Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




1 कुरिन्थियों 13:4 - नवीन हिंदी बाइबल

4 प्रेम धैर्यवान है, प्रेम दयालु है, वह ईर्ष्या नहीं करता, प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और घमंड से नहीं फूलता।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

4 प्रेम धैर्यपूर्ण है, प्रेम दयामय है, प्रेम में ईर्ष्या नहीं होती, प्रेम अपनी प्रशंसा आप नहीं करता।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

4 प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 प्रेम सहनशील और दयालु है। प्रेम न तो ईष्‍र्या करता है, न डींग मारता, न घमण्‍ड करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं,

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

4 प्रेम धीरजवंत है, प्रेम कृपालु है. प्रेम जलन नहीं करता, अपनी बड़ाई नहीं करता, घमंड नहीं करता,

अध्याय देखें प्रतिलिपि




1 कुरिन्थियों 13:4
53 क्रॉस रेफरेंस  

जब राहेल ने देखा कि उससे याकूब के लिए कोई संतान उत्पन्‍न नहीं हुई, तो वह अपनी बहन से ईर्ष्या करने लगी और उसने याकूब से कहा, “मुझे भी संतान दे, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।”


उसके भाई उससे ईर्ष्या करते थे, परंतु उसके पिता ने उसकी बात को मन में रखा।


वह अपनी चालों में हर समय सफल होता है; तेरे न्याय के विचार इतने ऊँचे हैं कि उसकी दृष्‍टि वहाँ तक नहीं पहुँचती। वह अपने सब विरोधियों पर फुँकारता है।


बैर से तो झगड़े उत्पन्‍न‍ होते हैं, परंतु प्रेम सब अपराधों को ढाँप देता है।


अहंकार से झगड़े ही उत्पन्‍न‍ होते हैं; परंतु जो लोग सम्मति को मानते हैं, उनमें बुद्धि होती है।


झगड़े का आरंभ बाँध में पड़ी दरार के समान है, अत: झगड़ा बढ़ने से पहले ही उसे रोक दो।


जो अपराध को ढाँपता है, वह प्रेम का खोजी है; परंतु जो बात को बार-बार दोहराता है, वह घनिष्‍ठ मित्रों में भी फूट डाल देता है।


मनुष्य का दयालु होना शोभनीय है; और झूठा होने से उत्तम निर्धन होना है।


वह दीन लोगों के लिए अपने हाथ खोल देती है, और दरिद्र की सहायता के लिए अपने हाथ बढ़ाती है।


उसके मुँह से बुद्धि की बात निकलती है, और उसकी जीभ पर कृपा की शिक्षा रहती है।


यदि शासक का क्रोध तुझ पर भड़के तो अपना स्थान न छोड़ना, क्योंकि संयम रखने से बड़े-बड़े अपराध रुक जाते हैं।


क्योंकि वह जानता था कि उन्होंने उसे ईर्ष्या के कारण पकड़वाया है।


“कुलपतियों ने यूसुफ से ईर्ष्या करके उसे मिस्र जानेवालों के हाथ बेच डाला। परंतु परमेश्‍वर उसके साथ था,


वे सब प्रकार की अधार्मिकता, दुष्‍टता, लोभ और बुराई से भरकर ईर्ष्या, हत्या, झगड़े, छल और दुर्भावना से भर गए। वे चुगलखोर,


जैसे दिन को शोभा देता है हम वैसी ही चाल चलें, न कि रंगरेलियों और मतवालेपन में, न अनैतिक यौनाचार और कामुकता में, और न ही झगड़े और ईर्ष्या में;


क्योंकि तुम अब तक शारीरिक हो। जबकि तुममें ईर्ष्या और झगड़े हैं, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मानवीय रीति पर नहीं चलते?


कुछ तो घमंड से ऐसे फूल गए हैं, मानो मैं अब तुम्हारे पास आऊँगा ही नहीं।


अब हे भाइयो, मैंने तुम्हारे लिए इन बातों को अपने पर और अपुल्‍लोस पर लागू किया है ताकि तुम हमसे यह सीखो कि लिखी हुई बातों से आगे न बढ़ना, और यह कि तुममें से कोई किसी एक के पक्ष में दूसरे के विरुद्ध होकर घमंड से न फूले।


फिर भी तुम घमंड से फूले हुए हो। क्या तुम्हें शोक नहीं मनाना चाहिए था कि ऐसा कार्य करनेवाला तुम्हारे बीच में से निकाला जाता?


