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इब्रानियों 7:18 - नवीन हिंदी बाइबल

18 जहाँ एक ओर पहली आज्ञा निर्बल और निष्फल होने के कारण रद्द हो गई—

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पवित्र बाइबल

18 पहला नियम इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि वह निर्बल और व्यर्थ था।

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Hindi Holy Bible

18 निदान, पहिली आज्ञा निर्बल; और निष्फल होने के कारण लोप हो गई।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

18 शक्‍तिहीन और निष्‍फल होने के कारण पुराना आदेश रद्द कर दिया गया है,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

18 इस प्रकार, पहली आज्ञा निर्बल और निष्फल होने के कारण लोप हो गई

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सरल हिन्दी बाइबल

18 एक ओर पहली आज्ञा का बहिष्कार उसकी दुर्बलता तथा निष्फलता के कारण कर दिया गया.

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इब्रानियों 7:18
15 क्रॉस रेफरेंस  

उन बातों में प्रत्येक विश्‍वास करनेवाला उसी के द्वारा धर्मी ठहरता है।


तो क्या विश्‍वास के द्वारा हम व्यवस्था को व्यर्थ ठहराते हैं? कदापि नहीं! बल्कि हम व्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं।


जो कार्य शरीर के दुर्बल होने के कारण व्यवस्था से असंभव था, उसे परमेश्‍वर ने किया अर्थात् अपने पुत्र को पापमय शरीर की समानता में और पापबलि होने के लिए भेजकर शरीर में पाप को दोषी ठहराया,


हे भाइयो, मैं मानवीय रीति पर कह रहा हूँ, मनुष्य का अनुबंध भी जब पक्‍का हो जाता है तो न कोई उसे रद्द करता है और न उसमें कुछ जोड़ता है।


मेरे कहने का अर्थ यह है कि जिस वाचा को परमेश्‍वर ने पहले से ही पक्‍का कर दिया था, उसको चार सौ तीस वर्ष के बाद आई व्यवस्था रद्द नहीं कर सकती कि प्रतिज्ञा को व्यर्थ ठहराए;


तो क्या व्यवस्था परमेश्‍वर की प्रतिज्ञाओं के विरुद्ध है? कदापि नहीं! क्योंकि यदि ऐसी व्यवस्था दी गई होती जो जीवन प्रदान कर सकती थी तो वास्तव में धार्मिकता व्यवस्था से होती।


तुम जो व्यवस्था के अधीन होना चाहते हो, मुझे बताओ, क्या तुम व्यवस्था की नहीं सुनते?


परंतु अब तुमने परमेश्‍वर को जान लिया है, बल्कि यह कहें कि परमेश्‍वर ने तुम्हें जान लिया है, तो तुम कैसे फिर से उन निर्बल और निरर्थक आरंभिक सिद्धांतों की ओर लौट रहे हो? क्या तुम एक बार फिर उनके दास बनना चाहते हो?


क्योंकि शारीरिक व्यायाम से थोड़ा ही लाभ होता है, परंतु भक्‍ति सब बातों में लाभदायक है, और इसमें वर्तमान और आने वाले जीवन की प्रतिज्ञा पाई जाती है।


तुम भिन्‍न‍-भिन्‍न‍ प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के द्वारा भरमाए न जाओ; क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन भोजन संबंधी नियमों से जिनका पालन करनेवाले लोगों को कुछ लाभ नहीं हुआ।


क्योंकि व्यवस्था ने किसी को सिद्ध नहीं किया—वहीं दूसरी ओर एक उत्तम आशा रखी गई जिसके द्वारा हम परमेश्‍वर के निकट आते हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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