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उत्पत्ति 28:22 - नवीन हिंदी बाइबल

22 यह पत्थर जिसका मैंने खंभा खड़ा किया है, परमेश्‍वर का भवन ठहरेगा, और जो कुछ तू मुझे दे मैं उसका दशमांश तुझे दिया करूँगा।”

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पवित्र बाइबल

22 इस जगह, जहाँ मैंने यह पत्थर खड़ा किया है, परमेश्वर का पवित्र स्थान होगा और परमेश्वर जो कुछ तू मुझे देगा उसका दशमांश मैं तुझे दूँगा।”

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Hindi Holy Bible

22 और यह पत्थर, जिसका मैं ने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन ठहरेगा: और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूंगा॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

22 यह पत्‍थर जिसे मैंने स्‍तम्‍भ के रूप में खड़ा किया है, परमेश्‍वर का भवन बनेगा। जो कुछ तू मुझे प्रदान करेगा, उसका दशमांश मैं तुझे अर्पित करूँगा।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

22 और यह पत्थर, जिसका मैं ने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्‍वर का भवन ठहरेगा : और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूँगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

22 यह पत्थर, जिसे मैंने स्तंभ बनाकर खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन होगा तथा आप मुझे जो कुछ देंगे, निश्चयतः मैं उसका दशमांश आपको ही समर्पित करूंगा.”

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उत्पत्ति 28:22
13 क्रॉस रेफरेंस  

फिर वहाँ से आगे बढ़कर वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है, और अपना तंबू उस स्थान पर खड़ा किया जिसके पश्‍चिम में बेतेल तथा पूर्व में ऐ नगर है। वहाँ भी उसने यहोवा के लिए एक वेदी बनाई और यहोवा से प्रार्थना की।


और धन्य है परमप्रधान परमेश्‍वर जिसने तेरे शत्रुओं को तेरे वश में कर दिया है।” तब अब्राम ने उसे सब वस्तुओं का दशमांश दिया।


तब अब्राहम ने बेर्शेबा में झाऊ का एक वृक्ष लगाया, और वहाँ उसने यहोवा से, जो सनातन काल का परमेश्‍वर है, प्रार्थना की।


अतः उसने डरते हुए कहा, “यह स्थान कितना अद्भुत है! यह परमेश्‍वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं है, बल्कि यह तो स्वर्ग का फाटक ही है।”


तब उसने वहाँ एक वेदी बनाई और उसका नाम एल-एलोहे-इस्राएल रखा।


तब परमेश्‍वर ने याकूब से कहा, “उठ, बेतेल को जा और वहीं रह। वहाँ परमेश्‍वर के लिए वेदी बना, जिसने तुझे उस समय दर्शन दिया था जब तू अपने भाई एसाव के डर से भाग रहा था।”


वहाँ उसने एक वेदी बनाई और उस स्थान का नाम एलबेतेल रखा, क्योंकि जब वह अपने भाई के डर से भाग रहा था तब परमेश्‍वर ने उसे वहीं दर्शन दिया था।


कटनी के समय तुम्हें पाँचवाँ भाग फ़िरौन को देना होगा, बाकी चार भाग तुम्हारे होंगे ताकि तुम उसे खेत में बो सको, और अपने घराने, तथा अपने बाल-बच्‍चों के साथ भोजन के रूप में खा सको।”


अतः यूसुफ ने मिस्र की भूमि के विषय में ऐसा नियम बनाया, जो आज तक चला आता है कि पाँचवाँ भाग फ़िरौन का होगा। केवल याजकों की भूमि ही फ़िरौन की नहीं हुई।


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