अब मूर्तियों को चढ़ाई हुई वस्तुओं के विषय में : हम जानते हैं कि हम सब के पास ज्ञान है। ज्ञान घमंड उत्पन्‍न‍ करता है, परंतु प्रेम से उन्‍नति होती है।


मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो कि जब मैं तुम्हारे पास आऊँ तो तुम्हें वैसा पाऊँ जैसा मैं नहीं चाहता, और तुम भी मुझे वैसा पाओ जैसा तुम नहीं चाहते; ऐसा न हो कि तुममें झगड़े, ईर्ष्या, क्रोध, स्वार्थ, निंदा, चुगली, अहंकार और उपद्रव हों।


हम पवित्रता से, ज्ञान से, सहनशीलता से, दयालुता से, पवित्र आत्मा से, सच्‍चे प्रेम से,


हम अहंकारी न बनें, न एक दूसरे को उकसाएँ और न ही एक दूसरे से ईर्ष्या रखें।


संपूर्ण दीनता और नम्रता के साथ धैर्य रखते हुए प्रेम में एक दूसरे की सह लो,


एक दूसरे के प्रति कृपालु और दयालु बनो, और जैसे परमेश्‍वर ने मसीह में तुम्हें क्षमा किया है, वैसे तुम भी एक दूसरे को क्षमा करो।


कुछ तो ईर्ष्या और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं, परंतु कुछ भले उद्देश्य से।


और उसकी महिमा की शक्‍ति के अनुसार हर प्रकार के सामर्थ्य से बलवंत होते जाओ ताकि तुम हर प्रकार का धीरज और सहनशीलता प्राप्‍त करो, और आनंद के साथ


कोई भी जो झूठी दीनता और स्वर्गदूतों की पूजा में लिप्‍त रहता है, तुम्हें प्रतिफल से वंचित न कर दे। ऐसा व्यक्‍ति देखी हुई बातों पर लगा रहता है और अपनी शारीरिक समझ पर व्यर्थ फूलता है,


अतः तुम परमेश्‍वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, करुणा, दयालुता, दीनता, नम्रता और सहनशीलता को धारण करो।


हे भाइयो, हम तुमसे विनती करते हैं कि जो अनुचित चाल चलते हैं उन्हें चेतावनी दो, कायरों को प्रोत्साहन दो, निर्बलों को संभालो, सब के प्रति सहनशीलता दिखाओ।


तो वह अभिमानी हो गया है, और कुछ नहीं समझता, बल्कि उसे वाद-विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिससे ईर्ष्या, कलह, निंदा, बुरी-बुरी आशंकाएँ,


और नम्रता से विरोधियों को समझानेवाला हो। संभव है कि परमेश्‍वर उन्हें पश्‍चात्ताप का अवसर दे कि वे सत्य को जान सकें


परंतु तूने मेरी शिक्षा, आचरण, उद्देश्य, विश्‍वास, सहनशीलता, प्रेम, धीरज,


वचन का प्रचार कर, समय-असमय तैयार रह, बड़े धैर्य से शिक्षा देते हुए समझा, डाँट और प्रोत्साहित कर।


हम भी पहले निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, भ्रम में पड़े हुए, तथा विभिन्‍न‍ प्रकार की लालसाओं और भोग-विलास के दासत्व में थे, तथा बुराई और ईर्ष्या में जीवन व्यतीत करते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से घृणा करते थे।


या तुम सोचते हो कि पवित्रशास्‍त्र व्यर्थ ही कहता है कि परमेश्‍वर जिसने आत्मा को हमारे भीतर बसाया है, वह उसकी तीव्र लालसा करता है।


इसलिए हर प्रकार की बुराई, और हर प्रकार के छल और कपट और ईर्ष्या, और हर प्रकार की निंदा को छोड़कर,


अंततः तुम सब एक मन, करुणामय, भाईचारे का प्रेम रखनेवाले, दयालु और नम्र बनो।


सब से बढ़कर, एक दूसरे के प्रति गहरा प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम बहुत से पापों को ढाँप देता है।


और भक्‍ति में भाईचारे की प्रीति और भाईचारे की प्रीति में प्रेम बढ़ाते जाओ।


प्रियो, जब परमेश्‍वर ने हमसे ऐसा प्रेम रखा, तो हमें भी आपस में प्रेम रखना चाहिए।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों