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1 पतरस 2:21 - नवीन हिंदी बाइबल

21 तुम इसी लिए बुलाए गए हो, क्योंकि मसीह ने भी तुम्हारे लिए दुःख उठाया, और तुम्हारे लिए एक आदर्श छोड़ गया कि तुम उसके पद-चिह्‍नों पर चलो।

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पवित्र बाइबल

21 परमेश्वर ने तुम्हें इसलिए बुलाया है क्योंकि मसीह ने भी हमारे लिए दुःख उठाये हैं और ऐसा करके हमारे लिए एक उदाहरण छोड़ा है ताकि हम भी उसी के चरण चिन्हों पर चल सकें।

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Hindi Holy Bible

21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

21 इसलिए तो आप बुलाये गये हैं, क्‍योंकि मसीह ने आप लोगों के लिए दु:ख भोगा और आप को उदाहरण दिया, जिससे आप उनके पद-चिह्‍नों पर चलें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो, क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दु:ख उठाकर तुम्हें एक आदर्श दे गया है कि तुम भी उसके पद–चिह्नों पर चलो।

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सरल हिन्दी बाइबल

21 इसी के लिए तुम बुलाए गए हो क्योंकि मसीह ने भी तुम्हारे लिए दुःख सहे और एक आदर्श छोड़ गए कि तुम उनके पद-चिह्नों पर चलो.

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1 पतरस 2:21
30 क्रॉस रेफरेंस  

जो यह कहता है कि मैं उसमें बना रहता हूँ, उसे स्वयं भी वैसे ही चलना चाहिए जैसे वह चला।


तब यीशु ने अपने शिष्यों से कहा,“यदि कोई मेरे पीछे आना चाहता है, तो वह अपने आप का इनकार करे, अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले;


क्योंकि मैंने तुम्हारे लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया है कि जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया वैसा ही तुम भी किया करो।


और प्रेम में चलो, जैसे मसीह ने भी हमसे प्रेम रखा और एक मधुर सुगंध के लिए परमेश्‍वर के सामने भेंट और बलिदान के रूप में अपने आपको हमारे स्थान पर अर्पित कर दिया।


हमने प्रेम को इसी से जाना है, कि उसने हमारे लिए अपना प्राण दे दिया; अतः हमें भी भाइयों के लिए अपना प्राण देना चाहिए।


उसने स्वयं हमारे पापों को अपनी देह में क्रूस पर उठा लिया, ताकि हम पापों के लिए मरकर धार्मिकता के लिए जीवन बिताएँ। उसके मार खाने से तुम स्वस्थ हुए हो।


मेरा अनुकरण करो, जैसे मैं मसीह का अनुकरण करता हूँ।


अतः जब मसीह ने शरीर में दुःख उठाया, तो तुम भी उसी अभिप्राय से अपने हथियार बाँध लो—क्योंकि जो शरीर में दुःख उठाता है वह पाप से छूट जाता है—


तुममें वही स्वभाव हो जो मसीह यीशु में था,


मेरा जुआ अपने ऊपर उठाओ और मुझसे सीखो, क्योंकि मैं नम्र और मन का दीन हूँ, और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे;


क्योंकि जिन्हें वह पहले से जानता था, उन्हें उसने पहले से ठहराया भी कि वे उसके पुत्र के स्वरूप में हो जाएँ, ताकि वह अनेक भाइयों में पहलौठा ठहरे;


और शिष्यों के मनों को दृढ़ करते और यह कहकर विश्‍वास में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहे, “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।”


इसलिए कि मसीह ने भी पापों के कारण एक बार दुःख उठाया, अर्थात् धर्मी ने अधर्मियों के लिए, ताकि तुम्हें परमेश्‍वर के निकट ले आए। वह शरीर में तो मारा गया, पर आत्मा में जिलाया गया।


और जो अपना क्रूस लेकर मेरे पीछे नहीं चलता, वह मेरे योग्य नहीं।


बुराई के बदले बुराई न करो, और न गाली के बदले गाली दो, परंतु इसके विपरीत आशिष ही दो, क्योंकि तुम इसी लिए बुलाए गए हो कि उत्तराधिकार में आशिष प्राप्‍त करो।


मैंने ये बातें तुमसे इसलिए कही हैं कि तुम मुझमें शांति पाओ। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परंतु साहस रखो! मैंने संसार को जीत लिया है।”


उन्होंने मेमने के लहू के द्वारा और अपनी साक्षी के वचन के द्वारा उस पर जय प्राप्‍त की, और अपने प्राणों को प्रिय नहीं जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली।


परमेश्‍वर को, जिसके लिए और जिसके द्वारा सब कुछ है, यह उचित लगा कि वह अपने अनेक पुत्रों को महिमा में लाने के लिए उनके उद्धार के कर्ता को दुःख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।


वास्तव में वे सब, जो मसीह यीशु में भक्‍तिपूर्ण जीवन बिताना चाहते हैं, सताए जाएँगे;


धार्मिकता उसके आगे-आगे चलेगी, और उसके कदमों के लिए मार्ग बनाएगी।


वह तो जगत की उत्पत्ति के पहले ही से जाना गया था, परंतु अब तुम्हारे लिए इन अंतिम समयों में प्रकट हुआ।


क्योंकि तुम जानते हो कि हमने प्रभु यीशु के द्वारा तुम्हें कौन-कौन सी आज्ञाएँ दी हैं।


ताकि कोई भी इन क्लेशों से विचलित न हो जाए। तुम स्वयं जानते हो कि हम इसी के लिए ठहराए गए हैं।


और यह समझाता और प्रकट करता रहा कि मसीह का दुःख उठाना और मृतकों में से जी उठना अवश्य था, और “जिस यीशु का प्रचार मैं तुम्हारे बीच करता हूँ, वही मसीह है।”


और मैं उसे दिखाऊँगा कि मेरे नाम के लिए उसे कितना दुःख उठाना पड़ेगा।”


क्या मसीह के लिए आवश्यक न था कि वह ये दुःख उठाए और अपनी महिमा में प्रवेश करे?”


बल्कि जब तुम मसीह के दुःखों में सहभागी होते हो, तो आनंदित रहो, ताकि उसकी महिमा के प्रकट होने के समय भी तुम आनंदित और मगन हो सको।


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