने से प्राप्‍त होते हैं।


पर्ची तो डाली जाती है, परंतु उसका हर एक निर्णय यहोवा की ओर से होता है।


जो मनुष्य बुद्धि से चलता है, वह क्रोध करने में धीमा होता है; और अपराध पर ध्यान न देना उसे शोभा देता है।


धीरज धरने के द्वारा शासक को मनाया जा सकता है, और विनम्र वाणी हड्डी को भी तोड़ डालती है।


जिस मनुष्य में आत्मसंयम नहीं होता, वह ऐसे नगर के समान होता है जिसकी शहरपनाह तोड़ दी गई हो।


किसी कार्य के आरंभ से उसका अंत उत्तम है; और मनुष्य का धैर्य उसके अहंकार से उत्तम है।


अपने मन में शीघ्रता से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों के ही हृदय में रहता है।


बुराई से न हार, बल्कि भलाई से बुराई को जीत ले।


इसलिए प्रिय बच्‍चों के समान परमेश्‍वर का अनुकरण करनेवाले बनो,


हे मेरे प्रिय भाइयो, तुम यह जान लो कि प्रत्येक मनुष्य सुनने में तत्पर, बोलने में धीरजवंत और क्रोध करने में धीमा हो;


“जो जय पाए उसे मैं अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊँगा, जैसे मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठा हूँ।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों